जान जोखिम में डाल समपार फाटक पार करते  हैं लोग

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मधेपुरा/बिहार : मधेपुरा शहर में रेलवे समपार फाटक बंद रहने के बावजूद लोग अपनी जान जोखिम में डालकर ढाला पार करते हैं. शहर में दो रेलवे क्रॉसिंग बना है. कर्पूरी चौक के पास रेलवे समपार फाटक काफी व्यस्त रहने के बावजूद मालगाड़ी का सेंटिंग इसी ढाला से किया जाता है. इस कारण दिन भर में कई बार इसे बंद करना पड़ता है. माल गाड़ी को सेंटिंग करने में कम से कम आधे घंटे का समय लगता है. रेवले प्रशासन के उदासीनता के कारण समपार फाटक के बंद रहने के बाद भी लोग अपने गंतव्य की ओर जाने के लिये मारामारी करते है. इस दौरान दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. रेलवे प्रशासन समय रहते ध्यान नहीं देती है तो एक बड़ी घटना घटित होने से इनकार नहीं किया जा सकता है. ज्ञात हो कि पूर्व में रेलवे ढाला के समीप समपार फाटक के पास पुलिस बलों की तैनाती नहीं रहने के कारण घटना घटित हो चुकी है. फिर भी रेलवे प्रशासन सजग नहीं हो रही है.Photo : www.therepublicantimes.coPhoto : www.therepublicantimes.co

फाटक के नीचे से निकलने से घट सकती है घटना : मधेपुरा-सुखासन रोड के बीच रेलवे ढाला बंद रहने से बाइक और चार पहिया वाहनों की लंबी लाइन लग जाती है. उमस भरी गर्मी में आधे घंटे तक इंतजार करना लोगों के लिए काफी दुखदायी बन जाता है. इसी क्रम में बाइक और साइकिल सवार के साथ-साथ पैदल राहगीर रेलवे फाटक के नीचे से पार होने लगते हैं. पैसेंजर ट्रेन या माल गाड़ी या फिर इंजन जब पीछे वापस आती है तो लोगों को पता भी नहीं चल पाता है. ऐसे में कभी भी कोई अप्रिय घटना घट सकती है.Photo : www.therepublicantimes.coPhoto : www.therepublicantimes.co

समपार फाटक पार कर ट्रैक पर खड़े रहते है लोग : मंगलवार को आधे घंटे से मालगाड़ी का इंजन इधर से उधर कर रहा था. लोग समपार फाटक को पार कर रेलवे ट्रैक के बीच में खड़े थे. मालगाड़ी का इंजन के मुरलीगंज की ओर बढने पर अचानक लोगों में अफरा-तफरी मच गयी. सममार पाटक बंद रहने के बाद भी फाटक के नीचे एवं बगल से किसी तरह अपने बाइक एवं सायकिल लेकर पार करने लगे. जिसे देख पैदल बूढ़े लोग, महिलाएं एवं बच्चे भी फाटक के नीचे से निकलने लगे. इस क्रम में वह इंजन पुनः वापस दौरम मधेपुरा स्टेशन की ओर आ गयी. जो बाइक एवं साइकल चालक या पैदल राहगीर फाटक के दूसरी तरफ नहीं जा पाये, वे लोग ट्रैक के बीच में खड़े हो गये. जिसके कारण लोग काफी परेशान हो गये.

अधिकारी के उदासीनता के कारण नहीं बना ओवरब्रीज : मालूम हो कि बीते वर्षों में कर्पूरी चौक से पतरघट जाने वाली सड़क पर रोजाना लगने वाली महाजाम से मुक्ति को लेकर रेलवे के प्रस्ताव पर बिहार राज्य पुल निर्माण निगम ने जेनरल एलायमेंट ड्राइंग (जीएडी) तैयार कर समस्तीपुर रेल मंडल को भेज गया था. इससे फाटक पर बनने वाले इस ओवरब्रिज से शहर के दक्षिणी क्षेत्र में लगने वाली जाम की समस्या से लोगों को निजात मिलती, लेकिन रेलवे अधिकारियों के उदासीन रवैये के कारण अब तक इस दिशा में कोई पहल नहीं की गयी है.

रेलवे द्वारा नहीं चलाया जाता है जागरूकता अभियान : रेल इंजन या माल गाड़ी के ट्रेक बदलने के समय फाटक बंद रहने के कारण रेलवे ढाला के दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लग जाती है. जिससे लोग जान जोखिम में डालकर फाटक के नीचे से पार करते हैं. इतना ही नहीं फाटक के नीचे से बाइक या साइकल निकलते समय लोगों द्वारा रेलवे फाटक को कई बार थोड़ा सा ऊपर-नीचे किया जाता है, ऐसे में कई लोगों के सिर में चोट भी लग जाती है. समपार पाटक बंद रहने के बावजूद बाइक और साइकिल लेकर रोड क्रॉस करने में होने वाली जोखिम को लेकर लोगों में जागरूकता की जरूरत है. जागरूकता के लिए रेलवे विभाग द्वारा खासकर व्यस्त फाटक के आसपास रेलवे पुलिस तैनात करने के साथ-साथ वहां बैनर पोस्टर लगाने की जरूरत है, जो कि दिखाई नहीं दे रहा है. साथ ही इस मामले को लेकर बराबर जागरूकता अभियान चलाकर ऐसे नहीं करने की सलाह देनी चाहिये.

अमित कुमार अंशु
उप संपादक

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