चौसा (मधेपुरा) संपूर्ण भारत पंडित नेहरू के व्यक्तित्व और कृतित्व का ऋणी है। उनके नेतृत्व में ही भारत में लोकतांत्रिक, शैक्षणिक और औद्योगिक सूर्य का उदय हुआ था। लिहाजा उन्हें आधुनिक भारत का शिल्पी भी कहा जा सकता है।
उक्त बातें स्थानीय महादेव लाल मध्य विद्यालय, चौसा के प्रधानाध्यापक सचिन्द्र पासवान ने कही। वे आज गुरुवार को देश के प्रथम प्रधानमंत्री भारतरत्न पं.जवाहर लाल नेहरू की जयंती के अवसर पर विद्यालय में आयोजित ‘बाल दिवस समारोह’ को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत में लोकतंत्र को स्थापित करने में पंडित नेहरू का बड़ा योगदान था। वे भविष्यद्रष्टा भी थे।
वरीय शिक्षक सत्यप्रकाश भारती और यहिया सिद्दीकी ने कहा कि पंडित नेहरू बच्चों से बहुत प्यार करते थे। इसलिए उन्हें चाचा नेहरू कहा जाता है। उन्होंने कहा कि वे बच्चों को देश का भविष्य मानते थे। लिहाजा वे बच्चों की उम्दा परवरिश पर जोर दिया करते थे।
ज्ञातव्य है कि आज गुरुवार को बाल दिवस के अवसर पर विद्यालय में कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। सर्वप्रथम प्रार्थना सभा के दौरान पंडित नेहरू के तैलीय चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई। प्रधानाध्यापक सचिन्द्र पासवान ने बताया कि बाल दिवस के अवसर पर बच्चों के बीच 50,100 तथा 200 मीटर दौड़, अक्षर दौड़, गणित दौड़, जलेबी दौड़, ऊंची कूद, लंबी कूद तथा निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया। उन्होंने बताया कि वर्गवार आयोजित उक्त प्रतियोगिता में चयनित छात्र मोहम्मद जावेद, अमजद आलम, धीरज कुमार, भोलू आलम, शारीक, सुमित आदि को प्रथम, राजा कुमार, सद्दाम आलम, प्रिंस कुमार, सोनू कुमार, मोहम्मद जाहिर आदि को द्वितीय तथा जयदेव कुमार, सूरज कुमार, नयन कुमार इस्तेयाक, समीर, मन्नू कुमार इत्यादि को तृतीय पुरस्कार प्रदान किया गया।
मौके पर शिक्षक सत्यप्रकाश भारती ,यहिया सिद्दीकी, प्रणव कुमार, राजेश कुमार, भालचंद्र मंडल,शमशाद नदाफ, फैयाज अहमद, शिक्षिका मंजू कुमारी, नुजहत परवीन, रीणा कुमारी, श्वेता कुमारी सहित बाल संसद के प्रतिनिधिगण तथा छात्रगण उपस्थित थे।
वहीँ दूसरी तरफ उ0 म0 वि0 बड़की बढ़ौना में प्रथम प्रधानमंत्री नेहरू की जयंती बाल दिवस के रूप में धूमधाम से मनाया गया ।
इस अवसर पर सर्वप्रथम प्रधानाध्यापक गौतम कुमार गुप्त ने माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित किया । उसके बाद शिक्षक मनीष कुमार, सोनी शर्मा, बुद्धदेव कुमार, साधना भारती, वकील रजक, कैलाश ऋषिदेव और बाल संसद के सदस्यों ने पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित किए।
इस अवसर पर प्र0अ0 श्री गुप्त ने बताया कि नेहरू जी आधुनिक भारत के निर्माता थे ।वे बच्चों को भविष्य का राष्ट्र निर्माता कहा करते थे । बहूद्देश्शीय परियोजनाओं को आधुनिक मंदिर कहते थे।सभी शिक्षकों ने भी अपने उद्गार व्यक्त किए।
छात्रों में प्रीति, मीनू, काजल प्रकाश, प्रवीण, अंशुप्रिया, मनोरंजन ने भी उनके जीवन के विभिन्न पहलू को याद किया। मंच संचालन का कार्य शिक्षिका सोनी शर्मा ने किया ।