मधेपुरा : छात्रों के शोषण और समस्याओं पर BNMU प्रशासन का संवेदनहीनता चरम पर–निशांत

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अमित कुमार अंशु
उप संपादक

मधेपुरा/बिहार : शुक्रवार को पार्वती विज्ञान महाविद्यालय परिसर में संयुक्त छात्र संगठन के छात्र प्रतिनिधियों ने स्नातक के सभी खंडों एवं स्नातकोत्तर के तृतीय सेमेस्टर के नामंकन और परीक्षा प्रपत्र में अकारण और अप्रत्याशित शुल्क वृद्धि, छात्रावास, छात्रों के समस्या-समाधान के सहूलियत के लिये एकल विंडो सिस्टम और समय-सीमा तय करने और छात्र नेता निशांत यादव और मो  वसीमउद्दीन  पर से फर्जी मुकद्दमा वापस लेने के मुद्दों पर प्रेस वार्ता किया गया।

 प्रेस वार्ता में एनएसयूआई ज़िलाध्यक्ष निशांत यादव ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन विभिन्न शुल्कों में अप्रत्याशित वृद्धि कर छात्रों का आर्थिक शोषण कर रहा है और छात्रों के शोषण पर उठ रहे सवाल और छात्रों के आवाज को दबाने के लिये कुलपति के इशारे पर छात्र प्रतिनिधियों पर फर्जी मुकद्दमा दर्ज करा दिया जाता है। निशांत यादव ने कहा कि छात्रों के शोषण और समस्याओ पर विश्वविद्यालय प्रशासन का संवेदनहीनता चरम पर है। यही कारण है कि नामांकण और परीक्षा प्रपत्र शुल्क में सभी महाविद्यालय द्वारा छात्रों से मनमाना शुल्क वशूला जा रहा है। परीक्षा विभाग से संबंधित समस्याओं को लेकर छात्र दरबदर भटक रहे है। छात्र-छात्राएं बिचौलियों और दलालों के चंगुल में फस रहे हैं, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशाषन इस ओर कोई ठोस पहल नहीं कर रहा है।

झूठा मुकदमा दर्ज कर छात्रों को डराने का किया गया है प्रयास : निशांत यादव ने कहा कि बीएनएमयू परिसर स्थित छात्रावास एवं नए कैंपस में बॉयज होस्टल नहीं खोला जा रहा है। छात्रहित के मुद्दों पर आवाज उठाने वाले छात्रनेताओं और छात्रों के आवाज को दबाने के लिये विश्वविद्यालय प्रशाषन अपनी षड्यंत्रकारी नीति के तहत झूठा मुकद्दमा दर्ज कर छात्रों को डराने, धमकाने और छात्रों की आवाज को दबाने में अपनी पूरी ताकत लगा रखा है। विश्वविद्यालय प्रशासन, तानाशाही के दम पर छात्रों के लोकतांत्रिक और संवैधानिक अधिकारों की हत्या कर रहा है। निशांत यादव ने कहा कि एक छात्रप्रतिनिधि होने के नाते छात्रहित में आवाज उठाना हमारा कर्तव्य है। जिस कर्तव्य से विश्वविद्यालय प्रशासन की तानाशाहीषड्यंत्रकारी नीति और फर्जी मुकद्दमा डिगा नहीं सकता है। निशांत यादव ने कहा कि विवि प्रशासन छात्रों के आवाज को जितना दबाने का  प्रयास करेगी, छात्रों का आंदोलन उतना तेज होगा। विश्वविद्यालय प्रशासन ने जल्द अगर छात्रहित के सभी मुद्दों पर सकारात्मक पहल नहीं किया और फर्जी मुकदमा वापस नहीं लिया तो संयुक्त छात्र संगठन चरणबद्ध आंदोलन करेगा और आगमी 17 दिसंबर के दीक्षांत समारोह के आयोजन पर प्रदर्शन कर छात्रों की आवाज को महामहिम कुलाधिपति तक पहुचायेंगे।

तानाशाही के दम पर विवि को चलाने का किया जा रहा है प्रयास : सीआईएसएफ ज़िलाध्यक्ष मो वसीमुद्दीन उर्फ नन्हें ने कहा कि छात्रों का शोषण चरम पर है, छात्रों के आवाज को दबाया जा रहा है। विश्वविद्यालय प्रशासन अपनी षड्यंत्रकारी नीति और तानाशाही के दम पर विश्वविद्यालय को चलाने का प्रयास कर रहा है, जो कभी सफल नहीं होगा।

प्रेस वार्ता में मुख्यरूप से एनएसयूआई छात्र नेता निरंजन कुमार, कौशल यादव, सोनू यादव, मनीष कुमार, रोशन कुमार, रैवेन कुमार, पिंटू यादव, विकाश कुमार, अमित कुमार मौजूद थे।


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