मधेपुरा/बिहार : मिथिला के लोक एवं शिष्ट के प्रतिनिधि कवि विद्यापति के ‘उगना रे मोर कते गेला’ पर सृजन दर्पण के युवा रंगकर्मियों ने ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय में जीवंत प्रस्तुति दी। इसके लिए महाविद्यालय प्राचार्य डा केपी यादव ने रंगकर्मी विकाश कुमार को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
इस अवसर पर प्राचार्य ने कहा कि सृजन दर्पण सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण एवं संवर्धन में लगातार प्रयासरत है। विकाश एक संभावनाशील रंगकर्मी है। मौके पर उपस्थित महाविद्यालय के प्राध्यापक, बीएनएमयू सिंडिकेट सह सीनियर सदस्य डा जवाहर पासवान ने कहा रंगकर्म के सहारे अतीत को जीवंत करना मानवीय सांस्कृतिक चेतना की बेहतरी के लिए आवश्यक है। विद्यापति पर आधारित कार्यक्रम देख कर, यह सहज विश्वास हो गया कि रंगकर्मी विकाश एवं इनके सहयोगी अच्छा काम करते हैं। डा ललन प्रसाद सहनी ने कहा कि ‘उगना रे मोर कते गेला’ देखा तो लगा साक्षात विद्यापति और उगना को देख रहे हैं, वाकई प्रस्तुति बेहतरीन थी। संस्था के अध्यक्ष डा ओमप्रकाश ओम ने कहा जब प्रस्तुति लोगों के दिल को छूती है तो इसकी सार्थकता और कलाकारों की कलात्मक प्रतिभा के निखरने का विश्वास होता है। इससे आनंद और संतोष मिलता है।
मौके पर महाविद्यालय के डा विकाश आनंद, अमित कुमार, अभिषेक कुमार आनंद, डा अशोक कुमार अकेला एवं मनीष कुमार मौजद थे. सम्मानित होने पर सृजन दर्पण के सदस्य एवं रंगकर्मी सत्यम, निखिल, सौरभ, सुमन, धीरज, सुशील, विद्यासागर, मुन्नी, पुष्पा, मनीषा, अंजली, राखी, रूपा, रितिका, राजनंदनी, तन्नूप्रिया, कृतिका रंजन आदि ने बधाई दी।