मधेपुरा/बिहार : बीएनएमयू के स्नातकोत्तर मनोविज्ञान विभाग द्वारा पीएचडी ऐडमिशन टेस्ट में उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं के नामांकन के लिए तिथि निर्धारित कर दी गई है। जिन छात्र-छात्राओं का चयन पीएचडी में नामांकन के लिए हुआ है। उन्हें पांच से 15 नवंबर के बीच विभाग में स्वयं उपस्थित होकर एवं सभी संबंधित प्रमाण पत्रों के साथ नामांकन लेना अनिवार्य कर दिया गया है। यदि कोई छात्र-छात्राएं इस तिथि में पीएचडी में नामांकन लेने में असफल होते हैं, तो उनके स्थान पर वेटिंग लिस्ट में चयनित छात्र-छात्राओं को अवसर प्रदान किया जाएगा। वेटिंग लिस्ट मेरिट के आधार पर निर्धारित है। पहले क्रम वाले को क्रमशः प्राथमिकता दी जाएगी।
विभागाध्यक्ष प्रो कैलाश प्रसाद यादव ने विस्तृत जानकारी देते हुए यह भी बताया कि निर्धारित तिथि में छात्र छात्राओं को विभाग में आकर नामांकन लेना अनिवार्य है। वेटिंग लिस्ट वाले छात्र छात्राओं को यदि मेरिट लिस्ट में कोई रिक्तियां रह जाती है, तो उन्हें अवसर दिया जाएगा। उनके लिए 16 से 18 नवंबर की तिथि निर्धारित कर दी गई है। विभागाध्यक्ष ने यह भी बताया के नामांकन की तिथि एवं इससे संबंधित सभी प्रक्रियाएं डीआरसी की बैठक में लिए गए निर्णय के आलोक में की गई है। वेटिंग लिस्ट में चयनित यदि कोई छात्र या छात्राएं रिक्त स्थान पर समय नामांकन नहीं ले पाते हैं तो फिर अगले छात्र-छात्राओं को डीआरसी के निर्णय के आलोक में ही कोई तिथि दी जा सकती है।
डीआरसी की बैठक मेंं प्रो डा एमआई रहमान, डा शंकर कुमार मिश्रा एवं डा आनंद कुमार सिंह उपस्थित थे। डा एमआई रहमान ने बताया कि चयनित मेघा सूची में मेघा के आधार पर चयनित छात्र एवं छात्राओं में अमर कुमार, संगीता सिंह, स्वास्तिका, प्रियंका कुमारी, मौसम कुमारी, राखी कुमारी, रूपा कुमारी, रिचा चौधरी, रुचि कुमारी, रजनीकांत, सोनी, रानी कुमारी, रूबी के नाम शामिल है। वेटिंग सूची में रिंकी कुमारी, मनीषा कुमारी, प्रभा कुमारी, सुप्रिया रानी, प्रियंका कुमारी, उमा कुमारी एवं ललन कुमार कि नाम शामिल है।
उन्होंने बताया कि नामांकन की सभी प्रक्रियाएं 20 नवंबर तक पूरी कर ली जाएंगी। तदुपरांत छात्र एवं छात्राओं के लिए कोर्स वर्क के वर्गों का संचालन शुरू कर दिया जाएगा. कोर्स वर्क दो पत्रों पर आधारित होगा। प्रथम पत्र रिसर्च मेथाडोलॉजी होगी। दूसरा पत्र रिसर्च मेथड इन सायकोलॉजी होगा। दोनों पत्र 100-100 अंको के होंगे। छह महीने वर्ग उपस्थिति के बाद इन दोनों पत्रों पर आधारित परीक्षा विश्वविद्यालय द्वारा ली जाएगी। सफल छात्र-छात्राओं को अपनी रिसर्च सिनॉप्सिस विभाग में समर्पित करना होगा। उसके बाद पीएचडी रेगुलेशन के अंतर्गत नियम परिनियम के आधार पर पंजीयन की प्रक्रिया पूरी की जाएंगी। पीएचडी रेगुलेशन 2016 के अंतर्गत महामहिम कुलाधिपति द्वारा अनुमोदित परीक्षा राशि विद्यार्थियों को नामांकन शुल्क के रूप में देनी होगी।