नालंदा: गुलगुलिया परिवार के सैकड़ों लोग भुखमरी के शिकार, प्रखंड कार्यालय का घेराव

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नालंदा/बिहार : जिला मुख्यालय बिहार शरीफ से 20 किलोमीटर और सिलाव प्रखंड मुख्यालय से एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित नगर पंचायत स्थित मितमाॅ गांव जहां गुलगुलिया परिवार जो अत्यंत महादलित परिवार से आते हैं, रेलवे लाइन के किनारे बसे हुए हैं, आज इस परिवार के सामने कोरोना संक्रमण के कारण लॉकडाउन के वजह कर इस गुलगुलिया परिवार भुखमरी का भूख दंश झेल रहा है।

आज इस गुलगुलिया परिवार का कोई शुद्ध तक लेने वाला नहीं है। भुखे प्यासे, महिला और छोटे-छोटे बच्चों को लेकर सिलाव प्रखंड कार्यालय पहुंचे। गुलगुलीया परिवार के सुमन गुलगुलीया, सामन गुलगुलीया, उमा देवी, रुपसपा गुलगुलीया, गुल्लु देवी, लिला देवी, नौसा देवी, देवन्ती देवी, श्रीदेवी गुलगुलीया, अंजू देवी, तपस्वीनी देवी, पूजा गुलगुलीया, सजना गुलगुलीया एवं उनके भुख से बिलफते बच्चों ने बताया कि जब से लाॅकडाउन लगा है, हम सभी लोगों का रोजगार चला गया है।

इस परिवार का मुख्य पेशा भीख मांग कर अपना भरण-पोषण करना है जो इस कोरोना काल में जब भीख मांगने के लिए गांव जाते हैं तो गांव के लोगों ने कोरोना कह कर भद्दी भद्दी गालियां देते हैं मारपीट कर भगा देते हैं जिससे हम लोगों के सामने भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है और बच्चों की भूख की तकलीफ देखकर बर्दाश्त नहीं होता है तब जाकर हम लोगों ने ब्लॉक पहुंचकर प्रशासन से अपनी फरियाद को कहने के लिए पहुंचे हैं। अब हम लोगों के घर में कुछ भी खाने पीने की वस्तु नहीं बची है।

बता दें कि जिले के सभी प्रखंड कार्यालय में गरीबों के लिए किचन की व्यवस्था किया गया है, मगर सिलाव प्रखंड में गरीबों के लिए कहीं कोई किचन की व्यवस्था नहीं की गई है, जिसके कारण लोग इस लाॅकडाउन में गरीब अपने पेट की भुख मिटाने के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं।

इस संबंध में प्रखंड विकास पदाधिकारी डा.अंजनी कुमार ने बताया कि यहां किचन की व्यवस्था नहीं है। यदि ऐसा कोई भी निर्देश मिलेगा तो अनुपालन किया जाएगा। वहीं राजगीर अनुमंडलाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि मामले की जानकारी हुई है, प्रशासन के द्वारा उचित व्यवस्था किया जाएगा। महामारी के दौर में कोई भी भूखा नही रहे प्राथमिकता पूर्वक कार्य की जा रहा है। हालांकि जिन क्षेत्रों में गुलगुलिया परिवार रह रहे हैं वह नगर पंचायत क्षेत्र का है। जिसका देखरेख करने की पूर्ण जिम्मेवारी नगर पंचायत कार्यपालक पदाधिकारी एवं नगरपंचायत के वार्ड पार्षदों की है।

इस मामले में कार्यपालक पदाधिकारी राजेश कुमार गिरी ने पूर्व में बताया था कि सभी वार्ड पार्षदों को अपने-अपने क्षेत्रों में वैसे व्यक्ति जिन्हें की लॉकडाउन में खाने पीने की समस्या हो सकती है, चिन्हित कर उचित व्यवस्था करने की जिम्मेवारी सौंपी गई है। लेकिन आज तक कोई भी वार्ड पार्षदों के द्वारा इस मामले में कोई भी जानकारी नही दिया गया, शायद वार्ड पार्षदों ने इसे गंभीरता से नही लिया है। जिसके कारण ही गुलगुलिया परिवार जो वार्ड संख्या 8 में निवास किए हुए हैं। भूखे प्यासे होने के कारण आखिरकार इन लोगों ने प्रखंड कार्यालय पहुंच भूख मिटाने की गुहार लगाई है। गरीब महादलित के लिए किचन की व्यवस्था की सरकारी दावे की पूरी तरह पोल खुल गई है।

मुर्शीद आलम
नालंदा ब्यूरो
बिहार

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