मौत का अस्पताल : मरने वाले बच्चों की संख्या बढ़कर हुई 108, कसूरवार कौन ?

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बिहार में इंसेफेलाइटिस से 108 बच्चों की मौत मुजफ्फरपुर में स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री हर्षवर्धन को दिखाए काले झंडे

कौनैन बशीर
उप संपादक

बिहार के मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार का कहर जारी है। इस गंभीर बीमारी की वजह से अबतक 108 बच्चों की मौत हो गई है। इसकी रोकथाम को लेकर अब तक जो भी प्रयास किए जा रहे हैं वो स्थिति को देखते हुए नाकाम साबित हो रही है। हालत ये हो गई है कि मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच और केजरीवाल अस्पताल के वार्ड-आईसीयू फुल हो गए हैं।

मालूम हो कि बिहार में एईएस (एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम) या इंसेफेलौपैथी हर साल बच्चों पर कहर बनकर टूटता है। ऐसा कहा जा रहा है कि एनसिफलाइटिस के चलते यह मौत हो रही है। उधर, चमकी बुखार का इलाज मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच में करा रहे बच्चों के परिजनों को समझ नहीं आ रहा है कि वे इस स्थिति से मुकाबला कैसे करें। इस साल भी गर्मियों में एईएस के कारण उत्‍तर बिहार में 108 बच्चों की मौत हो चुकी एईएस से मौतों के कारण अब मुजफ्फरपुर से पटना-दिल्‍ली तक हाहाकर मच गया है।

मुजफ्फरपुर में बिगड़ रहे हालात का जायजा लेने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्द्धन रविवार को मुजफ्फरपुर पहुंचे। जिस वक्त स्वास्थ्य मंत्री श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल पहुंचे तभी दो और बच्चे की मौत हो गई। निरीक्षण के बाद केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री डॉ. हर्षवर्द्धन ने बच्चों की मौत को कष्‍टदायीं बताया तथा इसके लिए सौ बेड के बच्‍चों की आइसीयू के निर्माण पर बल दिया। उल्लेखनीय है कि इस बीमारी के प्रकोप को देखते हुए बुधवार से ही सात सदस्यीय केंद्रीय जांच टीम मुजफ्फरपुर के दौरे पर है। मुजफ्फरपुर के अलावा सीतामढ़ी, शिवहर, वैशाली और पूर्वी चंपारण जिले में चमकी बुखार का कहर जारी। बिहार के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि इस बीमारी को लेकर सरकार भी चिंतित है। बीमारी की रोकथाम के लिए हरसंभव कदम उठाये जा रहे हैं। एसकेएमसीएच को छह अतिरिक्त एंबुलेंस उपलब्ध कराया गया है। और यह एंबुलेंस चौबीस घंटे कार्यरत रहेगा। जहां भी इस बीमारी से पीडि़त बच्चे के होने की सूचना मिलेगी उसे तत्काल अस्पताल में भर्ती करा कर उचित इलाज किया जाएगा। इस बीच इलाज में लापरवाही के आरोप भी लगे हैं।

बिहार सरकार ने माना, इस आपातकालीन स्थिति में आईसीयू और बेड की है कमी

उधर, बिहार में चमकी बुखार से लगातार हो रही मौत, अस्पतालों की बदइंजामी और सरकार की गंभीरता पर उठ रहे सवालों के बीच बिहार के मंत्री सुरेश शर्मा ने कहा कि सरकार शुरू से ही इस पर काम कर रही है। दवाओं को कोई कमी नहीं है। हालांकि, वर्तमान आपातकालीन स्थिति को देखते हुए आईसीयू और बेड की कमी है। भारतीय जनता पार्टी के नेता डॉ. सीपी ठाकुर ने आरोप लगाया कि राज्‍य सरकार देर से जागी, मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार को खुद जाकर हालात देखना चाहिए था। इसके पहले पटना में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री का पप्‍पू यादव की जन अधिकार पार्टी के कार्यकर्ताओं ने काले झंडे दिखाए।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्द्धन के सामने युवक का अर्धनग्‍न प्रदर्शन

बिहार में एईएस का कहर गहरा गया है। मुजफ्फरपुर के श्रीकृष्‍ण मेडिकल कॉलेज व अस्‍पताल (एसकेएमसीएच) में एईएस के इलाज की व्‍यवस्‍था का जायजा लेने के दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्द्धन व केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य राज्‍यमंत्री अश्विनी चौबे के सामने लोगों ने हंगामा कर आक्रोश जताया। आक्रोशित लोगों में शामिल एक युवक ने अर्धनग्‍न प्रदर्शन कर विरोध जताया। बताया जाता है कि जनाक्रोश तब भड़का,जब स्‍वास्‍थ्‍य राज्‍य मंत्री अश्विनी चौबे एक मरीज के परिजन की गुहार को अनसुनी कर दूसरे वार्ड में जाने लगे।
मिली जानकारी के अनुसार एसकेएमसीएच में रविवार को केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन, केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य राज्‍यमंत्री अश्विनी चौबे एवं बिहार के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री मंगल पांडेय ने एईएस की स्थिति का जायजा लेने पहुँचे थे। इसी दौरान एक मरीज के परिजन ने अश्विनी चौबे से अपने मरीज को देख लेने की गुहार लगाई, लेकिन उन्‍होंने अनसुनी कर दी।


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