मधेपुरा : गरीबों को बास स्वामित्व अधिकार देने के बजाय गरीबों को उजारो अभियान चला रही है नीतीश-मोदी सरकार- पंकज

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अमित कुमार
उप संपादक

मधेपुरा/बिहार : बुधवार को जिला मुख्यालय स्थित कला भवन के समक्ष अखिल भारतीय क्षेत्र एवं ग्रामीण मजदूर सभा जिला इकाई का प्रथम जिला सम्मेलन, अध्यक्ष मंडल के तीन सदस्य रामचंद्र दास, केके सिंह राठौर एवं पिंकी देवी के अध्यक्षता में संपन्न हुआ। सम्मेलन की शुरुआत झंडा तोलन से की गई। झंडा तोलन सीताराम रजक के द्वारा किया गया, साथ ही शहीद बेदी पर पुष्पांजलि खेग्रामस के राष्ट्रीय सचिव सह भाकपा माले के कोसी जोन प्रभारी पंकज कुमार सिंह एवं उपस्थित लोगों के द्वारा किया गया।

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 सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए खेग्रामस के राष्ट्रीय सचिव पंकज कुमार सिंह ने कहा कि गांव व गरीबों पर पटना दिल्ली की नीतीश-मोदी सरकार कहर ढाह रही है। गरीबों को बास स्वामित्व अधिकार देने के बजाए गरीबों को उजारो अभियान चला रही है। नोटबंदी, जीएसटी से गरीबों के रोजगार को छीन लिया तथा तंगहाली व कंगाली में धकेल दिया। पूरी अर्थव्यवस्था चौपट कर बाजार सहित जल, जंगल, जमीन, खनिज को कॉरपोरेटर के हाथों नीलाम किया जा रहा है। मनरेगा, खाद सुरक्षा, कानून को खत्म करने की साजिश की जा रही है, किसानों के खाद बीज सब्सिडी तक समाप्त किया जा रहा है, खेत उजर रहा है। किसान आत्महत्या कर रहे हैं। सामान्य वर्ग आरक्षण के बहाने संविधान को ध्वस्त करने पर तुला है। विश्वविद्यालय में दो सौ की रोस्टर की जगह 13 के रोस्टर लगाकर आरक्षण कोटी को समाप्त कर रहा है। आरक्षण गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम नहीं, बल्कि सामाजिक विषमता को समाप्त करने के लिए था।

पंकज कुमार सिंह ने कहा कि देश पर फासीवादी संप्रदायिक शक्तियों ने जन सरोकार किस वालों की जगह उन्मादी माहौल बना रखा है। गरीबों, दलितों, अकलियतों को लड़ा रही है। हमें चास, बास, रोजगार, सुरक्षा, संविधान, लोकतंत्र के लिए संघर्ष करना होगा। भाजपा जैसी फासीवादी शक्तियों को पराजित करना होगा। लोकतंत्र शक्तियों को ताकतवर बनाना होगा। इस सम्मेलन के साथ हमें गरीबों के एजेंडा बास भूमि स्वामित्व अधिकार, रोजगार, भोजन, शिक्षा जैसे मौलिक अधिकार की लड़ाई को आगे बढ़ाना होगा। उन्होंने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि अपने मौलिक अधिकार की लड़ाई के साथ लोकतांत्रिक आंदोलन के साथ एकजुटता कायम रखेंगे रामचंद्र दास ने कहा कि निर्माण श्रमिक, आशा, आंगनबाड़ी, रसोईया सहित जीविका, टोला सेवक सहित अन्य स्कीम वर्कर जो खेत मजदूर परिवार से आते हैं। उन्हें बहुत कम मजदूरी मानदेय पर काम करना पड़ता है।  सरकार तो कई को मजदूर का दर्जा तक नहीं देता है। रसोईया का हड़ताल चल रहा है। 1250 रुपया मासिक देना श्रम कानून का उल्लंघन ही नहीं है बल्कि अपराध है। सरकार के श्रमिक गरीबों के प्रति अपराधिक रवैया के खिलाफ व्यापक एकजुटता जरूरी है। केके सिंह राठौर ने कहा कि गरीबों की गोलबंदी के साथ निर्णायक संघर्ष ही एकमात्र रास्ता है। जिसे हमें करना होगा।

 मौके पर खेग्रामस के सहरसा जिला सचिव ललन यादव, अध्यक्ष विक्की राम, शंभू शरण भारतीय, मुकेश राम, संतोष पोद्दार सहित अन्य लोगों ने भी संबोधित किया।

सम्मेलन के दौरान खेग्रामस नेता रामवृदा पासवान, भूपेंद्र राम सहित समाजवादी श्रमिक नेता जॉर्ज फर्नांडिस को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

इस मौके पर खेग्रामस के सैकड़ों कार्यकर्ता एवं अन्य लोग उपस्थित थे।


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