पलायन : भूख गरीबी और बेकारी से कराहते बिहार का दर्द

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अनूप ना. सिंह
स्थानीय संपादक

पटना/सहरसा/बिहार : भूख गरीबी और बेकारी से कराहते बिहार का दर्द देखना है तो सहरसा जंक्शन आइए। दशहरा खत्म होते ही सहरसा से मजदूरों का पलायन शुरू हो गया है़ । दो दिनों में 18 हजार से अधिक मजदूर जनसाधारण एक्सप्रेस से दिल्ली व पंजाब के लिए निकले। इसके बाद भी स्टेशन पर मजदूरों की भीड़ है।   मजदूरों की भीड़ के कारण इन ट्रेनों में सामान्य यात्रियों को जगह नहीं मिल पा रही है।

सहरसा के अलावा सुपौल, मधेपुरा, पूर्णिया, कटिहार, खगड़िया और दरभंगा के मजदूर यहां ट्रेन पकड़ने आते हैं। मजदूरों ने बताया कि पंजाब में धनकटनी शुरू है। वहां काम करने जा रहे हैं। ट्रेन में जगह पाने के लिए दो-दो दिनों से प्लेटफॉर्म पर पड़े हुए हैं। मजदूर स्पेशल ट्रेनें इन दिनों खचाखच भड़ी है।  कमासुत वापस लौटने लगे है हजारों की तादाद में लोग प्लेटफार्म पर पड़े हुए है ट्रेनों के बाथरूम तक में  दम कुट्टू माहौल में भी इंसान भेड़ बकरियों जैसे तू से हुए नजर आ रहे हैं।

 बिहार सरकार और उसके हुक्मरान बेशर्मी से बयान दे रहे है कि पलायन को रोका नहीं जा सकता। रोजी रोजगार का सृजन नहीं होगा बिहार में न कल कारखाने लगे न कृषिगत क्षेत्रों में भी कोई परिवर्तन  हुआ। रोजगार के सृजन होने की बात तो दूर जो भी लघु मध्यम और कुटीर उद्योग विहार में थे वह भी बंद हो चुके है।


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