मधेपुरा/बिहार : जिला मुख्यालय स्थित कला भवन के परिसर में सोमवार को असंगठित कामगार महासंघ की शाखा घरेलू कामगार यूनियन का प्रथम जिला सम्मेलन का आयोजन किया गया।
सम्मेलन में भारी संख्या में घरेलू कामकाज शामिल हुए सर्वप्रथम संघ का झंडातोलन घरेलू कामगार संघ के वरिष्ठ संगठक महया देवी ने किया। साथ ही झंडे के नीचे खड़े होकर शहीद साथियों के लिए तथा मृत्य हुए घरेलू कामगार कमीदा खातून, शबनम खातून और जोहरा खातून के याद में दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
सम्मेलन को एक्टू के राज्य सचिव सुरेंद्र प्रसाद सिंह, मुख्य अतिथि संगीता देवी, एक्टू के राज्य सचिव मुकेश मुक्त, सुपौल ट्रेड यूनियन सचिव अरविंद शर्मा, वीणा देवी, अत्यानंद यादव, सहरसा ट्रेड यूनियन नेता मुकेश कुमार, सुभाष मलिक, महया देवी, शबनम खातून, जोहरा खातून सहित अन्य लोगों ने संबोधित किया।
सम्मेलन के अंत में घरेलू कामगार यूनियन के 27 सदस्य जिला कमेटी का गठन किया गया। जिसमें सर्वसम्मति से अध्यक्ष के रूप में गुलशन कुमार, उपाध्यक्ष मीना देवी, नूरजहां एवं चांदनी प्रवीण, सचिव रामचंद्र दास, सह सचिव मुस्तरी खातून एवं शकुंतला देवी, कोषाध्यक्ष अनिसा खातून, उप कोषाध्यक्ष हिना परवीन एवं रेखा देवी तथा कार्यकारिणी सदस्य के रूप में नूरजहां, मुसरत प्रवीण, अमीना खातून, चुन्नी खातून, मुन्नी खातून, अनिशा खातून, सहीदा खातून, पूनम देवी, अंजू देवी, सशिकला देवी, दायरानी देवी, इशरत परवीन, सविया देवी, ललिता देवी, प्रमिला देवी, अमला देवी को चुना गया।
मौके पर नेताओं ने कहा कि निर्माण मजदूर की तरह घरेलू कामगारों को अनुदान की राशि का आवंटन किया जाए। नेताओं ने कहा कि यदि सरकार ऐसा नहीं करती है तो घरेलू कामगारों को एकता और संघर्ष के रास्ते पर आगे बढ़ना होगा और मजदूर विरोधी सरकार को उखाड़ फेंकना होगा। केंद्र की सरकार जिन क्षेत्रों में सुधार करने की बात करती है, उसे सुधार के नाम पर उजाड़ रही है। जैसे बैंकिंग क्षेत्र, मजदूरी क्षेत्र, श्रम और श्रमिक क्षेत्र सहित अन्य क्षेत्रों को केंद्र सरकार बर्बाद कर रही है। नेताओं ने केंद्र और राज्य सरकार को बबूल का पेड़ साबित किया। जिसको लगाने और पानी सींचने से आम का फल उससे कभी नहीं मिल सकता है।