दहेज और तिलक मांगने वालों का हो सामाजिक बहिष्कार

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छातापुर/सुपौल/बिहार : मुख्यालय पंचायत के वार्ड नंबर छ स्थित इस्लामपुर मस्जिद के प्रांगण में सोमवार को दहेज के खिलाफ मुस्लिम धर्मालंबियों की एक बैठक आयोजित की गई। बैठक को सम्बोधित करते हुए जमीयत-उल-कासिम दारुल उलूम-उल-इस्लामिया मधुबनी के एचएम मुफ़्ती मो अंसार कासमी ने शादी विवाह में दहेज जैसे घिनौने चलन से दूर रहने की अपील करते हुए कहा कि दहेज लेना और देना यह हमारे मजहबे इस्लाम के अंदर नाजायज और हराम है, अगर कोई व्यक्ति दहेज लेकर शादी करता है तो हमलोगों को उसका जमकर विरोध करना चाहिए और शादी का बहिष्कार करना चाहिए । कहा कि आज बेटियों की शादी दहेज की वजह से एक बोझ माना जाता है।  इसलिए हर एक आदमी को अपने घर से ही सुधार करने की आवश्यकता है औरों में एक आदर्श के रूप में अपने आपको दिखाने के लिए समाज को इस्लामी शिक्षाओं के अनुसार विवाह करना केवल सौभाग्य की गारंटी है।

मौलाना मो सदरे आलम के ने कहा कि समाज के सभी आदमी को आगे आकर दहेज के खिलाफ एक जुटता दिखाना होगा। मौलाना आरिफ रहमानी ने कहा कि आखरी पैगंबर हजरत मुहम्मद मुस्तुफा (सo) का कॉल है कि हैसियत हो तो निकाह करें, इसका मतलब यह है कि पति सिर्फ पत्नी के खर्च का जिम्मेदार है । स्थानीय समाजसेवी मो मकसूद मसन ने कहा कि जो लोग दहेज और तिलक लेकर शादी करे, उसका सामाजिक बहिष्कार किया जाना चाहिए ।  मौलाना मो इजराइल ने कहा कि दहेज गैरों का तरीका है, जो इस्लाम के खिलाफ है । मौलाना मो मुबारक ने कहा कि इस इस घिनोनी रिवाज को रोका जाना चाहिए है। दहेज के खिलाफ आंदोलन में सफल होने के लिए यह आवश्यक है कि समाज के प्रभावशाली लोगों को एकजुट करें और अपने साथ मातृभूमि के भाइयों को भी ले जाएं, वे इसका समर्थन भी करेंगे। कारी अकबर अली उस्मानी ने कहा कि शिक्षा को बढ़ावा देने से समाज में सुधार संभव है।

इस दौरान मौलाना मो रफीक, मौलाना अब्दुल कय्यूम, कारी मुहम्मद आरिफ उस्मानी, कारी मो  शाहिद, अमीर मो रफीक, कारी असगर अली, हाफिज सद्दाम, कारी मो मुश्ताक उस्मानी, हाफिज सैफुल ने भी बैठक में अपनी अपनी बातें रखी। कहा कि छातापुर प्रखंड क्षेत्र के सभी गांव में दहेज को रोकने के लिए कमिटी का भी गठन किया गया है।

मौके पर उलेमा और आसपास के क्षेत्र के इमाम बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

रियाज खान
संवाददाता
छातापूर/सुपौल

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