मुजफ्फरपुर : जल और हरियाली से ही जीवन सुरक्षित है – मुख्यमंत्री

टीआरटी तस्वीर
Spread the news

अंजुम शहाब
ब्यूरो
मुजफ्फरपुर

मुजफ्फरपुर/बिहार : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को पश्चिम चंपारण जिले के बगहा-2 प्रखंड स्थित चम्पापुर में जल-जीवन-हरियाली अभियान अंतर्गत आयोजित जागरूकता सम्मेलन में 1032 करोड़ (103216.712 लाख) रुपये की 841 योजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास रिमोट के माध्यम से शिलापट्ट का अनावरण कर किया। मुख्यमंत्री ने सम्मेलन का विधिवत उद्घाटन दीप प्रज्ज्वलित कर किया। तिरहुत प्रमंडल के आयुक्त पंकज कुमार ने पौधा भेंटकर मुख्यमंत्री का अभिनंदन किया। नेताओं एवं जनप्रतिनिधियों ने फूलों की बड़ा माला, गुलदस्ता एवं स्मृति चिन्ह भेंटकर मुख्यमंत्री का स्वागत किया।

मुख्यमंत्री ने जल-जीवन-हरियाली अभियान एवं आज किये गये उद्घाटन एवं शिलान्यास से संबंधित पुस्तिका का विमोचन भी किया। सम्मेलन में शामिल होने से पहले मुख्यमंत्री ने चम्पापुर (गनौली) पोखरा के जीर्णोद्धार एवं सौदर्यीकरण कार्य का निरीक्षण किया। पोखरा निरीक्षण के क्रम में मुख्यमंत्री ने पौधारोपण किया। इसके पश्चात चम्पापुर गांव का भ्रमण कर सार्वजनिक कुंए के जीर्णोद्धार सहित विकास कार्यों का जायजा भी लिया।

जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने सबसे पहले कार्यक्रम में उपस्थित लोगों का अभिनंदन करते हुए उन्हें धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि आप सबके बीच उपस्थित होकर मुझे बेहद खुशी हो रही है। आज हमने पश्चिम चम्पारण के चम्पापुर से जल-जीवन-हरियाली यात्रा की शुरुआत की है। हमने हर यात्रा की शुरुआत पश्चिम चंपारण से ही की है। इस यात्रा के माध्यम से पर्यावरण संतुलन के प्रति लोगों को सचेत करना है ताकि हमारी आने वाली पीढ़ी को स्वच्छ वातावरण के साथ-साथ शुद्ध पेयजल भी मिलता रहे। जलवायु परिवर्तन के परिप्रेक्ष्य में 13 जुलाई को हमने विधानमंडल सदस्यों की बैठक बुलाई थी जिसमें जल-जीवन-हरियाली अभियान पूरे बिहार में चलाने का निर्णय लिया गया। इस अभियान के तहत अगले 3 वर्षो में 24 हजार करोड़ रुपये खर्च कर जलवायु परिवर्तन में सुधार लाने की दिशा में अनेक कार्य किये जायेंगे। जल-जीवन-हरियाली यात्रा के तहत हम पूरे बिहार में जाकर पर्यावरण संतुलन बनाये रखने के प्रति लोंगो को प्रेरित करेंगे।

टीआरटी तस्वीर

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2007 से ही हम लोगों को राहत दिलाने का काम करते रहे हैं जो निरंतर आगे भी जारी रहेगा क्यांेकि सरकार के खजाने पर पहला हक आपदा पीड़ितों का है। सभी सरकारी भवनों में जल संचयन की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जा रही है। 19 करोड़ पौधे लगाकर बिहार का हरित आवरण 9 प्रतिषत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत तक पहुंचाने में हमलोग कामयाब हुए हैं, जिसे बढाकर 17 प्रतिशत करने का लक्ष्य निर्धारित गया है। बदलते मौसम के अनुकूल फसल चक्र अपनाने को लेकर भी काम आगे बढ़ रहा है। बाल्मीकिनगर का जंगल बहुत ही सुंदर और घना है। पूरे बिहार में अतिवृष्टि और सूखे के कारण आपदा की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। जलवायु परिवर्तन के कारण कई जगहों पर पर्यावरण में बदलाव होने से समस्याएं उत्पन्न हो गई हंै। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक कुओं के साथ ही आहर-पाइन, तालाब का जीर्णोद्धार एवं उसे अतिक्रमणमुक्त करने सहित 11 कामों को जल-जीवन-हरियाली अभियान से जोड़ा गया है।

