शहर में गोलीबारी कर, पत्र के माध्यम से पांच लाख रुपये की रंगदारी मांगने वाला गिरोह गिरफ्तार

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मधेपुरा/बिहार : मधेपुरा शहर अंतर्गत गोली फायर कर दहशत फैलाने तथा पत्र के माध्यम से रंगदारी मांगने के मामले में मधेपुरा पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है. शहर में विभिन्न जगह गोली फायर कर दहशत फैलाने तथा पत्र के माध्यम से रंगदारी मांगने के मामले में मधेपुरा पुलिस ने चार अपराधियों को एक देशी कट्टा, दो जिंदा गोली, 21 कोरेक्स की बोतल एवं एक मेटरसाईकल के साथ गिरफ्तार किया है. इस आशा की जानकारी सोमवार को पुलिस अधीक्षक कार्यालय में प्रेस वार्ता के दौरान पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार ने दी पुलिस अधीक्षक ने बताया कि गिरफ्तार अपराधियों में जिले के गम्हरिया थाना अंतर्गत जोगबनी वार्ड नंबर चार निवासी अशोक कुमार के पुत्र मुख्य अभियुक्त अंकुश कुमार, जिले के सिंहेश्वर थाना अंतर्गत मनहरा सुखासन वार्ड नंबर 10 निवासी सुनील कुमार के पुत्र राजा राज, जिले के शंकरपुर थाना अंतर्गत रायभीड़ निवासी रामकिशुन मंडल के पुत्र सुधीर कुमार एवं जिले के शंकरपुर थाना अंतर्गत रायभीड़ निवासी लालो यादव के पुत्र रिंटू कुमार शामिल हैं.

गोलीबारी कर, पत्र के माध्यम से करते थे पांच लाख रुपये रंगदारी की मांग : पुलिस अधीक्षक ने बताया कि शहर के दो व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में 21 दिसंबर 2022 को लिफाफे में बंद पत्र मिला था, जिसमें जान मारने की धमकी देते हुये पांच लाख रुपये रंगदारी की मांग की गई थी. इनमें से एक कर्पूरी चौक स्थित पान दुकान थी तथा दूसरा ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय के बगल में स्थित सब्जी मंडी चलाने वाले एक व्यवसायी था. इस बाबत सदर थाना में अज्ञात के विरुद्ध दर्ज करते हुए अनुसंधान प्रारंभ किया गया था. इस घटना का उदभेदन भी नहीं हुआ था कि पुनः पांच मार्च 2023 की रात्रि के करीब 11 बजे पान व्यवसायी के आदर्श नगर वार्ड नंबर आठ स्थित निजी आवास पर दो मोटरसाईकिल पर अज्ञात अपराधकर्मी के द्वारा घर को लक्षित करते हुए गोलीबारी की घटना की गयी और लिफाफे में बंद एक पत्र भी फेंका गया. जिसमें पुनः पांच लाख रुपये की मांग रंगदारी के रूप में की गई थी.

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सबुत को छिपाने के दृष्टिकोण से चेहरे पर हेलमेट या मास्क का करते थे प्रयोग : पुलिस अधीक्षक ने बताया कि घटना की इस पुर्नावृति को देखते हुये उनके द्वारा इसे काफी गंभीरता से लेते हुए घटना के उदभेदन के लिए सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अजय नारायण यादव के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया. जिसमें सदर थानाध्यक्ष एवं सदर थाना के अन्य पदाधिकारी, टेक्निकल सेल के सदस्य तथा कमांडो टीम को शामिल किया गया. उन्होंने बताया कि उदभेदन के दृष्किोण से मधेपुरा पुलिस के लिए यह काफी चुनौतीपूर्ण घटना थी, क्योंकि अपराधी सबुत को छिपाने के दृष्टिकोण से चेहरे पर हेलमेट या मास्क का प्रयोग करते थे, ताकि उनकी पहचान उजागर न हो पाये. यही कारण था कि घटनाओं के उदभेदन की दिशा में हो रहे अनुसंधान का अनुश्रवण वे स्वंय कर रहे थे.

