मधेपुरा/बिहार : दर्शन परिषद्, बिहार का 42 वां वार्षिक राष्ट्रीय अधिवेशन 12 से 14 दिसंबर तक भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय में आयोजित होने जा रहा है । इसमें देश के कई प्रमुख दार्शनिक एवं विद्वानों के शिरकत करने की संभावना है । सभी मिलकर अधिवेशन के मुख्य विषय शिक्षा, समाज एवं संस्कृति पर मंथन करेंगे । साथ ही दो संगोष्ठियों में भी लगभग 30 विद्वान अपने-अपने विचार रखेंगे । पहली संगोष्ठी का विषय ‘बिहार की दार्शनिक एवं सांस्कृतिक विरासत’ है । वहीं दूसरी संगोष्ठी ‘गांधी 150 : विमर्श एवं विकल्प’ पर केन्द्रित है ।
दर्जनों विद्वानों ने दी है सहमति : दर्शनशास्त्र विभाग के अध्यक्ष सह मानविकी संकायाध्यक्ष डा ज्ञानंजय द्विवेदी ने बताया कि अधिवेशन के प्रधान सभापति दर्शनशास्त्र विभाग तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय भागलपुर के सेवानिवृत्त अध्यक्ष प्रो डा केदारनाथ तिवारी होंगे । साथ ही सम्मेलन में भागलपुर से पूर्व सांसद सह पूर्व कुलपति डा रामजी सिंह, भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद् नई दिल्ली के अध्यक्ष डा रमेशचन्द्र सिन्हा, अखिल भारतीय दर्शन परिषद् इलाहाबाद के अध्यक्ष डा जटाशंकर, सागर से पूर्व महामंत्री डाॅ. अम्बिकादत्त शर्मा, गोरखपुर से उत्तर भारत दर्शन परिषद् के अध्यक्ष डा सभाजीत मिश्र, रांची से भारतीय महिला दार्शनिक परिषद् की अध्यक्ष डा राजकुमारी सिन्हा, महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा के कुलपति डा राजनीश कुमार शुक्ल, जोधपुर से पूर्व कुलपति डा सोहनराज तातेड़, दर्शनशास्त्र विभाग पटना विश्वविद्यालय पटना के पूर्व अध्यक्ष डा आईएन सिन्हा, भागलपुर से बिहार दर्शन परिषद् के पूर्व अध्यक्ष डा प्रभु नारायण मंडल, पटना से अध्यक्ष डा बीएन ओझा एवं महासचिव डा श्यामल किशोर की भी गरिमामयी उपस्थित रहेगी ।
इनके अलावा पटना से डा एनपी तिवारी एवं डा पूनम सिंह, नई दिल्ली से डा अरूण मिश्र एवं डा एचएस प्रसाद, भागलपुर से डा शंभु प्रसाद सिंह, रांची से डा सरस्वती मिश्रा, वाराणसी से डा विजयकांत दुबे जैसे विद्वानों ने भी कार्यक्रम में भाग लेने की सहमति प्रदान की है । इनके अलावा अधिवेशन में देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के लगभग तीन सौ शिक्षक एवं शोधार्थी भाग लेंगे ।
शुभकामना संदेश के लिए कुलपति ने लिखा है पत्र : अधिवेशन के आयोजन सचिव सह विश्वविद्यालय जनसंपर्क पदाधिकारी डा सुधांशु बताया कि सम्मेलन के अवसर पर एक स्मारिका भी प्रकाशित की जाएगी, स्मारिका के लिए शुभकामना संदेश एवं आलेख भेजने के लिए बीएनएमयू कुलपति प्रो डा अवध किशोर राय ने महामहिम राज्यपाल सह कुलाधिपति फागू चौहान, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, शिक्षा मंत्री कृष्णानंदन प्रसाद वर्मा, उर्जा मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव सहित कई गणमान्य राजनेताओं एवं विद्वानों को पत्र लिखा है ।
30 नवंबर तक जमा होंगे शोध आलेख : आयोजन सचिव सह जनसंपर्क पदाधिकारी डा सुधांशु शेखर ने बताया कि स्मारिका के लिए शोध-सार एवं शोध आलेख आना शुरू हो गया है । शोध सार एवं शोध आलेख 30 नवंबर तक sudhan.ph@gmali.com पर भेजा जा सकता है । सम्मेलन में प्रस्तुत किए गए चुनिंदा आलेखों को पुरुस्कृत भी किया जाएगा । साथ ही उसे परिषद् की शोध-पत्रिका ‘दार्शनिक अनुगूंज’ में निःशुल्क प्रकाशित किया जाएगा ।