मधेपुरा : बाल विवाह की रोकथाम के लिए समाज में जागरूकता जरुरी

(फोटो –टीआरटी)
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अमित कुमार अंशु
उप संपादक

मधेपुरा/बिहार : जिला मुख्यालय स्थित रासबिहारी उच्च विद्यालय में छात्रों के बीच बाल विवाह एवं दहेज उन्मूलन अभियान की सफलता को लेकर विस्तार से बताया गया । मौके पर उपस्थित बाल विवाह एवं दहेज उन्मूलन अभियान की जिला समन्वयक नूतन कुमारी मिश्र ने दहेज प्रथा और बाल विवाह के दुष्प्रभाव से छात्रों को अवगत कराते हुए विस्तार से बताया ।

उन्होंने कहा कि बाल विवाह उन्मूलन एवं दहेज प्रथा उन्मूलन को लेकर मधेपुरा जिला दूसरे स्थान पर है । मधेपुरा जिले में बहुत ही ज्यादा बाल विवाह हो रहा है,  इसको लेकर 2017 में राज्य सरकार ने एक अभियान चलाया था । जिसको की बहुत ही बड़े पैमाने पर लागू किया जा रहा है, ताकि बाल विवाह एवं दहेज प्रथा को शून्य पर लाया जा सके,  इसके लिए हर स्तर पर समिति बनाई जा रही है । जिला स्तर पर, अनुमंडल स्तर पर एवं प्रखंड स्तर पर समिति बनाई जा रही है, जिसमें मुखिया से लेकर विकास मित्र सहित जिले के सभी अधिकारियों की भागीदारी होगी। इसके अलावा जागरूकता को लेकर जिले के प्रत्येक स्कूल में जाकर छात्र-छात्राओं को जागरूक करना है। सभी जगहों पर जाकर लोगों को जानकारी देनी है कि बाल विवाह क्या है एवं बाल विवाह का उम्र क्या है। कई छात्र-छात्राओं को यह तक पता नहीं है कि बाल विवाह क्या है। छात्र छात्राओं को यह जानकारी देनी है कि जब लड़कियों का उम्र 18 साल एवं लड़कों का उम्र 21 साल से कम होने पर विवाह होता है तो उसे बाल विवाह कहा जाता है।

उन्होंने कहा कि समितियों का गठन करके बाल विवाह की रोकथाम के लिए समाज में जागरूकता फैलाना है। बाल विवाह निरस्त भी कराया जा सकता है। उन्होंने विशेष तौर पर कहा कि बाल विवाह का हमें विरोध करना चाहिए। जिला समन्वयक ने कहा कि समय से पूर्व की गई शादी के बाद जच्चा व बच्चा दोनों के ऊपर खतरा रहता है। जन्म लिए बच्चे अधिकतर अस्वस्थ रहते हैं। जिस कारण घर में बीमारी की समस्या से जूझने को विवश हो जाते हैं। वहीं कानूनी रूप से लड़कियों की 18 वर्ष एवं लड़कों की 21 वर्ष के बाद के बाद की गई शादी को कानूनी मान्यता देने की बात बताइ। उन्होंने कहा कि बाल विवाह एक अपराध है और हम सभी को मिलकर बच्चों के साथ होने वाले इस अपराध को समाप्त करना है. जिससे बच्चों के जीवन के साथ होने वाले खिलवाड़ को समाप्त किया जा सके और उनके बाल जीवन को बर्बाद होने से बचाया जा सके। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य बाल विवाह के दुष्परिणामों, कारणों एवं रोकथाम के उपायों के बारे में जागरूक करना है। बाल विवाह बच्चों के बचपन एवं शिक्षा के अवसर को छीनता है। उन्हें बाल विवाह उन्मूलन अभियान के प्रसार के लिए भी प्रेरित किया और वहां उपस्थित छात्रों को बाल विवाह रोकने की शपथ भी दिलाई।

मौके पर विद्यालय की प्रभारी प्राचार्य रंजना कुमारी शिक्षक मुर्तुजा अली, अमित कुमार सहित अन्य छात्र उपस्थित थे।


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