बिहार (प्रेस विज्ञप्ति) : पसमान्दा मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय संयोजक प्रो० फिरोज मंसूरी ने कर्नाटक में कांग्रेस की बहुमत सरकार को बधाई देते हुये कहा कि काँग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने कर्नाटक में सरकार गठन से पहले पसमान्दा मुस्लिम समाज से सबसे अधिक वोट लिया, जब सरकार बनी तो पसमान्दा को तेजपत्ता की भांति निकाल बाहर कर दिया। मंत्रीमंडल में एक भी पसमान्दा मुस्लिम का ना होना इस बात की पुष्टि करता है ।
प्रो० फिरोज मंसूरी ने कहा कि इस गलत निर्णय से 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस मुंह की खायेगी, पसमान्दा मुस्लिम समाज के बगैर 2024 का सपना अधुरा होगा। पसमान्दा समाज उसी दल को वोट देगी जो उनके शैक्षिक, राजनितिक और आर्थिक हिस्सेदारी में बराबरी की व्यवस्था करे । प्रो० फिरोज मंसूरी ने कहा कि अगर कर्नाटक में एक पसमान्दा उप मुख्यमंत्री लाया जाता तो भारत के अन्य राज्यों के आगामी चुनाव में इसके दूरगामी प्रभाव होते, क्योंकि भारत के कुल मुस्लिम आबादी का 85% पसमान्दा मुस्लिम वोट है, जिसपर संघ भाजपा की बड़ी तैयारी पहले से चल रही है, यूपी के नगर निकाय चुनाव में भाजपा ने इसी को ध्यान में रख कर अधिकांश सीटों पर पसमान्दा को टिकट दिये और पसमान्दा मुस्लिम समाज ने भारी संख्या में वोट देकर जिताया भी, समाजवादी पार्टी के पसमान्दा विरोधी नीति ने उसे निकाय सत्ता से दूर कर दिया।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस को गंभीरतापूर्वक उन सभी बिन्दुओं पर विचार करनी चाहिए, कर्नाटक की सिद्दा रमैया सरकार ने पसमान्दा मुस्लिम समाज के साथ धोखा किया है जिसका खमियाजा कांग्रेस को आगामी चुनाव में भुगतनी होगी, पसमान्दा मुस्लिम समाज अब अपनी हकमारी बर्दाश्त नहीं करेगा, वोट चाहिये तो हिस्सेदारी देनी होगी ।