जेएनकेटी मेडिकल कालेज :  प्राचार्य डा गौरिकांत मिश्रा एवं अधीक्षक डा राकेश कुमार को पद से हटाया गया

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मधेपुरा/बिहार : कोरोनाकाल में ऑक्सीजन की कमी से लेकर डॉक्टरों की अनुपस्थिति एवं कुव्यवस्था को लेकर विवादों से घिरा जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के प्राचार्य एवं अधीक्षक को सरकार के द्वारा एक साथ हटा दिया गया है. इस बाबत बिहार सरकार स्वास्थ्य विभाग के विशेष कार्य पदाधिकारी एसएस पांडेय ने निवर्तमान एवं वर्तमान प्राचार्य तथा अधीक्षक को पत्र जारी कर सूचित कर दिया है. शुक्रवार की देर शाम जन नायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के प्राचार्य डा गौरिकांत मिश्रा एवं अधीक्षक डा राकेश कुमार को पद से हटा दिया है.जबकि डॉक्टर भूपेंद्र को नया प्राचार्य एवं डॉक्टर वैद्यनाथ को अधीक्षक पद पर तैनात किया गया है, मालूम हो कि मेडिकल कॉलेज को एक सप्ताह पूर्व ही सरकार ने पांच सौ बेड का कोविड डेडिकेटेड अस्पताल बनाया था हि कि वहां के व्यवस्था में भारी लापरवाही सामने आ रही थी.Photo : www.therepublicantimes.co

डा भूपेंद्र बने जेएनकेटी मेडिकल कालेज के प्रचार्य : डा गौरी कांत मिश्रा को जननायक कर्पूरी ठाकुर चिकित्सा महाविद्यालय के पद से हटाकर, राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल बेतिया के नेत्र विभाग के प्राध्यापक डा भूपेंद्र प्रसाद को प्राचार्य बनाया गया है. बिहार सरकार स्वास्थ्य विभाग की विशेष कार्य पदाधिकारी द्वारा जारी पत्र के अनुसार डा गौरी कांत मिश्रा को प्रशासनिक दृष्टिकोण से प्राचार्य पद से मुक्त किया गया. साथ ही नये प्राचार्य डा भूपेंद्र प्रसाद को मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी की शक्ति प्रदान की गई है.

डा बैधनाथ को किया गया मेडिकल कालेज का अधीक्षक नियुक्त  : डा राकेश कुमार को जननायक कर्पूरी ठाकुर चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल के अधीक्षक पद पर से हटाते हुए महाविद्यालय के ही पैथोलॉजी विभाग के सह प्राध्यापक डा बैधनाथ ठाकुर को अधीक्षक नियुक्त किया गया है. बिहार सरकार स्वास्थ्य विभाग के विशेष कार्य पदाधिकारी के द्वारा जारी पत्र के अनुसार डा राकेश कुमार को भी प्रशासनिक दृष्टिकोण से अधीक्षक पद से मुक्त किया गया है. नये अधीक्षक डा बैधनाथ ठाकुर को मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी की शक्ति प्रदान की गई है.

अस्पताल से लगातार डॉक्टरों के गायब होने की मिल रही थी शिकायत : प्राचार्य डा गौरि कांत मिश्रा पर लगातार मुख्यालय से गायब रहने के आरोप लग रहे थे. अभी बीते दिन सिंहेश्वर राजद विधायक चंद्रहास चौपाल ने भी प्राचार्य पर जमकर बरसे थे. वहीं अधीक्षक डा राकेश कुमार लगातार मेडिकल कॉलेज की कमियों को लेकर खुलकर बोल रहे थे. अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी व संसाधन की कमी को ये खुलकर बोल रहे थे. इस कारण भी इन्हें पद से हटाने की चर्चा चल रही है. चर्चा ये भी है कि अधीक्षक व प्राचार्य के बीच बनाव नहीं था. एक सप्ताह पूर्व ही जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल को पांच सौ बेड का कोविड डिडिकेटेड अस्पताल घोषित किया गया था. इसके बाद से ही यहां तनाव बढ़ने लगा था. अस्पताल से लगातार डॉक्टरों के गायब होने की शिकायत मिल रही थी और गिने चुने चिकित्सकों द्वारा अस्पताल चलाया जा रहा था.

अमित कुमार अंशु
उप संपादक

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