मधेपुरा/बिहार : चार दिवसीय लोक आस्था का महापर्व रविवार को उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ संपन्न हो गया। शनिवार की शाम छठ व्रतियों द्वारा अस्तलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया गया। वहीं रविवार की सुबह अर्घ्य के साथ ही छठ व्रतियों का उपवास भी समाप्त हो गया। सुबह जैसे ही सूर्य ने अपनी लालिमा बिखेरी छठ व्रतियों के चेहरे खिल उठे और भगवान सूर्य देव को अर्घ्य देकर पर्व को पूर्ण किया।
उधर, जिला मुख्यालय स्थिति विभिन्न छट घाटों प्रशासनिक व्यवस्था चुस्त दुरूस्त देखी गयी। इस दौरान एसडीपीओ वशी अहमद, सदर एसडीम वृंदा लाल, सदर अंचलाधिकारी वीरेंद्र झा सहित अन्य प्रशासनिक पदाधिकारी छठ घाटों का निरीक्षण कर छठव्रतियों के हाथों प्रसाद ग्रहण किये। जिला मुख्यालय के सुखासन घाट, भीरखी घाट, गोमती घाट, बेलहा घाट, गौशाला घाट, वार्ड नंबर पांच घाट, जयपालपट्टी घाट, तुनियाही घाट, साहुगढ घाट, पथराहा पोखर, बराही जरूर नदी घाट, महिला कॉलेज के पूरब घाट पर हजारों की संख्या में लोगों ने धूम-धाम से भगवान भाष्कर को अर्घ्य दे कर छठ पर्व मनाया। इस दौरान प्रशासन की चाक चौबंद व्यवस्था देखी गयी।
वीडियो : महापर्व का अद्भुत नजारा
सांसद पुत्री ने दिया छठ पर्व की शुभकामना : जिला मुख्यालय स्थित विभिन्न घाटों पर मधेपुरा लोस के पूर्व सांसद शरद यादव की पुत्री सुभाषिनी राज यादव ने लोगों से मुलाकात कर महापर्व छठ की शुभकामना दी। उन्होंने कहा कि महापर्व छठ लोक आस्था का महापर्व है। बिहार में इसे बड़े पैमाने पर मनाया जाता है। वहीं देश के अन्य प्रदेशों में छठ मनाने की परंपरा शुरू हो गयी है। उन्होंने युवाओं से पर्व के दौरान आपसी भाईचारा बनाये रखने की अपील की। वहीं पूर्व सांसद शरद यादव के पुत्र शांतनु बुंदेला ने भी घाटों पर जाकर इंतजाम देखा तथा छठ व्रतियों से भी मिले। उन्होंने कहा कि छठ सही मायने में लोक आस्था का पर्व है। जिसमें लोग प्रकृति की पूजा करते है. आडंबर या किसी भी प्रकार के अतिवाद, मांत्रिक अनुष्ठान के स्थान पर भक्ति सर्वोपरि है. यह छठ में ही एहसास होता है।
घाटों पर सुरक्षा की रही संपूर्ण व्यवस्था : जिला मुख्यालय के विभिन्न घाटों को सुरक्षा के दृष्टिकोण से प्रशासन ने तीन श्रेणी में बांट कर रखा था। इसके लिए हर घाट पर खतरे के निशान पर बांस एवं रस्सी बांधा गया था। वहीं नाव के साथ गोताखोर भी तैनात थे। प्रशासन की मुस्तैदी से महापर्व छठ शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गया। विभिन्न घाटों पर एसडीपीओ, एसडीएम, अंचलाधिकारी के अलावा कई वरीय अधिकारी सुरक्षा व्यवस्था की कमान संभाले हुए थे। प्रशासन के साथ स्वयंसेवकों की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
