दर्जनों भूमिहीनों एवं दलितों के घरों को बुलडोजर से ध्वस्त किए जाने के खिलाफ समाहरणालय के समक्ष रोषपूर्ण प्रदर्शन

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मधेपुरा/बिहार : जिले के घैलाढ़ प्रखंड अंतर्गत भान गांव के पासवान टोला में प्रशासन द्वारा दर्जनों भूमिहीनों एवं दलितों के घरों को बुलडोजर से ध्वस्त किए जाने से आक्रोशित पीड़ितों ने आज भाकपा के बैनर तले समाहरणालय के समक्ष रोषपूर्ण प्रदर्शन किया l

समाहरणालय के मुख्य द्वार पर भाकपा के अंचल मंत्री बाल किशोर यादव की अध्यक्षता में आयोजित प्रदर्शन को संबोधित करते हुए भाकपा के राष्ट्रीय परिषद सदस्य प्रमोद प्रभाकर ने कहा कि इस भीषण ठंड में प्रशासन द्वारा बिना वैकल्पिक व्यवस्था किए भूमिहीनों एवं दलितों के आशियाना को बुलडोजर से ध्वस्त करना अमानवीय कार्रवाई है।  उन्होंने कहा कि सूबे में सरकार तो बदली, परंतु सरकारी अधिकारी की सोच एवं काम करने के तरीके नहीं बदले l

भाकपा नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं भू राजस्व मंत्री आलोक मेहता ने कई बार गरीबों के घरों पर बुलडोजर नहीं चलाने का निर्देश दिए हैं, बावजूद इसके जल जीवन हरियाली के नाम पर  भान में की गई कार्रवाई घोर आपत्तिजनक है l उन्होंने शीघ्र ही खुले आकाश के नीचे रात बीता रहे पीड़ित परिवार के जानमाल की सुरक्षा करने तथा सभी को बासगीत पर्चा देकर पुनर्वासित करने की मांग की है l भाकपा नेता ने कहा कि हमारी मांगे पूरी नहीं हुई तो आंदोलन तेज एवं उग्र होंगेl

       प्रदर्शन में शामिल भाकपा के जिला मंत्री विद्याधर मुखिया ने कहा कि गरीबों और दलितों पर अत्याचार नहीं सहेंगे l इस भीषण शीतलहर में प्रशासन की बुलडोजर कार्रवाई से बेघर हुए लोगों में से किसी की जाने गई तो उस मौत के जिम्मेवार जिला प्रशासन होगा । पार्टी के राज्य परिषद सदस्य शैलेंद्र कुमार ने कहा कि सभी भूमिहीनों को 5 डिसमिल जमीन देने के सरकारी वायदे पूरे तो नहीं हुयव लेकिन भूमिहीनों के घर पर लगातार बुलडोजर चलाए जाने की कारवाई जारी है जीसे हमारी पार्टी बर्दाश्त नहीं करेगी, जिला प्रशासन को भूमिहीनों को वासगीत पर्चा देना होगा एवं प्रचाधारियों को जमीन पर कबजा दिलाना होगा l युवा नेता शंभू क्रांति ने कहा कि सामाजिक न्याय की सरकार में गरीबों पर अत्याचार, सरकार को बदनाम करने की साजिश है l

       प्रदर्शन में मजदूर नेता कृष्णा मुखर्जी, बिजेंदर पासवान, मोहन पासवान, सोहन  पौदार मनोज पासवान, रवि पासवान, शत्रुघ्न पासवान, विष्णु सदा, रतन सदा, सत्तू सदा, बुटिश स्वर्णकार, बाल गोविंद पासवान, सियाराम पासवान, मंगल पासवान, पवन पासवान, कुंदन पासवान, अभिनंदन पासवान, कृष्ण बल्लभ पासवान, रवि पासवान, प्रदीप पासवान, बासुदेव पासवान, मिथिलेश पासवान, रोहित पासवान, राहुल पासवान, राजेश पासवान, शंभू पासवान, मनोज पासवान, रुपेश पासवान वीरेंद्र शर्मा, नारायण शर्मा, वीरेंद्र शर्मा, बेचन मंडल, सियाराम पासवान, मुनेश्वर पासवान, हरेराम पासवान आदि बड़ी संख्या में पीड़ित परिवार के लोग एवं भाकपा कार्यकर्ता शामिल थे l


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