मधेपुरा : अम्बेदकर छात्रावास में भीमराव अंबेडकर के 64 वीं पुण्य तिथि मनाई गई

(फोटो –टीआरटी)
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अमित कुमार अंशु
उप संपादक

मधेपुरा/बिहार :  ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय के अम्बेदकर छात्रावास में शुक्रवार को बाबा साहेब डा भीमराव अंबेडकर के 64 वीं पुण्य तिथि को महापरिनिर्वाण दिवस के रूप में मनाया गया।

मौके पर उपस्थित अतिथियों एवं छात्रों ने बाबा साहब डा भीमराव अंबेडकर के तैल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया। अपने अध्यक्षीय संबोधित में छात्रावास अधीक्षक, टीपी कालेज के राजनीति विज्ञान के विभागाध्यक्ष सह बीएनएमयू सीनेट एवं सिंडीकेट सदस्य डा जवाहर पासवान ने कहा कि भारतीय संविधान के निर्माता, समाज सुधारक भारत रत्न बाबा साहेब डा भीमराव अंबेडकर का महापरिनिर्वाण दिवस छह दिसंबर ‘महापरिनिर्वाण दिवस’ के रूप में पूरे देश में मनाया जाता है। डा अंबेडकर दलित वर्ग को समानता दिलाने के लिए जीवन भर संघर्ष करते रहे। वे दलित समुदाय के लिए एक अलग राजनैतिक पहचान की वकालत करते रहे. देश में डा अंबेडकर की याद में कई कार्यक्रम किए जाते हैं।

उन्होंने कहा कि डा अंबेडकर ने सामाजिक छुआ-छूत और जातिवाद के खात्‍मे के लिए काफी आंदोलन किए। उन्‍होंने अपना पूरा जीवन गरीबों, दलितों और समाज के पिछड़े वर्गों के उत्‍थान के लिए न्‍योछावर कर दिया। अंबेडकर ने खुद भी उस छुआछूत, भेदभाव और जातिवाद का सामना किया है, जिसने भारतीय समाज को खोखला बना दिया था। बाबा साहब का जन्म महार जाति में हुआ था। जिसे लोग अछूत और निचली जाति मानते थे। अपनी जाति के कारण उन्हें सामाजिक असमानता का सामना करना पड़ा। प्रतिभाशाली होने के बावजूद स्कूल में उनको अस्पृश्यता के कारण अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था। इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने सावित कर दिया की मनुष्य जन्म से नहीं कर्म से बड़ा होता हैं। बाबा साहब के बताये गए मार्ग शिक्षित बनो, संगठित हो, संघर्ष करो को अपने जीवन में आत्मसात करना ही बाबा साहब को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

 मुख्य अतिथि के रूप में बीएनएमयू पूर्व कुलसचिव प्रो सचिनद्र महतो ने कहा कि बाबा साहेब म राव अंबेडकर अपने जीवन में बहुत सी यातनाए झेलने के बाद भी संविधान में सबको बराबरी का अधिकार दिये। ये उनकी सबसे बड़ी महानता है। विशिष्ट अतिथि के रूप में सुभाष पासवान ने कहा कि अगर देश में कोई भी केंद्र सरकार संविधान के अनुसार कार्य करता तो हमारा देश आज विकासशील नहीं विकसित देशों में शुमार होता। संचालन छात्रनायक राजहंस राज उर्फ मुन्ना ने की।

मौके पर डा अरविंद पासवान, राजकुमार रजक, सुभाष कुमार सुमन, विकास कुमार पासवान, सनोज कुमार, सोरेन, नीतीश, चंदन, पिंटू, राजन, दीपक, विनोद, कुंदन, प्रिंस, शिवम, अमित, विनीत, अनिल, सुनील, संतोष, ललन, सत्यम, सुदर्शन, पप्पू, विकास, सन्नी, गौरव, विभंजन, रौशन, मोहन सहित अन्य लोग उपस्थित थे।


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