सुपौल/बिहार : मंडल कारा, सुपौल में एक दलित विचाराधीन कैदी की सदर अस्पताल में इलाज के दौरान मौत से आक्रोशित परिजनों ने आज सड़क जाम कर जमकर हंगामा किया। आक्रोशित लोगों ने इस दौरान सदर थाना क्षेत्र के परसरमा में सहरसा-सुपौल पथ पर मृत कैदी की लाश रखकर जेल अधीक्षक, सुपौल पर गंभीर आरोप लगाते हुए मुआवजे की मांग कर दोषी के विरुध्द कार्रवाई की मांग की।
इस दौरान करीब पांच घंटे तक लगी जाम के कारण आवाजाही पूरी तरह ठप्प हो गयी है, बावजूद इसके खबर लिखे जाने तक प्रशासन के द्वारा जाम ख़त्म करवाने और प्रदर्शन कारियों की मांगों को सुनने की पहल नहीं की गई।
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क्या है पूरा मामला:-दरअसल करीब तीन माह पूर्व सदर थाना के परसौनी गांव में हुई मारपीट मामले में केस दर्ज हुआ था, जिसमें मृतक चंद्रदेव शर्मा भी आरोपी थे। हालंकि इस मामले में दोनो तरफ से मामला दर्ज था। बताया गया कि पिछले 14 जुलाई को सदर पुलिस ने चंद्रदेव को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जेल में चंद्रदेव को महज पांच दिन ही हुए कि कल अचानक उसकी तबियत बिगड़ गई और जेल प्रशासन ने उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया जहां डॉक्टर द्वारा इलाज शुरू किया लेकिन कुछ ही क्षणो के बाद उसकी मौत हो गयी।
घटना के बाद परिजनों में भारी आक्रोश था कुछ देर के लिए नाराजगी भी जाहिर किया। हलाँकि किसी भी परिस्थिति से निबटने के लिए पुलिस बलों को बड़ी संख्यां में तैनाती भी की गयी थी। जिसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।
बहरहाल इधर मृतक चंद्रदेव शर्मा की मौत से परिजन मर्माहत है और साजिश की बात कर रहे हैं। खैर जो भी हो चंद्रदेव की मौत कैसे हुई? क्या कोई साजिश थी या बीमारी मौत की वजह बनी? ऐसे कई गभीर सवाल है जिसका खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मुमकिन है।