मधेपुरा/बिहार : धनतेरस व दीपावली को लेकर बाजारों में चहल-पहल बढ़ गयी है। शुक्रवार को खासकर धनतेरस को लेकर दुकानों में खरीदारों की काफी भीड़ देखने को मिली, वहीँ ग्राहकों की भीड़ देखकर दुकानदार में भी ख़ुशी देखी गई। धनतेरस को लेकर दुकानदार अपने स्टॉक को पहले से ही फुल कर चुके थे, ताकि मांग के अनुरूप बाजार में माल की सप्लाई की जा सके। ग्रामीण इलाके खुदरा व्यापारी शहरों से बर्तन सहित अन्य चीजों की खरीदारी करते नजर आये। ताकि ग्रामीण इलाके में अस्थायी दुकानों पर वो बिक्री कर सके। घर की सजावट से लेकर बर्तन के बाजार में भी चमक आ गयी है। धनतेरस पर बर्तन की खरीदारी की परंपरा से चारों ओर बाजार में रौनक थी । पर्दे, चादर, वालपेपर आदि के बाजार में जहां रेडीमेड बिक्री जोरों पर है वहीं डिजाइन रंगे कपड़े आदि के अनुरूप ऑर्डर भी दे दिये गये हैं। दुकानदार बताते हैं कि दुकानों में स्टॉक पूर्व से पूरा कर लिया गया है।
सड़कों के किनारे भी लगी अस्थायी दुकानें : धनतेरस में बर्तन की बंपर बिक्री को देखते दुकानदारों ने अस्थायी दुकानें खोल रखी थे. इन दुकानों पर फूल, पीतल व तांबे के परंपरागत बर्तनों व स्टेनलेस की कई रेंज बाजार में आ गयी है। धातुओं की आसमान छूती कीमतें आम जनों के पहुंच से बाहर हो जाने के कारण अब रूझान घरेलू उपयोग की वस्तुओं की ओर बढ़ गया है। लोग बर्तन खरीदने पर ज्यादा जोर देते नजर आये।
दुकानों में ऑफर की भरमार : दीपावली के पूर्व मनाये जाने वाले पर्व धनतेरस को ले शुक्रवार को सुबह से ही शहर के बाजारों में विशेष चहल पहल दिखी। हिंदू धर्म के अनुसार धनतेरस के मौके पर मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए धातु खरीदने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। परंतु धातुओं की आसमान छूती कीमतें आम जनों के पहुंच से बाहर हो जाने के कारण अब लोगों का रूझान घरेलू उपयोग की वस्तुओं की खरीद की ओर बढ़ गया है। ऐसे खरीदारों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए शहर के इलेक्ट्रॉनिक्स प्रतिष्ठान संचालकों ने कोई कोर कसर बांकी नहीं छोड़ी, कहीं आकर्षक छूट का ऑफर दिया जा रहा है तो कहीं खरीदारी के पश्चात उपहार प्रदान किया जा रहा है।
परंपरा का होगा पालन, सर्राफा बाजार की चांदी : इतना ही नहीं प्रतिष्ठान संचालकों ने धनतेरस के मौके पर उमड़ने वाली भीड़ के लिए अलग से तैयारियां कर रखी थी, अपने अपने प्रतिष्ठान के सामने सामानों को प्रदर्शित कर ग्राहकों को आकर्षित करने का सिलसिला पिछले एक सफ्पाथ से जारी है, जबकि पीतल कांसे व स्टील बरतनों के विक्रेता अपने अपने सामानों को करीने से सजा कर आकर्षण रूप देने में मशरूफ नजर आये, हालांकि इस वर्ष शहर के स्थानीय सर्राफा बाजार में चहल पहल कुछ ज्यादा नजर आयी।
ग्राहकों को लुभाने की लगी होड़ : इस खास मौके पर भुनाने में शहर के इलेक्ट्रिक दुकान संचालकों ने भी कोई कोर कसर बांकी नहीं रखी, रंग बिरंगी, झिलमिलाते व इंद्र धनुषी आभा बिखेरते तरह तरह के बल्बों व झालरों का प्रदर्शन कर खरीददारों को लुभाने का प्रयास किया जा रहा है, परंतु चीन निर्मित सस्ते विद्युतीय उपकरण भारतीय उत्पादों पर छाये रहे, हालांकि इस दौरान बढ़ती महंगाई का असर भी शहर के बाजारों में साफ दिखा।
फूलों से सजायेंगे घर और प्रतिष्ठान : स्थानीय लोग फूल और पत्तियों से अपने घरों और दुकानों को सजाते नजर आये, लिहाजा फूलों की डिमांड बढ़ गयी़ लेकिन लोगों की माने तो सिर्फ चाइनीज सामानों के बहिष्कार से कुछ नहीं होगा बल्कि उस कीमत के सामानो का जब तक अपने देश में उत्पादन प्रारंभ नहीं होगा तब तक समस्या का समाधान संभव नहीं है। क्योंकि लोग सस्ती चीजों को ज्यादा अहमियत के साथ खरीदते है़ पूर्व के समय में दुर्गापूजा के समय से ही इन सामानों की बिक्री प्रारंभ हो जाती थी़, लेकिन अब जबकि दीपावली पर्व में केवल दो दिन का समय शेष है, बल्बों झालरों सहित अन्य सजावट के सामानों की बिक्री अपेक्षा के अनुरूप नहीं हो रही है़, दुकानदार तरह तरह के सजावटी समान का स्टॉल में लगाकर लोगों को लुभा रहे हैं।
बाजारों में धनवर्षा की आस : धनतेरस को लेकर बाजारों में ग्राहकों की भीड़ लगी रही, धनतेरस पर धन की वर्षा होगी, इसको लेकर आभूषण, बर्तन, ऑटोमोबाइल व इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकानों को आकर्षक ढंग से सजाया गया था, बाजार ग्राहकों से पटा हुआ था. वहीं लक्ष्मी और गणेश की मूर्ति की दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ लगी रही। इस बार दीपावली में मिट्टी के दीये की मांग बढ़ गयी है। दुकानदार ग्राहक के मन को देखते हुए मिट्टी के ही बने सामान को बेच रहे हैं। धन्वंतरि पूजन की खरीदारी को लेकर बाजारों में चहल-पहल बढ़ गयी है। मेन रोड में दुकानें सज-धजकर तैयार हैं।
बर्तनों की होगी अधिक खपत : धनतेरस में लोग बर्तनों की खरीदारी अधिक करते हैं। बाजार में दर्जनों बर्तनों की दुकानें सज गयी हैं। ऐसी मान्यता है कि धन्वंतरि पर्व पर पीतल व कांस्य की बर्तनों की खरीद करने से घर-परिवार में सुख-शांति मिलती है। बर्तन के कारोबारियों ने बताया कि इस बार उत्तम किस्म के पीतल की बर्तनों को मंगाया गया है। उत्तरप्रदेश के शाहजहांपुर के निर्मित पीतल के बर्तनों की चमक अधिक दिनों तक बनी रहती है।
लावा-मूढ़ी से लेकर बर्तन तक की सजीं दुकानें : धनतेरस व दीपावली पर्व को लेकर लावा व मूढ़ी की अधिक बिक्री होती है। स्थानीय बाजारों में दर्जनों दुकानें लावा व मूढ़ी की खुल गयी है, जहां ग्राहक धनतेरस पर इसकी खरीदारी करेंगे। इन दुकानों पर सबसे अधिक बिक्री धान के लावा की होती है। जानकार बताते हैं कि धनतेरस में इस लावा की खरीद कर भंडार घर में रखने से अन्न की कमी नहीं होती है।