मधेपुरा नगर परिषद की लापरवाही लोगों की मौत का कारण

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मधेपुरा/ बिहार : मधेपुरा नगर परिषद अपने लापरवाही एवं सुस्त रवैया के कारण हमेशा चर्चा में रहता है, लेकिन अब नगर परिषद के अनदेखीपन एवं लापरवाही लोगों की मौत का कारण बन रहा है. बुधवार को नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड नंबर आठ स्थित एक जल मिनार टूट कर सड़क पर चूर-चूर हो गया, जो नगर परिषद के कार्यशैली को दर्शा गया. बुधवार की दोपहर लगभग 12 बजे नगर परिषद के द्वारा निर्मित वार्ड नंबर आठ स्थित उर्दू प्राथमिक विद्यालय के पीछे जलमिनार का पानी वाला टेंक एकाएक टूटकर नीचे गिर पड़ा. उसी समय सड़क से गुजर रहे एक व्यक्ति समेत कई बच्चे उसके चपेट में आ गया. इसमें सभी लोग गंभीर रूप से चोटिल हुये है. घटना को लेकर स्थानीय लोग आक्रोशित थे. लोगों का कहना था कि संयोगवश पानी का टेंक किसी के शरीर पर नहीं गिरा, नहीं तो बड़ी घटना से इनकार नहीं किया जा सकता था. टेंक के बगल में लोगों का फूस का घर था. जिसपर गिर जाता तो मुहल्ले में मातमी सन्नटा पसर जाता. सूचना के उपरांत घटना स्थल पर नगर परिषद कार्यपालक पदाधिकारी अजय कुमार पहुंच कर लोगों से वार्ता किया एवं संबंधित लोगों पर कार्रवाई करने की बात कही है.
गुणवत्तावीहन होने के कारण पानी का भार सहन नहीं कर पाया जलमिनार : जानकारी के अनुसार यह जलमिनार एवं आसपास सप्लाई पाइप में लगभग 25 लाख रूपये खर्च किये गये है. हालांकि पूर्ण रूप से कितने रूपये खर्च किये गये है इसकी जानकारी घटना स्थल पर मौजूद अधिकारियों को भी नहीं थी. उन्होंने कागजात देखने के बाद पूर्ण जानकारी देने की बात कही. मालूम हो कि इस जलमिनार को बने हुये लगभग एक साल भी नहीं हुआ है और इसने नगर परिषद के कार्यशैली पर सवाल खड़ा कर दिया. सबसे खास बात यह है कि इस जलमिनार ने अभी तक न तो लोगों को पानी पिलाया है और न ही सप्लाई शुरू हुआ है. बीते तीन चार दिन पहले सप्लाई के लिये टेंसटिंग शुरू किया गया था. इस दौरान टेंक में पानी भरा गया. यह जलमिनार गुणवत्ताविहीन होने के कारण पानी का भार नहीं सह पाया और टूटकर चकनाचूर हो गया.
संवेदक को काम देकर आंख बंद कर लेते है नगर परिषद अधिकारी : घटना स्थल पर उपस्थित लोगों ने कहा कि नगर परिषद संवेदकों को कार्य सौंप कर आंख बंद कर लेती है. नगर परिषद के अधिकारियों के द्वारा कार्य की समय-समय पर निगरानी की जाती तो आज यह दिन नहीं देखना पड़ता. लेकिन साहब को कार्यालय से फुर्सत ही कहां है कि क्षेत्र में हो रहे कार्य की देख रेख करें. घटना में जख्मी हुये राजेश कुमार वार्ड नंबर आठ अपने ससुराल आ रहे थे कि जलमिनार के बगल से गुजरने के क्रम में पानी का टेंक टूट कर गिर पड़ा. जिससे वह जख्मी हो गये. वहीं आसपास मौजूद बच्चों एवं महिलाओं को टेंक ईंट का टुकरा छिटकर कर लगा और वह लोग जख्मी हो गया.
समय रहते कार्यों पर होती निगरानी तो नहीं देखना पड़ता यह दिन : स्थानीय वार्ड पार्षद प्रतिनिधि दीपक कुमार ने भी जलमिनार निर्माण करने वाले संवेदक एवं नगर परिषद के कार्यशैली पर सवाल खड़ा किया है. उन्होंने कहा कि जलमिनार के निर्माण के समय में ही उन्होंने उसके गुणवत्ता सवाल किया था. जिसके बाद निर्माण कर्ताओं द्वारा उनपर रंगदारी करने का आरोप भी लगाया. उन्होंने मामले को लेकर नगर परिषद को भी सूचना दी, लेकिन किसी ने इसपर ध्यान नहीं दिया. कार्य जैसे तैसे खत्म कर पैसे का उठाव कर लिया गया. समय रहते नगर परिषद प्रशासन इसपर ध्यान देती तो आज यह दिन नहीं देखना पड़ता. उन्होंने यह भी कहा कि इस कार्य को लेकर वार्ड पार्षद को कोई सूचना नहीं दी गयी. कौन संवेदक कार्य कर रहा है और कितने के लागत से इसका निर्माण हो रहा है इसकी भी जानकारी नहीं थी. स्थानीय लोगों द्वारा गुणवत्ताविहीन कार्य करने की सूचना मिलने पर सवाल किया गया था.

इस संबंध में मधेपुरा नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी अजय कुमार ने बताया कि घटना स्थल पर पहुंच मामले की जानकारी ली गयी. साथ ही स्थिति को भी देख लिया गया है. जलमिनार निर्माण में संवेदक के कार्यों की जांच की जायेगी. जांचोपरांत आगे की कार्रवाई की जायेगी.

अमित कुमार अंशु संपादक
अमित कुमार अंशु
संपादक
द रिपब्लिकन टाइम्स

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