सुपौल : मुल्क की सलामती और अमन-चैन की दुआ के साथ दो रोजा इस्लाह-ए-मुआशरा जलसा का समापन

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रियाज खान
संवाददाता
भीमपुर, सुपौल

छातापुर/सुपौल/बिहार : छातापुर प्रखंड के झखाड़गढ़ पंचायत स्थित मदरसा जामिया मजीदया दारूल कुरआन परिसर में शुक्रवार से आयोजित दो रोजा इस्लाह-ए-मुआशरा जलसा शनिवार को दुआ के साथ समापन हुआ। जलसा में मौलाना नुरुल्लाह कासमी के द्वारा देश की सलामती एवं अमन-चैन की दुआ मांगी गई ।

आयोजित जलसा में पहले दिन शुक्रवार की संध्या हुई तकरीर में उलेमाओ ने लोगों को समाज में सदभाव के साथ अमन चैन की बूनियाद पर जीवन जीने की नसीहत दी , साथ ही समाजिक कुरीतियों से दूर रहकर बच्चों को तालिम देने पर जोड़ दिया गया । दुआ पूर्व मदरसा निर्माण के लिए लोगों से मदद की अपील करते हुए इल्म की  अहमियत पर प्रकाश डाला गया।

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वक्ताओं ने कहा कि मोहब्बत व मोहम्मद एक दूसरे के पूरक हैं। जिसमें मोहब्बत नहीं वो मोहम्मद का नहीं हो सकता। जो मजहब तलवार की ताकत पर कायम हो उसे इस्लाम मत कहना। एक हाथ में कुरआन व दूसरे हाथ में  मोहब्बत का पैगाम लेकर चलने वाले की, जहां मजहब का झंडा व वतन की शान तिरंगा की बात आएगी, वहां गर्व से तिरंगे का दामन थाम लेंगे। उलमा-ए-केराम ने इल्म और दीन  पर रौशनी डालते हुए आमजनो से कहा कि फिजूल खर्ची करने के बजाय अपने-अपने बच्चों को अच्छी तालीम  पर खर्च करें । उन्होने कहा कि कयामत करीब है, गुमराही से बचना है तो अल्लाह की रस्सी को मजबुती से पकड़ लें । मुसलमान नमाज नहीं पढे तो इससे बुरी बात और क्या हो सकती है। जबकी पांचों वक्त की  नमाज मुसलमानों पर फर्ज है। जो हर बुरे काम करने से रोकता है। इसलिए उन्होने सभी मुसलमानो से पांचो वक्त की  नमाज पढने की अपील किया। कहा कि शादी विवाह में दहेज जैसे घिनौने चलन से दूर रहें, दहेज लेना और देना इस्लाम मे हराम है । कहा कि अल्लाह का हुक्म है कि हमसभी  इंसानों को एक दूसरे से मोहब्बत करना चाहिए, सदभावना और आपसी भाईचारे के साथ रहने से ही समाज व राष्ट्र को तरक्की के रास्ते पर ले जाया जा सकता है।

जलसा की अध्यक्षता मौलाना अल्हाज नोमान ने  और संचालन मौलाना जियाउल्लाह जिया रहमानी ने की । वक्ताओं में हजरत मौलाना मुफ़्ती समीद अजहर रहमानी, मौलाना मुफ़्ती अंसार कासमी, मौलाना नेमतुल्लाह कासमी, मौलाना मुफ़्ती अमानुल्लाह कासमी, मौलाना आरिफ, मौलाना अब्दुल मजीद चतुर्वेदी, कारी लुकमान दानिश, हाफिज साहदुल्लाह, कारी मो जाहिद, कारी मो आजम खान, मौलाना रफीक अहमद कासमी और मौलाना मो अली थे ।

मौके पर अतिथि के रूप में थानाध्यक्ष अनमोल कुमार, झखाङगढ के पूर्व सरपंच शिवलाल यादव, छातापुर यूवा कमेटी के अध्यक्ष मकसूद मसन, मो हारूण, मो असगर आदि मौजूद थे । आयोजन को सफल बनाने में मदरसा के सचिव मो मंसुर, मौलवी अब्दूल मजीद, मो जफ्फार, मो मनसुर, मो ताहिर, मो दाउद, मो अख्तर, मो जसीम खाॅ, मो जूबैर, अब्दुल जब्बार सहित स्थानीय यूवा जूटे हुए थे ।


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