पुलवामा हमला नहीं है, बल्कि चुनाव को लेकर करवाई गई थी घटना : पप्पू यादव

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मधेपुरा/बिहार : हिंदुस्तान में आज हिटलर, नेपोलियन और चंगेज खान से भी ज्यादा तानाशाह शासन है. जिससे खौफ है डर है. लोकतंत्र पूरी तरह से बट चुका है. संविधान को समाप्त करने की पूरी तैयारी की जा रही है. आज यह जरूरी नहीं है कि आप किसी सदन के सदस्य हो. जरूरी यह है कि आप भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कितनी चमचागिरी कर रहे हैं. उक्त बातें रविवार को नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड नंबर 11 के वार्ड पार्षद इसरार अहमद के आवास पर ईद की मुबारकबाद देने पहुंचे जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मधेपुरा लोकसभा के पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने कही मौके पर पप्पू यादव ने मुस्लिम समुदाय के साथ-साथ अन्य समुदाय के लोगों को ईद की मुबारकबाद दी.

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष का नॉमिनेशन को रद्द करने की हुई पूरी साजिश : पप्पू यादव ने कहा कि लालकृष्ण आडवाणी 2019 के बाद किसी सदन के सदस्य नहीं हैं, लेकिन आज तक उनको बड़ी कोठी मिली हुई है. डा मुरली मनोहर जोशी 2019 के बाद किसी सदन के सदस्य नहीं हैं, लेकिन आज तक उन्हें सबसे बड़ी कोठी मिली हुई है. मायावती 2017 के बाद किसी सदन की सदस्य नहीं है, लेकिन उन्हें तीन-तीन बड़ी कोठी मिली हुई है. कांग्रेस से निकलकर कांग्रेस पर हमला करने वाला गुलाम नबी आजाद किसी सदन के सदस्य नहीं हैं, उन्हें भी बड़ी कोठी मिली हुई है. ऐसे कई लोग हैं जो किसी सदन के सदस्य नहीं हैं, लेकिन उन्हें बड़ी कोठी मिली हुई है. उन्होंने कहा कि भाजपा जब कर्नाटक का चुनाव हारने की स्थिति में आ गई है, तो ईडी, सीबीआई, आईएम और आईटी, सबको भेज दिया है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष का नॉमिनेशन को रद्द करने की पूरी साजिश की गई.

पुलवामा हमला नहीं है, बल्कि चुनाव को लेकर करवाई गई थी घटना : पप्पू यादव ने कहा कि 2019 में गठित पुलवामा हमले के तुरंत बाद हमने कहा था कि यह घटना हुई नहीं है बल्कि चुनाव को लेकर करवाई गई है. घटना के समय भी मेरा सबसे पहला सवाल यह था कि आजादी के बाद अब तक देश के जवानों को बिना हेलीकॉप्टर के नहीं ले जाया गया, तो आज फिर सड़क के रास्ते क्यों ले जाया गया था. दूसरा सवाल यह था कि अगर सड़क के रास्ते ले जाया गया तो दूसरे रास्ते को बंद क्यों नहीं किया गया था. तीसरा सवाल यह था कि बिना बुलेट प्रूफ वाहन से जवानों को क्यों ले जाया गया. पप्पू यादव ने कहा कि आज तक ऐसा नहीं हुआ है कि एक वाहन में अलग अलग राज्य के जवानों को बैठाया गया हो. पहले हर वाहन में एक ही बटालियन के सैनिक बैठते थे. साथ ही उस आरडीएक्स वाले वाहन को यह कैसे पता था कि किस वाहन में किस-किस राज्य के जवान बैठे हुए हैं.

गहरी साजिश के तहत करवा दी गई अतीक अहमद की हत्या : पप्पू यादव ने कहा कि पुलवामा हमला सोची-समझी घटना है, ताकि घटना के बाद जवानों का शव किसी एक राज्य में नहीं जाये, शव जाये तो भारत के 17-18 राज्य में जाये. जिससे अधिकांश राज्यों में दंगा फैलाने में आसानी हो सके. उन्होंने कहा कि 2019 में हुए घटना की जांच अब तक क्यों नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि बस इसी बात को तो सत्यपाल मलिक ने उजागर किया है. सत्यपाल मलिक ने जब प्रधानमंत्री से कहा था कि सैनिकों के लिए हमारे पास हेलिकॉप्टर है, उन्हें दे दिया जाये तो प्रधानमंत्री ने उन्हें चुप रहने को कहा. उन्होंने जब यह भी कहा कि दूसरे रास्ते को बंद किया जाये तो उस समय भी उन्हें चुप रहने को कहा गया. अब जब अडानी को सब कुछ सस्ते दाम पर देने का सवाल सतपाल मलिक ने उठाया तो उस पर सीबीआई जांच के लिए भेज दिया गया. उन्होंने कहा कि जब इतनी बड़ी घटना बहस का मुद्दा हो रहा था तो एक गहरी साजिश के तहत अतीक अहमद की हत्या करवा दी गई.

यह हत्या अतीक अहमद की नहीं है बल्कि न्यायालय एवं कानून की है : पप्पू यादव ने कहा कि यह हत्या अतीक अहमद की नहीं है बल्कि न्यायालय एवं कानून की है. इस हत्या के बाद अतीक का अपमान नहीं हुआ है बल्कि कानून का अपमान हुआ है. पप्पू यादव ने मांग किया कि सर्वोच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस द्वारा पुलवामा हमले को लेकर सतपाल मलिक ने जितनी बातें कही है, उसकी जांच हो. उत्तर प्रदेश में जितने एनकाउंटर हुए हैं उसकी पूरी जांच हो.

मौके पर जाप जिलाध्यक्ष मोहन मंडल, प्रदेश महासचिव रामकुमार यादव, अल्पसंख्यक जिलाध्यक्ष मो इशरार अहमद, प्रदेश युवा महासचिव अनिल अनल, अजीर बिहारी, युवा जिलाध्यक्ष गोपी कृष्ण वीडियो, नूतन सिंह, मो सद्दाम, मो बंटी बजाज, वार्ड पार्षद प्रतिनिधि सीताराम यादव, कार्यालय उपसचिव शैलेंद्र कुमार, नीतीश कुमार, युवा रंजन, रणधीर कुमार, विकाश यादव, छात्र जिलाध्यक्ष रौशन कुमार बिट्टू, सामंत यादव, राजू कुमार मन्नू, मो मोफील, गोपी, मो सलाम, मो इरफान, मिथुन यादव, छोटू यादव, निगम राज, पिंटू यादव, अनुज आर्या, ओंकार नाथ, आर्या रौशन, राजा बाबू, आनंद शंकर समेत दर्जनों उपस्थित थे.

अमित अंशु की रिपोर्ट


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