इसके अलावा सार्वजनिक चापाकल को भी मेंटेन किया जाएगा। चम्पापुर तालाब देखकर मुझे काफी अच्छा लगा। एक अणे मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास में जापान के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित मियांवाकी तकनीक का उपयोग कर 30ग्30 में 256 पौधे लगाये गये हैं। इस तकनीक के जरिये 2 साल में ही पेड़ की ऊंचाई 10 साल के बराबर हो जाती है। इस बार फरवरी माह में जो बच्चे मुख्यमंत्री आवास का भ्रमण करने आएंगे, उन्हें भी इस प्रयोग को दिखाया जाएगा। हमने डी0एम0 को भी इस तकनीक को अधिक से अधिक उपयोग में लाने का सुझाव दिया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि खेतों में ही फसल अवशेष में आग लगाने की शरुआत इस इलाके में भी हो गयी है। उन्होंने कहा कि रोहतास, कैमूर, पटना, नालंदा के बाद अब उत्तर बिहार में भी लोग अपने खेतों में फसल अवशेष जलाने लगे हैं, जो पर्यावरण और मिट्टी की उर्वरा शक्ति के लिहाज से बहुत ही खतरनाक है। इससे सबको बचना होगा और फसल कटाई में कम्बाईन हार्वेस्टर का त्याग कर रोटरी मल्चर, स्ट्रॉ रीपर, स्ट्रा बेलर एवं रीपर कम बाइंडर जैसे कृषि यंत्रों का इस्तेमाल करते हुए किसानों को प्रेरित करना होगा। इन यंत्रो की खरीद पर सरकार किसानों को 75 प्रतिशत, जबकि एस0सी0, एस0टी0 एवं अतिपिछड़ा समुदाय के किसानों को 80 प्रतिशत का अनुदान मुहैया करा रही है। जल-जीवन-हरियाली अभियान से फसल अवशेष प्रबंधन को भी जोड़ा जा रहा है। इन यंत्रों का उपयोग करने से खेतों में फसल अवशेष जलाने की नौबत नहीं आएगी। पहले 15 जून को ही बिहार में मॉनसून का आगमन हो जाता था और औसतन 1200 से 1500 मिलीमीटर वर्षापात हुआ करता था, जो घटते-घटते 900 मिलीमीटर के करीब पहुंच गया है।

टीआरटी तस्वीर

मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले साल तक पूरे बिहार में हर घर तक नल का जल उपलब्ध करा देंगे। नल का जल शुद्ध एवं स्वच्छ पेयजल है इसलिए इसका दूसरे कामांे में दुरुपयोग न करें। इससे भूजल स्तर नीचे चला जायेगा और एक समय ऐसा आएगा कि भूजल खत्म हो जाएगा। पूरे देश मे शौचालय निर्माण का काम भी तेजी से आगे बढ़ रहा है। लोगों को खुले में शौच से मुक्ति और पीने का अगर स्वच्छ पानी मिल जाय तो 90 प्रतिशत बीमारियों से उन्हें छुटकारा मिल जाएगा। मेरा काम है आपकी सेवा करने के साथ ही आपको जागृत करना कि हमें क्या करना चाहिए और क्या नहीं। सात निश्चय योजना के तहत जो काम हो रहे हैं, उसकी माॅनिटरिंग मुख्य सचिव के स्तर से की जा रही है। हर इच्छुक परिवार तक बिजली पहुंचाने का लक्ष्य हमने दिसंबर 2018 तक निर्धारित किया था, जिसे तय समय से दो माह पहले ही पहुंचा दिया गया। हर घर बिजली योजना को अपनाये जाने के बाद केंद्र ने अब वर्ष 2024 तक हर घर नल का जल पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा ही अक्षय ऊर्जा है जो हमें पृथ्वी का अस्तित्व बरकरार रहने तक सदैव मिलती रहेगी। ग्रिड के माध्यम से हम जो बिजली पहुंचा रहे हैं, उसकी एक समय सीमा है, क्यांेकि कोयले का सीमित भंडार है इसलिए सौर ऊर्जा के प्रति लोगों को प्रेरित करेंगे। सही मायने में सौर ऊर्जा ही असली ऊर्जा है जिसे लोग नकली ऊर्जा समझ रहे हैं। इसके लिए सबसे पहले सभी सरकारी भवनों पर सोलर प्लेट लगाने के बाद लोगों को अपने-अपने घरों पर सोलर प्लेट लगाने के लिए हमलोग प्रेरित करेंगे।

विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि शराब पीने के कारण दुनिया भर में मरने वालों की संख्या प्रतिवर्ष 30 लाख है। दुनिया भर में जितनी मौतें होती हैं, उसमें 15.3 प्रतिशत मौत शराब पीने के कारण हुआ करती हैं। शराब सेवन के कारण दुनिया भर में 18 प्रतिशत आत्महत्या, 18 प्रतिशत आपसी झगड़े, 27 प्रतिशत सड़क दुर्घटना, 13 प्रतिशत मिर्गी, 48 प्रतिशत लीवर की बीमारी, 26 प्रतिशत माउथ कैंसर और 20 प्रतिशत टी0बी0 की बीमारी होती है। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले मुख्य सचिव और डी0जी0पी0 भी उस बैठक में शामिल हुए थे जिसमें शराबबंदी को और प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए सख्ती करने का निर्णय लिया गया था। उन्होंने कहा कि सिर्फ ड्राइवर और खलासी को पकड़ने से काम नहीं चलेगा, बल्कि बड़े शराब माफियाओं को पकड़ना होगा। शराब के अवैध कारोबार में लिप्त लोगों पर कड़ी नजर रखनी होगी। आई0जी0 प्रोहिबिषन के नेतृत्व में शराबबंदी के लिए एक व्यवस्था बनायी गई है। उन्होंने कहा कि सतत् निगरानी के लिए सप्ताह में पांच दिन आधे घंटे डी0जी0पी0 खुद इसकी निगरानी करेंगे। 26 नवंबर को नशामुक्ति दिवस के अवसर पर डी0जी0पी0 ने शराब बंदी अभियान से जुड़ी एक कविता मुझे बतायी थी जो मुझे बेहद पसंद आयी थी, उसे आप सबके सामने रख रहा हूॅ- ‘चल पड़ा है कारवां, बीच में रुकना मना है, विघ्न पथ को लांघना है, हारना झुकना मना है।’ मुझे उम्मीद है कि डी0जी0पी0 शराबबंदी अभियान को बेहतर ढंग से संचालित करेंगे और गड़बड़ करने वाले लोगों पर कड़ी कार्रवाई करेंगे, चाहे वो व्यक्ति सरकारी तंत्र में ही क्यों न हो। आपके प्रति हम प्रतिबद्ध है, जो वचन दिया है उसे पूरा करते हैं और करते रहेंगे।