हार्डवेयर दूकान सह आवास पर भी अज्ञात अपराधकर्मी के द्वारा गोली-बारी की घटना : पुलिस अधीक्षक ने बताया कि टीम के द्वारा अनुसंधान किया ही जा रहा था कि पुनः चार अप्रैल 2023 को लगभग 11.20 बजे विश्वविद्यालय मुख्य द्वार के पास स्थित राजीव कुमार के हार्डवेयर दूकान सह आवास पर भी अज्ञात अपराधकर्मी के द्वारा गोली-बारी की घटना की गई तथा दरवाजे पर एक पत्र भी मिला. जिसमें इनसे भी रंगदारी की मांग की गई थी. शहर में इस तरह की घटना बिल्कुल नई थी तथा अपराधी अज्ञात होने के कारण लगातार इस तरह की घटना को अंजाम दे रहे थे. गठित टीम के द्वारा इस संदर्भ में कई स्थलों पर जाकर वैज्ञानिक युक्तियों का इस्तेमाल करते हुए उनसे प्राप्त तथ्यों का विश्लेषण किया गया तथा दूसरी ओर गुप्त सूचना के आधार पर भी कई पूर्व के अपराधकर्मी को सत्यापन व पूछताछ के लिए थाने पर लाया गया.
हथियार के साथ शहरी क्षेत्र से दो अपराधकर्मी को किया गया था गिरफ्तार : पुलिस अधीक्षक ने बताया कि कर्पूरी चौक स्थित घटना तथा विश्वविद्यालय मुख्य द्वार पर घटित घटनाक्रम का विडियो फुटेज भी पुलिस को मिला था. इस विडियो फुटेज का वैज्ञानिक युक्तियों के आधार पर फिल्टरेशन करते हुए सभी थानाध्यक्षों को पहचान स्थापित करने के लिए वितरित किया गया था. थानाध्यक्षों से प्राप्त सूचना तथा वैज्ञानिक अनुसंधान में आये तथ्यों के निर्धारण के बाद सर्वप्रथम शहरी क्षेत्र से दो अपराधकर्मी को गिरफ्तार किया गया तथा उनके पास से हथियार, कारतूस, नशीला पदार्थ और कई आपत्ति जनक सामान भी बरामद किया गया. जब इन दोनों अभियुक्तों से कड़ाई से पूछताछ की गई तो इनलोगों ने सभी घटना में न केवल अपनी संलिप्तता बतायी बल्कि अपने उन दोस्तों के बारे में भी बताया जो कि इस घटना में शामिल थे.

घटना को अंजाम देने के लिए अंकुश द्वारा गिरोह का किया गया था गठन : पुलिस अधीक्षक ने बताया कि गिरफ्तार अपराधकर्मी से पूछताछ करने के बाद इनकी निशानदेही पर शंकरपुर थाना क्षेत्र से भी दो अन्य अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया जो कि घटना में शामिल थे. पूछताछ के कम में कुछ चौकाने वाले खुलासे भी हुये हैं. इस तरह के घटना को अंजाम देने के लिए मुख्य अभियुक्त अंकुश कुमार के द्वारा एक गिरोह का गठन किया गया था, जिसमें पकड़ाये हुये अभियुक्तों के अलावे अन्य कई युवा दोस्तों को इसमें शामिल किया गया था. पूछताछ के क्रम में मालूम हुआ कि अंकुश कुमार के द्वारा इस तरह के अपराध को संगठित रूप देने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा था.

व्यवसायियों को डरा-धमका कर रंगदारी के रूप में पैसे वसूल करना गिरोह का मुख्य उद्देश्य : पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस गिरोह का मुख्य उद्देश्य शहर में व्यवसायियों को डरा-धमका कर रंगदारी के रूप में पैसे वसूल करना तथा नशीले पदार्थों का व्यापार कर अधिक से अधिक युवाओं को उसमें जोड़ना तथा अपराध की दुनियां में अपना नाम कमाना था. घटनाओं में गिरफ्तार सभी अपराधियों का अपराधिक इतिहास भी पाया गया है. ससमय घटना का उदभेदन व घटना में शामिल अपराधियों की गिरफ्तारी मधेपुरा पुलिस के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है. मधेपुरा पुलिस की इस कार्रवाई से एक संगठित अपराध तथा अपराधियों के मंसूबे को ध्वस्त करने में सफलता मिली है. इस गिरोह के अन्य सदस्यों के बारे में जांच जारी है तथा उनकी गतिविधियों का पता लगाया जा रहा है.

अमित अंशु की रिपोर्ट


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