मधेपुरा/बिहार : भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय की कुव्यवस्था व वर्षों से वादा के बाद भी पहल नहीं करने के विरोध में मंगलवार को विश्वविद्यालय मुख्य द्वार पर वाम छात्र संगठन एआईएसएफ और युवा संगठन एआईवाईएफ ने संयुक्त रूप से विश्वविद्यालय प्रशासन का पुतला फूंक आक्रोश व विरोध दर्ज कराया।
छात्र नेता सौरव कुमार व युवा नेत्री रेखा कुमारी के नेतृत्व में आयोजित पुतला दहन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बीएनएमयू प्रभारी हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने कहा कि बीएनएमयू में भ्रष्टाचार व वर्षों से वादाखिलाफी चरम पर है। सात साल के बाद गर्ल्स हॉस्टल शुरू नहीं होना व दस दिन की जगह एक साल में बीएड जांच कमिटी का रिपोर्ट नहीं आना इसका उदाहरण मात्र है, ऐसे अनगिनत मामले हैं जिससे छात्रहित की अनदेखी की गई है। वाम छात्र व युवा संगठन इसे किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगा। विश्वविद्यालय ने एक बार फिर छात्रहित में निराश किया।यह आंदोलन धीरे-धीरे और तेज होगा। एआईवाईएफ राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य शम्भु क्रांति ने कार्यक्रम में अपनी बात रखते हुए कहा कि यह दुखद है कि स्थापना के तीन दशक पूरा कर चुके बीएनएमयू में अभी तक एकेडमिक कैलेंडर मूर्त रूप में लागू नहीं हो सका नहीं छात्र हित में सफल प्रशासनिक माहौल बना पाया। विश्वविद्यालय परिसर के शिक्षा शास्त्र विभाग में शिक्षकों की बहाली को लेकर हुए इंटरव्यू के अगले दिन सूची जारी करने की जगह बीस दिन बाद भी सूची नहीं देने से धांधली चर्चा सच साबित होने लगी है।
एआईएसएफ राज्य परिषद् सदस्य छात्र नेत्री मौशम प्रिया ने कहा कि सरकार के आदेश के बाद भी निशुल्क गर्ल्स व एससी,एसटी एजुकेशन को लागू करने की बात लगातार करने के बाद भी एडमिशन में अलग अलग मद में फीस लेना बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। आंदोलन का नेतृत्व करते हुए छात्र नेता सौरव कुमार व युवा नेत्री रेखा कुमारी ने कहा कि यह आंदोलन एक बार फिर विश्वविद्यालय की अराजकता के खिलाफ शंखनाद है जो लगातार उग्र होता जाएगा।दुखद है कि उच्च शिक्षा के सर्वोच्च परिसर में भी विश्वविद्यालय की सर्वोच्च कमिटी सीनेट व सिंडीकेट के जहां पूर्व के फैसलों का पालन नहीं हुआ वहीं वर्तमान में कई सदस्यों का मुखर होकर कुव्यवस्था का विरोध करना कई सवालों को जन्म देता है।हकीकत यह है कि अब सिर्फ जुमले बाजी का दौर आ गया है जमीन पर काम कुछ नहीं हो पा रहा है।
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उप संपादक