मधेपुरा : गंदगी और कीचड़ से जूझ रहीं है विधायक के गांव की सड़कें, आखिर कब बहुरेगें मधुबन सड़कों के दिन

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कौनैन बशीर
उप संपादक

मधेपुरा/बिहार : हाल के दिनों में यदि आप उदाकिशुगंज प्रखंड के मधुबन गॉंव की सड़कों से गुजरे हो तो आपको ये जरूर समझ आया होगा कि, हाल के इन वर्षों में मधुबन की सड़कों की सूरत कितनी बदली है ?  तब ये समझ पाए होंगे कि इन सड़कों पर चलना कितना मुश्किल है और जब आप सड़क पार कर गए होंगें तो निश्चित तौर पे अपने इष्टदेव को धन्यवाद दिये होंगे।

खैर ये तो इस बार के मॉनसून की शुरुआत के पहले का नजारा है। अभी तो पूरी बरसात बाकी है, बरसात में क्या होगा इसका अंदाजा आप सहज लगा सकते हैं। कोई सुनता नही, कहे तो किससे, सड़क पर चलने वाले राहगीर एक बार ऊपर वाले को जरूर याद कर चलते होगें। मधुबन गांव की उक्त सड़क अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहीं हैं। रुक-रुक कर लगातार हो रही बारिश के बाद पुरे प्रखंड क्षेत्र की बात तो रहने दीजिये, स्थानीय JDU विधायक निरंजन मेहता के ग्रृह पंचायत मधुबन में भी कीचड़ से सड़क सना हुआ है। जहां आने-जाने के लिए पक्के व सुगम रास्ते नहीं है। ग्रामीणों को मुख्यालय पहुँचने के लिए कीचड़ एवं ऊबड़-खाबड़ रास्ते से होकर जाना पड़ रहा है।

प्रभावित गांव के लोगों ने सड़क मार्ग बनाने के संबंध में जहां प्रशासन से कई बार निवेदन किया, वहीं विधायक से भी अनेको बार गुहार लगाई। लेकिन ग्रामीणों को आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला। आवागमन की समस्या के चलते प्रभावित मधुवन गांव में शासन की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ भी ग्रामीणों को नहीं मिल रहा।

मालूम हो कि मधेपुरा जिला अंतर्गत उदाकिशुनगंज प्रखंड हल्का के उदा चौक से मधुबन होते हुए महुआ गाछी एसएच 58 तक जाने वाली ग्रामीण कार्य विभाग की मुख्य सड़क पर स्थानीय विधायक के गांव मधुबन के वार्ड संख्या 4, 5 एवं 6 में बारिश होने के बाद राहगीरों के लिए चलना ढेरी खीर साबित हो रही है। गौरतलब है कि स्थानीय जन प्रतिनिधि के अनदेखी के कारण गांवों की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। जिस कारण उक्त सड़क से यातायात बिल्कुल ठप है। वही सड़क पर कीचड़ रहने के कारण उक्त गांव के बच्चे का पठन-पाठन बंद हो चुका है। कीचड़ युक्त सड़क में पड़ने वाले 2 कोचिंग सेंटर मे छात्र-छात्राएं जाना बंद कर दिए है। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि हल्की बारिश में भी सड़क पर जल जमाव के कारण सड़क कीचड़मय हो जाता है। वही पानी का निकासी नहीं रहने के कारण दुर्गंध युक्त हो जाता है। इससे संक्रामक बीमारी फैलने का खतरा उत्पन्न हो गया है।

मालूम हो कि मुख्यमंत्री गली नाली योजना अंतर्गत सड़क के दोनों किनारे बने नाले भी आफत बनी हुई है । सड़क से नाला उंचा रहने के कारण नाले का पानी भी सड़क पर ही बहता रहता है। जिस कारण जलजमाव की स्थिति बनी हुई है।

ज्ञात हो कि विगत वर्ष पूर्व स्थानीय ग्रामीणों ने गुस्से में आकर व्यवस्था के खिलाफ विरोध जताते हुए ट्रैक्टर से कीचड़ वाले हिस्से में जुताई कर धान रोपकर प्रदर्शन भी किया था। स्थानीय आक्रोशित ग्रामीणों का कहना था कि इससे खराब स्थिति और क्या हो सकती है कि हमारे गांव मे विधायक के साथ साथ पत्नी मुखिया के रहने के बावजूद भी सड़क पैदल चलने लायक नहीं है। बारिश के दौरान गाँव के बाहर से आने जाने वाले राहगीर व बाइक चालक एवं महिलाएं कई बार गिरकर चोटिल भी हो चुकी है। हालांकि उस बार विधायक ने लोगों से कहा था कि सड़क निर्माण कार्य का डीपीआर तैयार हो गया है। जल्द ही निविदा की प्रक्रिया पूर्ण कर सड़क निर्माण कार्य प्रारंभ किया जाएगा। बावजूद साल भर बीत जाने के बाद भी निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है। जिससे स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश व्याप्त है। ग्रामीण अब फिर से सड़क पर धान रोपनी कर आंदोलन करने का मूड बना रहे हैं।

वही विभागीय अधिकारियों ने बताया कि सड़क का डीपीआर बनकर तैयार है प्रशासनिक स्वीकृति नहीं मिल रही है जिस कारण निविदा की प्रक्रिया पूर्ण नहीं की जा रही है।


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