नालंदा/बिहार : जिले में माध्यमिक शिक्षक संघ के शिक्षकों की आंदोलन धीरे-धीरे और तेज होने लगा है। बुधवार को जिले के कई प्रखंड मुख्यालयों पर शिक्षकों ने अपनी मांगों के समर्थन में धरना कार्यक्रम का आयोजन किया। जिला मुख्यालय बिहारशरीफ के अस्पताल मोड़ पर शिक्षकों द्वारा धरना दिया गया। धरना की अध्यक्षता संघ के अध्यक्ष डॉक्टर विनायक लोहानी ने की।
इस अवसर पर शिक्षकों ने कहा करो कार्रवाई या बरसाओ लाठी ना झुके हैं आप ना झुकेंगे। उन्होंने कहा कि जिले में हड़ताल शत-प्रतिशत सफल है और उम्मीद जताई कि जल्द ही हमारी मांगे पूरी हो सकती है। आंदोलनकारी शिक्षकों में नई जान फूंकने, सरकार से अपनी मांगे मनवाने व शिक्षकों पर हुई कार्रवाई को खत्म करने की मांग की। पहले के मुकाबले आज हड़ताल और ज्यादा मजबूत हुआ है। संघ के जिलाध्यक्ष विनायक लोहानी ने कहा कि जिस प्रकार हमारा आंदोलन सफल हो रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार अपनी मर्जी की मालिक होती है। वे चाहे कार्रवाई करवाए या लाठियां बरसवाएं। लेकिन, न तो अब तक सरकार के आगे झुके है और न ही झुकेंगे।
संघ के जिला सचिव देव नंदन प्रसाद सिंह ने कहा कि हमलोग पिछले 9 दिनों से लगातार हड़ताल पर हैं। हमलोगों का हड़ताल जैसे-जैसे तेज होता जा रहा है। सरकार की परेशानियां सामने आ रही है। घबराहट में आकर निर्दोष शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज करने के साथ ही निलंबन का आदेश जारी कर दी है।जो सरासर गलत और सरकार की घबराहट को उजागर कर रही है। उन्होंने कहा कि जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं हो जाती तब तक जिले के सभी शिक्षक मूल्यांकन का वहिष्कार करते रहेंगे।सरकार हमारी बातों को मान लेती है तो सभी मूल्यांकन कार्यों को फौरन हम लोग निपटा देंगे।सरकार दमनकारी रुख एखतीयार करना बंद करें। एक स्कूल के एक ही विषय के दो शिक्षकों का अलग-अलग माहवारी मिलना एक मास्टरों की मानसिक दवा वनाता है जिससे वह बच्चों के बीच में सही से शिक्षा दे नहीं पाएंगे। सरकार कहती है के शिक्षकों के हड़ताल के वजह कर बच्चों का भविष्य अंधकार में हो गया है लेकिन आज हम शिक्षकों के द्वारा ही बिहार के सभी छात्रों का भविष्य उज्जवल हुआ है और छात्रों का ग्राफ बढ़ा हैऔर उत्तीर्ण होने के भी प्रतिशत में बिहार लगातार आगे बढ़ता जा रहा है। यह सब हम शिक्षकों के अथक प्रयास से ही संभव हो पाया है।
मौके पर कुमार आश्विनी चन्द्रा, अविनाश चन्द्र पाण्डे, प्रीतम कुमार, दीपक, डॉ. शांतुन कुमार, पंकज कुमार भारती, डॉ. पवन कुमार, बाल कुमुद, मो०. इरशाद आलम, इन्द्रजीत सूमन, मो० जुनैद आलम, धर्मवीर सिन्हा, मनोज कुमार गुप्ता, उदय शंकर, राजीव कुमार, कविता कुमारी, सविता कुमारी, धीरेन्द्र कुमार, डॉ. नागेन्द्र कुमार, रूचि कुमारी, मो० इमरान, रवि रंजन इत्यादि दर्जनों से ज्यादा शिक्षक मौजूद थे।