मधेपुरा : पुरैनी मे नहीं थम रहा डेंगू का प्रकोप, दर्जनों लोग जद में

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कौनैन बशीर
वरीय उप संपादक

मधेपुरा/बिहार : बारिश के कारण जगह-जगह जलजमाव के कारण मच्छर और जल जनित बीमारियों का प्रकोप बढ़ गया। एक ओर जहां डेंगू के डंक से लोग परेशान हैं। वही बहुमंजिला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पुरैनी मे सुविधा नादारह है।

मालूम हो कि पटना में डेंगू से बड़ी संख्या मरीज के पीड़ित होने के बाद अब अनुमंडल के पुरैनी में भी इसका खतरा बढ़ता जा रहा है। बीते सप्ताह में 10 संभावित बुखार से पीड़ित मरीज के प्रारंभिक जांच में डेंगू के लक्षण मिले, उनके ब्लड सैंपल को भागलपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल जांच के लिए भेजा गया था। जबकि निजी अस्पताल मे कई लोग इलाज करा रहे हैं। बताया जाता है कि पुरैनी में फिलहाल 10 लोगों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है। डेंगू मरीजों की संख्या में हाल के दिनों में अचानक बढ़ोतरी हुई है।

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मिली जानकारी के अनुसार भागलपुर और पूर्णिया के निजी हॉस्पिटल में भी डेंगू से पीड़ित मरीज भर्ती हुए है। जिसका वहां इलाज चल रहा है। बताया जाता है कि पुरैनी में अबतक एक दर्जन से अधिक लोग डेंगू बीमारी की चपेट में है। वही पुरैनी मुख्यालय के बबलू एवं यासमीन खातून और बलिया गांव के अशोक मेहता की पुत्री प्रियंका कुमारी एवं सारंधर प्रसाद की पुत्री शालिनी कुमारी वही बालाटोल गांव के पाँच लोगों सहित अन्य को प्रारंभिक जांच में रोग की पुष्टि हुई है। जबकि पुरैनी प्रखंड क्षेत्र के आशा खातून,मिथुन कुमार,राजेंद्र कुमार आदि को डेंगू होने की आशंका हैं। इनका इलाज पूर्णिया के निजी अस्पताल में चल रहा है। वही पुरैनी निवासी यासमीन खातून अपना इलाज भागलपुर में करवा रहे हैं। विभाग ने अभी इसकी पुष्टि नहीं की है। 

पुरैनी पीएचसी में डेंगू जांच की सुविधा नहीं : प्रारंभिक एनवन-एचवन जांच किट के आधार पर डेंगू की पुष्टि नहीं की जाती है। पुष्ट मामले के लिए एलिजा टेस्ट होना जरूरी है। इसकी जांच की सुविधा पुरैनी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नहीं है।

इस बाबत पुरैनी प्रभारी चिकित्सक डॉ. विजय प्रसाद कृष्णन ने बताया कि पुरैनी प्रखंड क्षेत्र में अबतक कुल 10 लोगों मे डेंगू बीमारी का लक्षण पाया गया है। डॉ. श्री कृष्णन ने बताया कि इसमें मरीज को वायरल बुखार जैसे लक्षण होते हैं। बदन दर्द व शरीर पर लाल दाने हो सकते हैं। गंभीर होने पर मरीज को तेज बुखार, सिर व मांसपेशियों व जोड़ों में दर्द, आंख लाल हो जाना, अत्यधिक कमजोरी लगना,भूख में कमी, जी मिचलाना, शरीर में लाल रंग के दाने निकालना, नाक, मुंह, शौच, पेशाब में खून आना, त्वचा पर नीले-काले चकत्ते जैसे लक्षण भी पाए जाते हैं। इसमें प्लेटलेट्स की संख्या काफी कम हो जाती है। साथ ही उन्होंने कहा कि मच्छर से बचने के लिए सावधानी जरूरी है। दिन में भी मच्छरदानी लगाकर सोयें। फूल स्लीब कपड़े पहने। आसपास साफ पानी भी नहीं जमा होने दें।


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