जनसभा में उपस्थित लोगों से आह्वान करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन से बचने एवं पर्यावरण को ठीक रखने के लिए हमंे काम करना चाहिये। सात निश्चय के अलावा अन्य योजनाओं के माध्यम से शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क निर्माण सहित सभी क्षेत्रों में विकास का काम किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शराबबंदी के कारण कुछ लोग परमानेंट मेरे खिलाफ हैं लेकिन इस मसले पर हम कभी समझौता नहीं करेंगे। वर्ष 2017 में शराबबंदी के पक्ष में, जबकि 2018 में बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ हमलोगों मानव श्रृंखला बनायी थी। हमलोगों ने पुनः यह निर्णय लिया है कि 19 जनवरी 2020 को शराबबंदी के पक्ष में, दहेज प्रथा-बाल विवाह के खिलाफ एवं जल-जीवन-हरियाली अभियान को लेकर मानव श्रृंखला बनायेंगे। जो पूर्व में बनी मानव श्रृंखला के सभी रिकॉर्ड को पीछे छोड़ देगा। 19 जनवरी 2020 को मानव श्रृंखला में एक दूसरे का हाथ पकड़कर 45 मिनट तक पूरे बिहार के लोग दुनिया को जलवायु परिवर्तन में सुधार लाने का संदेश देंगे। जनसभा में मौजूद लोगों ने मुख्यमंत्री के समक्ष हाथ उठाकर मानव श्रृंखला में शामिल होने का संकल्प लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जल महत्वपूर्ण है, यह लोगों को समझाना होगा क्यांेकि जल और हरियाली के बीच ही जीवन है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार स्वाभिमान बटालियन के तहत 992 पदों का सृजन किया गया था, जिसमंे 675 सिपाही का पद अनुसूचित जनजाति की महिलाओं के लिए आरक्षित है। जो शेष रिक्तियां हैं, उस सन्दर्भ में केंद्रीय चयन पर्षद को अधियाचना भेज दी गयी है। इन पदों पर शीघ्र ही नियुक्ति होगी। गन्ना किसानों को भी चिंता करने की आवश्यकता नहीं है, बहुत ही जल्द गन्ने के दर का निर्धारण कर दिया जाएगा। जलवायु परिवर्तन में सुधार, पर्यावरण संकट से छुटकारा एवं सामाजिक जागृति लाना ही जल-जीवन -हरियाली अभियान का मकसद है। मनुष्य को यदि अपना और पशु-पक्षियों का जीवन बचाना है तो जल के साथ-साथ हरियाली को बचाने के लिए भी सचेत और जागरूक होना पड़ेगा।

जनसभा को खाद्य उपभोक्ता संरक्षण मंत्री सह पश्चिम चंपारण जिले के प्रभारी मंत्री श्री मदन सहनी, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री श्री खुर्शीद उर्फ फिरोज अहमद, सांसद श्री बैद्यनाथ प्रसाद महतो, विधायक श्रीमती भागीरथी देवी, विधायक श्री धीरेंद्र प्रताप सिंह उर्फ रिंकू सिंह, मुख्य सचिव श्री दीपक कुमार, पुलिस महानिदेशक श्री गुप्तेश्वर पाण्डेय एवं तिरहुत प्रमंडल के आयुक्त श्री पंकज कुमार ने भी संबोधित किया।

इस अवसर पर विधायक विनय बिहारी, पूर्व मंत्री राजेश सिंह, पूर्व सांसद कैलाश बैठा, पूर्व विधायक प्रभात रंजन, पूर्व विधायक प्रदीप सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव हंस, पुलिस उप महानिरीक्षक चम्पारण रेंज ललन मोहन प्रसाद, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, जल-जीवन-हरियाली मिशन के निदेशक राजीव रौशन, जिलाधिकारी पष्चिम चम्पारण निलेश देवरे, बगहा एस0पी0 आदित्य कुमार, जीविका की दीदियां सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति एवं बड़ी संख्या में स्थानीय लोग उपस्थित थे।


Spread the news