शनिवार को जाम तो रविवार को शहर में छठ कर्फ्यू : हालांकि शहर में शनिवार को पर्व की घोषित बंदी थी, लेकिन छठ पर्व होने के कारण शनिवार को बाजार में इतनी भीड़ रही कि पूर्णिया गोला चौक से थाना चौक तक दिन भर में दर्जनों बार जाम की स्थिति बन गयी. महज आधे किलोमीटर की दूरी तय करने में लोगों का काफी मशक्कत करना पड़ा. जहां तहां वाहन खड़े किये जाने के कारण छोटी चारपहिया गाड़ियों का गुजरना भी काफी मश्किल हो गया. लेकिन शाम होते-होते दुकानों के शटर गिर गये. बाजार पूरी तरह खाली हो गया. जिसे देखो वही सिर पर दउरा उठाये छठ घाट की ओर चला जा रहा था. रविवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद छठ पर्व का समापन तो हो गया लेकिन लोग छुट्टी के मूड में ही रहे। तीन दिनों की हरारत के बाद रविवार को शहर की अधिकतर दुकानें बंद ही रही। कुछ लोगों ने पूछने पर कहा कि यह छठ कर्फ्यू है। अब दुकानें सीधे सोमवार से ही बाजार पटरी पर लौटेगा। छठ को लेकर प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद रहा। वहीं किसी भी हादसे की आशंका के मद्देनजर हर जगह नियंत्रण कक्ष स्थापित की गयी थी।
सुरक्षा के लिए पुलिस सतर्क : छठ के दौरान किसी भी अप्रिय हादसे को टालने के लिए जिला प्रशासन ने मुख्यालय स्थित विभिन्न घाटों पर पर्याप्त संख्या में पुलिस बल को तैनात किया था। पुलिस के जवान न केवल घाट पर नजर रखे हुए थे बल्कि आतिशबाजी रोकने में भी अहम भूमिका निभायी।
इस दौरान एसडीपीओ वसी अहमद, एसडीएम वृंदा लाल, सदर अंचलाधिकारी वीरेंद्र झा थाना क्षेत्र के विभिन्न घाटों का निरीक्षण करते नजर आये। इस दौरान कमांडो हेड विपिन कुमार, विकास कुमार सहित अन्य पुलिस बल एवं कमांडो मौजूद रहे।
दंड प्रमाणी देते हुए घाट पर पहुंचे श्रद्धालु : तमाम जिलावासी आधी रात को ही घाट पर दंड प्रमाणी देते हुए ठंड को जवाब देते हुए पहुंच गये़ और सूर्यदेव की बेसब्री से इंतजार करने लगे, इस बीच घाट पर आपसी भाई चारा देखने को मिला. लोक आस्था है कि छठ मईया की महिमा अपरमपार है़ जो सभी अपने कष्ट, वैर भावना भूल कर एक-दूसरे के साथ मिलकर छठ पूजा अर्चना करते है. छठ मईया के भक्ति गीतों से पूरा घाट गूंजता रहा़ लोगों में अपार खुशी देखा गयी। हर कोई अपनी-अपनी मन्नते मांगने घाट पर उपस्थित थे। वहीं सूर्यदेव के रोशनी की झलख देखते ही छठव्रती और श्रद्धालुओं में खुशी की लहर दौड़ गयी। घाटों पर लोगों ने कहा कि भगवान सूर्य उग गये हैं, और सभी अपनी-अपनी मनोकामनाओं के साथ सूर्यदेव को अर्घ्य अर्पण की। इसी के साथ महापर्व छठ पूजा संपन्न हो गया।
अधिकारी करते रहे छठ घाट का निरीक्षण:
लोक आस्था का महापर्व छठ बुधवार को सूर्योदय को अर्ध्य के बाद शांतिपूर्ण माहौल में मनाया गया। जिला मुख्यालय स्थित वार्ड नंबर 14 जिलाधिकारी आवास से पूरब छठ घाट सहित अन्य छठ घाटों का निरीक्षण जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनमोहन शरणलाल, पूर्व पार्षद सह सामाजिक कार्यकर्ता ध्यानी यादव ने किया। इस मौके पर ध्यानी यादव ने बताया कि हर वर्ष की तरह इस बार भी जिले के विभिन्न छठ घाटों पर कोई भी अनहोनी घटना न हो, आने-जाने वाले श्रद्धालुओं को सुविधा प्रदान करने के लिए पैरा लीगल वालंटियर की तैनाती की गई थी। लोक आस्था के इस पावन महापर्व के अवसर पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनमोहन शरणलाल ने भी उगते हुए सूर्य को अर्ध्य दिए।