रीजनल डायरेक्टर के पत्र पर समय रहते संज्ञान नहीं लेना साबित हुआ बीएनएमयू के लिए अभिशाप

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मधेपुरा/बिहार : (प्रेस विज्ञप्ति)बीएनएमयू को शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी बनाने के बजाय उसे लूट खसोट का अड्डा बनाने की मुहिम सी छिड़ गई है, छात्र हित अंतिम पायदान पर चला गया है। ये बातें एआईएसएफ बीएनएमयू प्रभारी हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने बीएनएमयू पर एनएसएस से जुड़े एक बड़े मामले को दबाने का आरोप लगाते हुए कहा है। कुलपति को लिखे पत्र में एआईएसएफ नेता राठौर ने एनएसएस के रीजनल डायरेक्टर पीयूष परांजपे द्वारा बीएनएमयू  कुलपति को 23 नवम्बर को भेजे पत्र संख्या एनएसएस आरडी पैट 2022/23, 5134-5139 का हवाला देते हुए कहा है कि रीजनल डायरेक्टर द्वारा पूर्व में सत्रह अक्टूबर को ही साक्ष्य सहित पत्र भेजने के बाद भी बीएनएमयू द्वारा संज्ञान नहीं लेना दुखद और शर्मनाक है।

प्री रिपब्लिकन डे परेड कैंप में पहली बार बीएनएमयू के एक भी वॉलंटियर का शामिल नहीं होना मंथन का विषय : राठौर ने कहा कि बीएनएमयू में एनएसएस का अपना इतिहास रहा है, यहां के वॉलंटियर्स विभिन्न देशों में प्रतिनिधित्व, राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित होने, रिपब्लिकन डे परेड के हिस्सा बनने के लिए जाने जाते रहे हैं लेकिन इस बार पदाधिकारियों की लापरवाही के कारण एक भी वॉलंटियर रिपब्लिकन डे परेड कैंप का हिस्सा नहीं बन रहे हैं जो मंथन का विषय है । रीजनल डायरेक्टर ने भी पत्र में ऐसा नहीं होने के पीछे कोऑर्डिनेटर की घोर लापरवाही बताया है।

एनएसएस कोऑर्डिनेटरस की मीटिंग में बीएनएमयू का सफल प्रतिनिधत्व नहीं होना सवालों में :  राठौर ने बीएनएमयू की कार्यशैली पर सवाल करते हुए कहा कि तीन जिलों में फैले दर्जन भर से अधिक संख्या के सरकारी कॉलेजों वाले बीएनएमयू में एनएसएस कोऑर्डिनेटरस की रीजनल बैठक जिसमें भारत सरकार के यूथ एंड स्पोर्ट्स मंत्रालय के एनएसएस डायरेक्टर की उपस्थिति व बिहार सरकार के यूथ एंड स्पोर्ट्स मंत्रालय के एनएसएस डायरेक्टर के नेतृत्व वाली बैठक में बीएनएमयू के एनएसएस पदाधिकारी द्वारा व्यक्तिगत कारणवश अपने स्थान पर किन हालातों में एफिलेटेड कॉलेज के एक लेक्चरर को बीएनएमयू का प्रतिनिधि बना कर भेज दिया।इस सम्बन्ध में रीजनल डायरेक्टर ने भी आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि कई जानकार व सक्षम पदाधिकारियों के होने के बाद भी एक ऐसे व्यक्ति को बीएनएमयू ने प्रतिनिधि बना कर भेजा जिसे वित एनएसएस से जुड़ी जानकारियों का घोर अभाव था।

गौरवशाली के इतिहास वाले बीएनएमयू में अल्प मात्रा में वॉलंटियर्स का रजिस्ट्रेशन दुखद : एनएसएस के मामले में वर्षों तक राज्य स्तर पर अपनी अलग पहचान रखने वाले एनएसएस के प्रति छात्रों के बहुत कम झुकाव होने को पदाधिकारियों के लापरवाही का मूल कारण बताते हुए राठौर ने कहा कि अब अधिकांश कार्यक्रम हवा हवाई होने लगे हैं जिसकी खानापूर्ति कागजों में उड़ान भरती है हकीकत में नहीं। रीजनल डायरेक्टर द्वारा भेजे पत्र में इस बार मात्र 961 वॉलंटियर्स के रजिस्ट्रेशन का हवाला चिंताजनक है।

एनएसएस को बना दिया गया खाने पीने का अखाड़ा : राठौर ने विश्वविद्यालय की कार्यशैली पर सवाल दागते हुए कहा कि कई विभाग अब विभागीय फंड के बन्दर बांट का अड्डा बन गया है, जिसमें एनएसएस सबसे आगे है रीजनल डायरेक्टर द्वारा साक्ष्य सहित कुलपति को की गई शिकायत की चर्चा करते राठौर ने कहा कि यहां के पदाधिकारियों की लापरवाही से बीएनएमयू बदनाम हो रहा है। रीजनल डायरेक्टर ने साफ शब्दों में लिखा है कि नियम परिनियम को दरकिनार कर बिल बनाए गए हैं।

एनएसएस के खोए गौरव को लौटाने की हो पहल : कुलपति को लिखे पत्र में राठौर ने पदाधिकारियों की लापरवाही के कारण पहली बार प्री रिपब्लिकन डे परेड कैंप में बीएनएमयू के एक भी वॉलंटियर के शामिल नहीं होने पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि यहां के एनएसएस का एक अपना गौरव है उसे लौटाने की पहल हो।री जनल डायरेक्टर ने भी कुलपति के नाम पत्र में साफ शब्द में लिखा है कि बीएनएमयू एनएसएस प्रोग्राम ऑफिसर को तत्काल प्रभाव से हटाते हुए किसी सरकारी कॉलेज से ऐसे पदाधिकारी को नियुक्त किया जाए जो हर प्रकार की अहर्ता पूरी करते हों, राठौर ने यह भी साफ किया कि वाम छात्र संगठन एआईएसएफ किसी कीमत पर ऐसी हरकतों को बर्दास्त नहीं करेगा, जिसमें छात्रों की प्रतिभा व बीएनएमयू की प्रतिष्ठा दांव पर हो।


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