◆ व्यवसायियों से मांगता था रंगदारी, नहीं देने पर मार देता था गोली
गोपालगंज से राकेश सिंह रिपोर्ट
गोपालगंज/बिहार : गोपालगंज पुलिस को आज उस वक़्त बड़ी कामयाबी मिली जब गोपालगंज पुलिस की एसटीएफ ने यूपी पुलिस की मदद से जिले के मोस्टवांटेड अपराधी विशाल सिंह को उसके गिरोह के अन्य सदस्यों के साथ गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार अपराधियो के पास से पुलिस ने 8 मोबाइल फोन भी जब्त किया है। जिससे अपराधियो के द्वारा रंगदारी की मांग की जाती थी। कुख्यात विशाल सिंह के ऊपर अकेले गोपालगंज जिले में कुल 22 बड़े अपराधिक मामले दर्ज है। जबकि इसकी तलाश यूपी के देवरिया और सीवान पुलिस को भी थी। इस अपराधी की गिरफ़्तारी पुलिस के कितनी बड़ी चुनौती थी। इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि गिरफ़्तारी के बारे मीडिया को सूचना देने के लिए खुद सारण डीआईजी गोपालगंज पहुच गए।
सारण डीआईजी विजय कुमार वर्मा ने बताया की कुख्यात विशाल सिंह के अलावा इसके गिरोह के शार्प शूटरो को भी गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार किये गए अपराधियो में विशाल सिंह-मटिहनिया, मीरगंज थाना, शम्भू सिंह-बालाहाता, उचकागांव थाना, प्रदीप यादव-देवरिया, यूपी, मुन्नू कुमार सिंह-बडहरा, भोरे और बिरेन्द्र प्रताप सिंह-बडहरा, भोरे निवासी शामिल है।
डीआईजी ने अनुसन्धान के प्रभावित होने की वजह से यह नहीं बताया की इन अपराधियो की गिरफ़्तारी कहा से हुई है। लेकिन उन्होंने कहा कि कुख्यात विशाल सिंह ने हथुआ अनुमंडल के कई बड़े हत्याकांड में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है। इसके आलवा इसके ऊपर हत्या, रंगदारी के कुल 22 मामले दर्ज है। इस अपराधी की तलाश यूपी के देवरिया पुलिस को भी थी। हाल के दिनों में विशाल सिंह ने मीरगंज के कई व्यवासयियो से रंगदारी की मांग की थी और मांग पूरी नहीं होने पर कई व्यवासयियो को उसने गोली मार कर घायल भी किया था। इस अपराधी के गैंग में सभी शार्प शूटर शामिल है। जो हाल के दिनों में कई हत्याकांड में शामिल रहे है। विशाल को गिरफ्तार करने के लिए डीआईजी के द्वारा राज्य सरकार से 50 हजार रूपये इनाम घोषित करने की अनुशंसा भी की गयी थी।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक इन सभी अपराधियो की गिरफ़्तारी गोपालगंज, छपरा और मुजफ्फरपुर सीमा से सटे इलाके से किया गया है। हालाकि इन अपराधियो की गिरफ़्तारी से इस गिरफ्तारी के बाद जहां मीरगंज के व्यवसायी ने राहत की साँस ली है तो वही जिला पुलिस ने भी माना है की अब जिले में अपराध का आंकड़ा कुछ कम हो सकता है।
बहरहाल इन कुख्यात अपराधियो के पास से कोई भी हथियार बरामदगी नहीं होना पुलिस की कार्यशैली पर सवाल भी उठाते है।