दरभंगा/समस्तीपुर/बिहार : एक और मामले में पुलिस के आला अधिकारी पर गाज गिर सकती है। समस्तीपुर जिले के शिवाजीनगर ओपी में दोषी लोगों को बचाने एवं निर्दोश को फसाने के मामले को डीआईजी क्षत्रनील सिंह ने गंभीरता से लेते हुए रोसड़ा एसडीपीओ पर कारवाई के लिए विभाग को लिखा है। डीआईजी क्षत्रनील सिंह ने रोसड़ा एसडीपीओ अरुण कुमार दूबे से बिना सत्यापन किए प्रवेक्षन करने के मामले में स्पष्टीकरण पूछा था। जिसका डीएसपी ने संतोषजनक जवाब दे नहीं पाए। जिसमें उनके द्वारा घोर लापरवाही बरतने की बात सामने आई है।
डीआईजी श्री सिंह ने अपने समीक्षा के दौरान पाया कि पर्यवेक्षक टिप्पणी में वादी के पुन: बयान को मनमाने ढंग से दिखाया है जबकि शिवाजी नगर ओपी में तोड़फोड़ को लेकर प्राथमिकी दर्ज कराने वाले सीओ रामदत्त पासवान ने समीक्षा दौरान यह स्वीकार किया कि नामजद आरोपियों का पता दर्ज प्राथमिकी से परिवर्तन किया गया है। इसकी जानकारी उन्हें दी गई न हीं पर्यवेक्षन दौरान उनका पुन: बयान लिया गया है। ठीक इसके विपरीत एसडीपीओ के प्रवेक्षन में मनमाने ढंग से सीओ पासवान का पुन: बयान दर्ज कर दर्ज प्राथमिकी में भिन्न दिखा दिया गया है। एसडीपीओ ने कांड संख्या 16/19 दिनांक 12 मार्च 2019 के पर्यवेक्षण में थानाध्यक्ष व चौकीदार के बताए गए बातों पर ही प्रवेक्षन कर दिया। इसका सत्यापन करना उन्होंने आवश्यक नहीं समझा।
बता दें 12 मार्च 2019 को शिवाजीनगर ओपी के पास शराब भरी ट्रक से तीन लोगों की मौत हुई थी। स्थानीय लोगों ने ओपी में तोड़फोड़ की थी जिसमें प्रखंड के सीईओ के द्वारा संतोष मंडल, भगवान लाल मंडल आरोपित बनाया जाता है। इस मामले में 15000 घूस लेने का वीडियो वायरल हुआ था उसके बाद से आईजी पंकज कुमार दराद के निर्देश पर ओपी प्रभारी को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया था।