स्टुडेंट क्रेडिट कार्ड योजना : विभागीय अधिकारियों की मनमानी के कारण छात्रों के लिए बना परेशानी का सबब, विभाग के रवैये से छात्रों में निराशा

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कौनैन बशीर
वरीय उप संपादक

मधेपुरा/बिहार : मधेपुरा जिले के उदाकिशुनगंज अनुमंडल क्षेत्र में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बहुयामी स्टुडेंट क्रेडिट कार्ड योजना सफलीभूत साबित नहीं हो पा रहा है। इसकी वजह विभागीय अधिकारियों की योजना के प्रति नाकारात्मक सोच होना बताया जा रहा है। बताया जाता है कि डीआरसीसी मधेपुरा के कर्मियों के कार्यशैली से छात्रों में निराशा के भाव उत्पन्न हो रहा है। जिससे छात्रों में भाड़ी आक्रोश व्याप्त है। हद तो इस बात का है कि डीआरसीसी के कर्मियों में जिला प्रशासन का खौफ नहीं है।

 मिली जानकारी के अनुसार यूवीके कालेज कड़ामा में पहुंच कर डीआरसीसी के कर्मियों को छात्रों को लाभ पहुंचाना था। बताया जाता है कि डीआरसीसी के कर्मी दो दिन पहुंचे। वह भी तब पहुंचे जब कालेज का वक्त खत्म हो गया। छात्र-छात्राओं ने आरोप लगाते हुए कहा है कि गुरुवार को देर शाम होने की वजह से कर्मी ने शुक्रवार का वक्त दिया। जहां शुक्रवार को डीआरसीसी कर्मी के आस में छात्र छात्रा दिन भर बैठे रहे। लेकिन कर्मी नहीं पहुंचे। वही छात्रों का कहना है कि कर्मी तीन दिनों से परेशान कर रहे है। बावजूद योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। कुछ छात्रों ने बताया कि पिछले दिनों डीआरसीसी के कर्मी ने मधेपुरा आने को कहा था। इसके पीछे कर्मी की गलत मंशा रही है।

क्या है योजना का उदेश्य : गौरतलब हो कि उच्च शिक्षा से जोड़ने की मुख्यमंत्री की महात्वाकांक्षी योजना में स्टुडेंट क्रेडिट कार्ड है। विकसित बिहार के सात निश्चय के अन्तर्गत 12 वीं कक्षा उत्तीर्ण विद्यार्थी जो आर्थिक कारणों से उच्च शिक्षा प्राप्त करने से वंचित हो जाते हैं। उनको आर्थिक सहायता पहुंचाने के उदेश्य से बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना को संचालित किया गया है। इस योजना से जोड़कर वैसे इच्छुक विद्यार्थी को शिक्षा ऋण उपलब्ध कराने का उदेश्य है। लेकिन जिस तरह की डीआरसीसी के कर्मियों का रवैया है उससे नहीं लग रहा है कि छात्रों को कोई लाभ मिल पायेगा। वही छात्रों ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री और डीएम मधेपुरा से करने की बात कही है।

इधर करामा यूवीके कालेज के प्राचार्य डा. माधवेंद्र झा ने कहा कि छात्रोहित में बेहतर योजना है। यधपि डीआरसीसी के कर्मी छात्रों को सहयोग नहीं कर रहे है। यह चिंता का विषय है।


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