दरभंगा : आज भी टूटा जाले प्रखंड का तटबंध, अलीनगर सहित कई नए क्षेत्रो में घुसा बाढ़ का पानी

Spread the news

ज़ाहिद  अनवर (राजु)
उप संपादक

दरभंगा/बिहार : बाढ़ के पानी के बढ़ते दबाव के कारण आज भी तटबंध के टूटने का सिलसिला जारी है। आज जाले के अधवारा समूह के खिरोई नदी के पश्चिमी तटबंध मिल्की के निकट टूट जाने के कारण बाढ़ का पानी तेजी से फैल रहा है। रेलवे लाईन पर पानी के दवाब को देखते हुए रेल प्रशासन ने दरभंगा-सीतामढ़ी के बीच रेल परिचालन पर रोक लगा दी है।

यह तटबंध तीन बजे सुबह टूटा था। क्षेत्र को प्रभावित करने वाले अधवारा जलसमूह के बुढ़नद, धौस व खिरोई नदी में नेपाल में हो रहे लगातार बारिश से डैम से छोड़े गए पानी के दबाब से जहां एक ओर सीमावर्ती पुपरी (सीतामढ़ी) प्रखंड क्षेत्र के हरदिया पंचायत के विक्रमपुर व रामपुर पच्चासी के बीच पूर्व टूटे तटबंध से निकला बुढ़नद नदी का पानी घोघराहा गांव होते हुए जाले प्रखंड क्षेत्र में बड़ी तेजी से फैल रहा है।

वहीं बीते सोमवार की रात जाले प्रखंड क्षेत्र के चकमिल्की गांव से पूरब व मुरैठा गांव से दक्षिण मिल्की गांव रेलवे का 18 नंबर रेल पुल के समीप खिरोई नदी के पश्चिमी तटबंध करीब 50 फीट में टूट जाने से मुरैठा, मिल्की गांव में अफरा-तफरी मच गयी। माल मवेशी को उसके हाल पर छोड़ कर लोग ऊँचे स्थान की ओर जान बचाकर भागे। ज्ञात हो बेलबाड़ा, खजुरवाड़ा, भवरपुरा समेत प्रखंड के पश्चिमी के सभी 16 पंचायत इससे इससे प्रभावित होंगे। गांवों के सैकड़ो एकड़ भूमि से लगी धान की फसले डूबी है साथ ही साथ बाढ़ पीड़ित परिवार खुले आसमान के नीचे अपने मवेशियों के साथ रहने को विवश हो गए है। इन पीड़ितों का कमतौल, जाले व दरभंगा से सड़क संपर्क भी भंग हो गया है। वहीं मंगलवार के अपराह्न करीब एक बजे बिस्फी (मधुबनी) प्रखंड के जगवन गांव स्थित धौस नदी के पश्चिमी महाराजी तटबंध के टूट जाने से नदी का सैलाब कमतौल-बसैठा पथ (एसएच 75) को लांघता हुआ बड़ी तेजी से रमौल, पनिहारा गांवों को पाटता हुआ पश्चिम की ओर फैल रहा है।

यह गौतमकुण्ड, ब्रह्मपुर, रतनपुर आदि गांवों को प्रभावित करेगा। कारोबारियों ने बाढ़ आपदा को देख जरूरत के सामानों की कीमतों में काफी इजाफा कर दिया है। पांच से सात रुपये प्रतिकिलो बिकने वाला आलू तेरह से पंद्रह रुपये प्रतिकिलो बिकने लगा है। हरी सब्जियां अचानक बाजार से लुप्त हो गई है। सबसे बुरे हालात पशुपालको के हो गए है। इन्हें न तो चारा सुलभ हो रहा है और न तेज धूप से मवेशियों के बचाने के साधन। उधर अलीनगर प्रखंड के नये-नये गांवों में तेजी से पानी फैल रहा है। लोग विस्थापित होकर ऊँचे जगह पर अवस्थित विद्यालयों में शरण ले रहें हैं। आज प्रखंड के मोतीपुर, अंटौर, अंदौली, पकड़ी, जयघट्टा, हरसिंहपुर, धमुआरा, धमसाईन आदि गांवों में तेजी से पानी फैल रहा है। धमुआरा में एनडीआरएफ की टीम लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रही है।

वहीं मोतीपुर मध्य विद्यालय पर शरण लिये हुए लोगों को खिचड़ी बनाकर भोजन कराया जा रहा है। आज अलीनगर प्रखंड क्षेत्रों में जिलाधिकारी त्यागराजन एस.एम., क्षेत्रीय विधायक अब्दुल बारी सिद्दीकी ने भी बाढ़ पीड़ितों का हाल-चाल जाना और राहत वितरण कार्य का जायजा लिया।


Spread the news