मधेपुरा/बिहार : विकास सतत प्रक्रिया है, लेकिन व्यवस्थित विकास सुकून देता है. वहीं अव्यवस्था हो तो तनाव पैदा करता है. गलत पार्किंग के कारण शहर में रोज जाम की स्थिति बनती है. जाम व्यक्ति एवं व्यवस्थाजनित नकारात्मक स्थिति है. जिससे तनाव एवं मानसिक पीड़ा पैदा होती है.
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“द रिपब्लिकन टाइम्स” इस समस्या की ओर प्रशासन, जनप्रतिनिधि सहित आमलोगों का ध्यान आकृष्ट करने की कोशिश कर रहा है, ताकि इस समस्या से निजात पाने का प्रयास शुरू किया जा सके. ऐसा नहीं है कि प्रशासन इस समस्या से अनजान है, लेकिन जिला प्रशासन द्वारा इस समस्या से निपटने की तैयारी भी नहीं की जा रही है.
लोगों को परेशानी में डाल रही है पार्किंग की समस्या : शहर के विकास के लिए सरकार द्वारा तमाम योजनाएं बनायी जा रही हैं. इन योजनाओं के तहत जिले में विकास का कार्य भी किया जा रहा है. विश्वविद्यालय के अलावे मेडिकल कॉलेज, रेलवे फैक्ट्री होने की वजह से जिले के विकास में और बढ़ोतरी हो रही है, लेकिन एक समस्या जो लोगों को हमेशा परेशानी में डाल रही है. वहीं जिला प्रशासन का भी इस ओर कोई ध्यान नहीं है. यह समस्या है पार्किंग की. सड़क निर्माण में नियमानुसार पार्किंग के लिए जगह भी छोड़ना है लेकिन सच इससे अलग है.
थोड़ा ठहरिये… साहब सब्जी खरीद रहे हैं !
मधेपुरा शहर के मेन रोड से गुजरते वक्त अगर जाम मिल जाये तो समझ जाये तो समझिये कोई साहब या मेम साहब अपनी गाड़ी सड़क पर ही खड़ी कर खरीदारी कर रहे हैं. खास तौर पर शाम के वक्त यह नजारा आम होता है. जाम में फंसे लोग केवल सड़क पर खड़ी गाड़ियों की ओर देख कर कुछ बुदबुदा कर दिल को सुकून दे लेते हैं. वर्षों से शहर का यही हाल है. लोग भी क्या करें, कहां अपनी गाड़ी कहां पार्क करें. शहर में पार्किंग की कोई व्यवस्था भी नहीं है और न स्थानीय नगर निकाय इसका समाधान ढूंढ़ने की कोशिश करने की कवायद कर रही है.
बढ़ रहे हैं बाजार और आबादी भी : एक दशक पहले तक दो किलो मीटर लंबी एक सड़क के दोनों ओर लगे बाजार तक ही मधेपुरा का कारोबार सीमित था. शहर अब विस्तृत होता जा रहा है. बाजार का आकार भी विशाल होता जा रहा है. आबादी बढ़ रही है. इसके साथ ही शहर में बड़ी और लग्जीरियस गाड़ियों की तादाद में भी इजाफा होता जा रहा है. इसके कारण अन्य बड़े शहर की तरह मधेपुरा में भी पार्किंग बड़ी समस्या बन रही है. पार्किंग की व्यवस्था न तो किसी बैंक में और न बाजार में है. प्राइवेट नर्सिंग होम, साइबर, शॉपिंग सेंटर एवं शहर के बड़े- बड़े प्रतिष्ठानों के सामने जाम लगी रहती है. इस तरह घंटों जाम में रहने के कारण लोग जिले के आलाधिकारियों व जनप्रतिनिधियों को कोसते रहते हैं.
ये हैं जिला मुख्यालय के जाम स्थल : सुभाष चौक स्थित बैंक ऑफ इंडिया एवं ग्रामीण बैंक, भारतीय स्टेट बैंक मुख्य शाखा एवं एडीबी बैंक, मेन रोड स्थित सेंट्रल बैंक आदि के सामने तो सुबह से लेकर देर शाम तक जाम की स्थिति बनी रहती है. मेन रोड पर ही कई ब्रांडेड कंपनियों के शोरूम एवं डिपार्टमेंटल स्टोर हैं. जाम के कारण जयपालपट्टी चौक स्थित नर्सिंग होम एवं एलआईसी कार्यालय के सामने तो पैदल चलने की स्थिति भी नहीं रहती है.
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क्या करें कि थोड़ी राहत मिले :-
»अगर खरीदारी करने मधेपुरा शहर आये हैं तो अपने चार पहिया वाहन को सड़क के अलावा कहीं और पार्क करने की कोशिश करें
»एसएनपीएम स्कूल मैदान, रासबिहारी स्कूल मैदान आदि में भी गाड़ी पार्क की जा सकती है.
»मोटरसाइकिल को इस तरह लगायें कि इससे आवागमन बाधित न हो
»आम तौर पर यह देखा जाता है कि जिस दुकान में हम खरीदारी करते हैं गाड़ी भी ठीक उसके सामने ही लगाते हैं. कृपया ऐसा करने से बचें ताकि अन्य लोगों को असुविधा न हो.