नालंदा/बिहार: राज सरकार के द्वारा कोरोना वायरस से लड़ने और बचाव करने के लिए जैसे ही लॉक डाउन किया गया ना मानो जिले के जमाखोरों की चांदी हो गई और जिले में खाने-पीने के जरूरी सामानों की जमाखोरों के द्वारा जमकर कालाबाजारी शुरू हो गई।
एक तरफ जनता कोरोना वायरस जैसी खतरनाक बीमारी से परेशान और दहशत में तो दूसरी तरफ जमाखोरों की कालाबाजारी ने गरीब, मजदूर, रिक्शा, ठेला और रोज कमा कर अपने घर चलाने वालों की कमर ही तोड़ कर रख दी। बताया जाता है कि 2 दिनों में जनता कर्फ्यू और लॉक डाउन के कारण गेहूं के 50 किलो के बोरे की कीमत 12 सौ से बढ़कर 14 सौ, चावल जो 2400 में बिक रहे थे आज उसकी दाम बढ़कर 2550, आलू एक बोरा 700 से बढ़कर 800 और प्याज एक बोरा पंद्रह ₹100 से बढ़कर 1650 रुपया हो गया है ।
इस तरह 2 दिनों मैं सामानों के जमाखोरों ने जमकर कालाबाजारी की और जनता के ऊपर एक बोझ बढ़ा दिया एक तो लॉक डाउन की वजह कर पूरी गरीब मजदूर सभी परेशान हाल हैं तो दूसरी तरफ जमाखोरों की खूब चांदी हो रही है। इस तरह की घटना से जिला प्रशासन को काबू करने की वक्त की जरूरत है इसलिए कि जमाखोरों पर लगाम लगाया नहीं जाता है तो जनता को जमकर लूट कर अपनी चांदी काटेंगे। जिला प्रशासन को इस कालाबाजारी पर तत्काल कार्रवाई कर जमाखोरों के खिलाफ सख्ती से निपटने की जरूरत है।