
उप संपादक
मधेपुरा/बिहार : जिले में टूटे हुए पोल व विद्युत के जर्जर तार हवा के हल्के थपेड़ों को भी झेल पाने में असमर्थ है। एक और बिजली विभाग के द्वारा सभी जगह नए पोल लगाये जा रहे हैं और सभी तार को भी बदल कर नए तार भी लगाये जा रहे हैं, लेकिन बिजली विभाग के कर्मियों की लापरवाही और कमजोर वायरिंग की वजह से कई हादसे भी जन्म लेते जा रहे हैं। जिले में टूटे हुए पोल व विद्युत के जर्जर तार हादसों को न्योता दे रहे हैं। टेढे हो चुके पोल पर लुंज-पुंज व पुराने तार से 11 हजार व 440 वोल्ट का करंट दौड़ता । जिले के सभी सड़कों पर विभिन्न विद्युत पोलों पर तारों का मकड़जाल इस कदर फैला हुआ है कि लोगों को हर वक्त किसी अनहोनी की आशंका बनी रहती है। विद्युत विभाग विगत कई वर्षों से शहर में बिजली पोल एवं तार लगाने का अभियान छेड़ रखा है, लेकिन शहर के व्यस्ततम सड़कों पर अभी तक उपभोक्ताओं के तारों के मकड़जाल से मुक्ति नहीं मिल सकी है। तारों का मकड़जाल विद्युत पोल पर ही नहीं, बल्कि टेलीफोन के पोल पर भी लगा हुआ है, जो किसी भी तरह से सही नहीं है, बावजूद इसके विभागीय अभियंता अनजान बने हुए है।

विद्युत विभाग के लचर कार्यशैली से उपभोक्ता परेशान : – विद्युत विभाग के लचर कार्यशैली के कारण शहर के विभिन्न मुहल्लों के विद्युत उपभोक्ता परेशान है। किसी मोहल्ले में पोल की कमी है, तो किसी मुहल्ले में समुचित बिजली तार की व्यवस्था नहीं होने से उपभोक्ता हलकान है। जर्जर तारों को भी नहीं बदले जाने से आये दिन उपभोक्ता को बिजली आपूर्ति में बाधा उत्पन्न हो रही है। जर्जर तारों को नहीं बदले जाने के कारण हर समय दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। बिजली विभाग की लापरवाही से नगर के भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में किसी भी दिन बड़ा हादसा हो सकता है। नगर के मुख्य चौराहों के अलावा बस स्टैंड, स्कूल, अस्पताल के आसपास लगे बिजली के खंबों पर मकड़जाल की तरह बिजली के तार फैले हुए हैं। पूर्व में कई घटनाएं होने के बावजूद भी बिजली विभाग के अधिकारी सबक नहीं ले रहे हैं।

बड़े हादसे को रोका जाना संभव नहीं :- दरअसल बीते कुछ वर्षों पूर्व बिजली चोरी रोकने के लिए ईजाद की गई कवर्ड केबल पूरे जिले में लगाए जाने का काम शुरू किया गया था। नगर के अधिकांश हिस्सों में इसका कार्य पूरा भी कर लिया गया है लेकिन भीड़ भाड़ वाले स्थानों पर आज भी बिजली के नंगे तारों का ही जाल फैला हुआ है। यह तार भी मेंटेनेंस के अभाव में कभी भी टूटकर नीचे गिर सकते हैं। जिनके नीचे आते ही बड़े हादसे को रोका जाना संभव नहीं है। हैरानी की बात तो यह है कि इन नंगे तारों का जाल सबसे व्यस्ततम क्षेत्र मुख्य बाजार में फैला हुआ है। इस बाजार पूरे दिन हजारों गाड़ियां और लाखों लोग का आना-जाना होने के कारण यहां सुबह से देर रात तक काफी भीड़ भाड़ बनी रहती है। नगर के प्रमुख चौराहों का हाल इससे जुदा नहीं है। एक खंबे से दूसरे खंबे पर बिजली पहुंचाने के लिए कवर्ड केबल की जगह अभी भी इन्हीं नंगे तारों से काम चलाया जा रहा है। इसके अलावा नगर के बाहरी मार्गों पर और भी खतरनाक तरीके से इन्हीं नंगे तारों की सहायता से रोड क्रॉस करके बिजली पहुंचाई जा रही है।
