मधेपुरा : डाॅ. एपीजे अब्दुल कलाम जनता के राष्ट्रपति थे- सचिन्द्र पासवान

Spread the news

आरिफ आलम
वरीय संवाददाता,
चौसा, मधेपुरा

चौसा/मधेपुरा/बिहार : डाॅ. एपीजे अब्दुल कलाम जनता के राष्ट्रपति थे। वे भारत के भविष्यद्रष्टा थे। एक वैज्ञानिक के रूप में भारत को परमाणु शक्ति संपन्न करने में उनके योगदान को भूला  नहीं जा सकता ।

       उक्त बातें स्थानीय महादेव लाल मध्य विद्यालय, चौसा के प्रधानाध्यापक सचिन्द्र पासवान ने कही । वे आज मंगलवार को विद्यालय में आयोजित पूर्व  राष्ट्रपिता डाॅ. एपीजे अब्दुल कलाम जयंती समारोह को संबोधित कर रहे थे । उन्होंने कहा कि डाॅ कलाम महान वैज्ञानिक, दार्शनिक, शिक्षाविद, अद्भुत अभियंता , कुशल प्रशासक  तथा  मिसाइल मैन थे । देश के राष्ट्रपति के रूप में उनका कार्यकाल अनुकरणीय था। सादगी के बदौलत उन्हें “जनता का राष्ट्रपति” भी कहा जाता है ।

      वरीय शिक्षक यहिया सिद्दीकी ने कहा कि डाॅ . कलाम एक दुर्लभ व्यक्तित्व के स्वामी थे । शिक्षा के क्षेत्र में वे रोल माॅडल  थे । चर्चित शिक्षक संजय कुमार सुमन ने डा कलाम को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि वे तक्षशिला, विक्रमशीला और नालंदा विश्वविद्यालय के ज्ञान का संगम थे । उन्होंने कहा कि हम उनके आदर्शों पर चलकर जीवन बाधा को सहज ही दूर कर सकते हैं ।

       ज्ञातव्य है कि आज भारत के ग्यारहवें राष्ट्रपति भारतरत्न डाॅ. एपीजे अब्दुल कलाम की 89 वीं जयंती है । इस अवसर पर मुख्यालय स्थित महादेव लाल मध्य विद्यालय में उनके तैलीय चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी गई ।

     मौके पर संकुल समन्वयक विजय कुमार,  शिक्षक प्रणव कुमार, सुभाष पासवान, अमीम आलम , फैयाज अहमद, शिक्षिका नुजहत परवीन, श्वेता कुमारी सहित बाल संसद के प्रतिनिधिगण तथा छात्रगण उपस्थित थे ।


Spread the news