मधेपुरा : दहेज हत्या में पति को दस साल की सजा और एक लाख का जुर्माना, ससुर को सात साल की सजा और 50 हजार का जुर्माना

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मधेपुरा/बिहार : व्यवहार न्यायालय परिसर के जिला एवं सत्र न्यायाधीश रमेश चंद मालवीय की अदालत ने विवाहिता श्वेता कुमारी की हत्या के मामले में मृतिका के 40 वर्षीय पति आशीष कुमार को हत्या के मामले में 10 वर्ष की सजा एवं एक लाख रुपया का जुर्माना तथा उत्पीड़न के मामले में तीन वर्ष की सजा एवं दस हजार रुपया का जुर्माना एवं मृतिका के 70 वर्षीय ससुर अशोक कुमार को हत्या के मामले में सात वर्ष की सजा एवं 50 हजार रुपये का जुर्माना तथा उत्पीड़न के मामले में तीन वर्ष की सजा एवं दस हजार रुपये का जुर्माना देने की सजा सुनाई है. साथ ही जुर्माने की राशि नहीं देने पर छह माह की सजा अतिरिक्त भुगतनी होगी. जुर्माने की सजा की आधी राशि में मृतिका श्वेता कुमारी की दो वर्षीय पुत्री अंशिका सिंह को देने का आदेश न्यायालय के द्वारा दिया गया है. इसके अलावा न्यायालय ने पीड़ित राहत कोष से अंशिका सिंह को दो लाख रुपये देने का आदेश दिया गया है.
शादी के डेढ़ साल बाद करने लगे थे पांच लाख रुपये एवं सोने की चेन देने की मांग : मामले में मृतिका श्वेता कुमारी के पिता जिले के उदाकिशुनगंज प्रखंड अंतर्गत शहजादपुर निवासी त्रिलोकी सिंह ने बताया कि उनकी पुत्री पुत्री की शादी जिले के सुखासन निवासी आशीष कुमार के साथ सात मई 2015 को हिंदू विधि विधान के साथ हुई थी. शादी में उन्होंने अपने पुत्री के लिए उपहार स्वरूप लगभग 10 लाख रुपये के सोने एवं चांदी के गहने एवं कपड़े दिए थे. शादी के लगभग डेढ़ वर्ष बाद ही पुत्री के पति एवं ससुर के द्वारा श्वेता से पांच लाख रुपये एवं सोने की चेन देने की मांग करने लगे. जिस पर श्वेता एवं उन्होंने जब इस में असमर्थता जाहिर की तो, श्वेता के ससुराल वाले उसे विभिन्न तरीके से प्रताड़ित करने लगे. त्रिलोकी सिंह ने बताया कि 17 फरवरी 2019 को श्वेता ने एक पुत्री को जन्म दिया. 11 अप्रैल 2019 को श्वेता की पति आशीष कुमार एवं ससुर अशोक कुमार सिंह उनसे फिर से दहेज की मांग करने लगे, लेकिन उन्होंने दिन से मना कर दिया. जिसके बाद 12 अप्रैल 2019 की देर रात्रि लगभग दो बजे उन्हें उनके दामाद आशीष कुमार के द्वारा उनके पुत्र रोहित कुमार के मोबाइल पर फोन आया कि श्वेता ठीक नहीं है, उसे जिला मुख्यालय के मिशन अस्पताल में भर्ती करवाया गया है.
 मृतिका के शव को बरामदे पर रखकर, घर से भाग चुके थे परिजन : त्रिलोकी सिंह ने बताया कि जब वे अपने रिश्तेदारों के साथ आनन-फानन में मिशन अस्पताल पहुंचे तो उन्हें पता चला कि उनकी पुत्री श्वेता की मौत हो चुकी है और उसके शव को उसके ससुराल सुखासन ले जाया गया है. जिसके बाद जब वे सुखासन पहुंचे तो, उन्होंने देखा कि घर पर कोई नहीं है है और श्वेता का शव घर के बरामदे पर पड़ा हुआ है. साथ ही उन्होंने देखा कि श्वेता के गले पर रस्सी से दबाने का निशान है. इस संबंध में उन्होंने सदर थाना में पुत्री के पति आशीष कुमार सिंह, ससुर अशोक कुमार सिंह, सास हिना देवी, ननद सीमा देवी एवं ननद सिमा देवी के पति राजेश कुमार सिंह के विरुद्ध मामला दर्ज करवाया. जिसके बाद मंगलवार को न्यायालय ने पति एवं ससुर के विरुद्ध सजा सुनाई तथा हिना देवी, सीमा देवी एवं राजेश कुमार सिंह के विरुद्ध अनुसंधान जारी है. त्रिलोकी सिंह ने कहा कि न्याय की जीत हुई है. मामले में अभियोजन की ओर से नौ गवाहों का परीक्षण हुआ. साथ ही अभियोजन की ओर से बहस लोक अभियोजक इंद्रकांत चौधरी एवं बचाव पक्ष की ओर से सुमन कुमार सिंह कर रहे थे.

अमित कुमार अंशु
उप संपादक

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