दरभंगा/बिहार : बिहार प्राथमिक शिक्षक बहाली में एनसीईआरटी के नियमों के विपरित शिक्षा विभाग द्वारा डीएलएड को प्राथमिक दिए जाने के विरोध में ब्रजनंदन यादव की अध्यक्षता में बीएड टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की बैठक एलएनएमयू कैंपस पीएनबी बैंक के पास हुई।
बैठक को संबोधित करते हुए शिक्षक बहाली मोर्चा के जिला अध्यक्ष ब्रजनंदन यादव ने कहा कि सरकार 2012 नियमावली के तहत बहाली कर रही है लेकिन उसका अनुपालन खुद नहीं कर रही है। डी एल एड की प्राथमिकता की बात न तो 2012 के नियमावली में है न ही 2019 के अधिसूचना में इसका जिक्र है। लाखों रुपया खर्च कर बीएड करने के बाद एनसी ई टी के गाइड लाईन के तहत टीईटी 1-5 क्वालीफाई किया फिर पंचायत – पंचायत घूम कर 2 महीने तक आवेदन किया। इस आशा में की हमलोग भी प्राथमिक शिक्षक के रूप में अपना योगदान दे सके लेकिन सरकार ने आवेदन प्रक्रिया समाप्त होने के लगभग 1 महीना के बाद 17 दिसंबर 2019 को डी एल एड को प्राथमिकता दे दी। जबकि हाल ही में माननीय उच्च न्यायालय पटना द्वारा भी डी एल एड के प्राथमिकता का केस खारिज किया जा चुका है । सरकार बीएड अभ्यर्थियों को प्राथमिक शिक्षक बनने का सपना चकनाचूर कर दिया। बैठक को दर्जनों अभ्यर्थियों ने संबोधित किया।
प्रकाश कुमार परासर ने अपने संबोधन में कहा कि सरकार यदि बीएड अभ्यर्थियों को नियोजन में समान अवसर प्रदान नहीं करती है तो हमलोग न्यायालय में अपनी बात रखेंगे। सरकार का रवैया शिक्षा विरोधी है। बैठक को स्पेशल उर्दू/बंगला टीईटी पास संघ के सचिव मो अशरफ ने अपने संबोधन में सरकार के प्रति रोष प्रकट करते हुए कहा कि शिक्षक बहाली में सरकार बिहार के अभ्यर्थियों को प्राथमिकता देने की मांग की। उन्होंने कहा कि बिहार के रिक्ती पर पहला अधिकार बिहारी अभ्यर्थियों का है ताकि यहां के लोगों को भी रोजगार मिल सके । बैठक में प्रकाश कुमार , रंजीत कुमार, गणेश कु यादव,हिमांशु भूषण शिन्हा ,अलका रानी ,विवेकानंद, गुरिया सहित सैकड़ों अभ्यर्थियों ने भाग लिया।