मधेपुरा : परोपकार से बड़ा कोई धर्म नहीं – रामेश्वरानंद

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जानकी नवमी तीन दिवसीय यज्ञाधिवेशन के अंतिम दिन विश्राम कथा के दौरान होली उत्सव मनाया गया ♦ श्रद्धालुओं ने उत्तर प्रदेश झांसी से आई साध्वी राधा भक्ति भारती संग जमकर गुलाल उड़ाए 

प्रिंस कुमार मिठ्ठू
संवाददाता
बिहारीगंज, मधेपुरा

उदाकिशुनगंज/मधेपुरा/बिहार : प्रखंड क्षेत्र के मधुबन पंचायत में जानकी नवमी तीन दिवसीय यज्ञाधिवेशन के अंतिम दिन के कथा के दौरान उत्तर प्रदेश जौनपुर के राष्ट्रीय मानस प्रवक्ता रामेश्वरानंद महाराज जी ने कहा कि आज समाज में पापाचार, भ्रष्टाचार, अत्याचार चरम सीमा पर है। काम, क्रोध, मद, लोभ, ईर्ष्या, द्वेष, पाखंड, झूठ, मत्सर अविवेक आदि दुर्गुणों के जाल में फंसकर मानव दानव बनता जा रहा है।

उन्होंने कहा कि एक समय ऐसा था जब भारत का गिद्ध भी धर्म का पालन करता था। भारत के गिद्ध से भी भारतीय संस्कृति का अपमान बर्दाश्त नहीं होता था। जिस समय विजेता लंकेश रावण भारतीय संस्कृति स्वरूपा आदिशक्ति भगवती श्री सीता जी को विमान पर बैठा कर चला तो सीता जी के करुण क्रंदन की आवाज को यक्ष, गंधर्व, किन्नर, नर सभी सुन रहे थे लेकिन किसी में हिम्मत नहीं थी कि विजेता रावण के सामने आकर खड़ा हो जाए और ललकार कर कह दे खबरदार रावण यह हमारी भारतीय संस्कृति के इज्जत का सवाल है। पर कोई आगे नहीं आया। लेकिन जब वही आवाज भारत के एक वृद्ध गिद्ध ने सुना तो उस वृद्ध गिद्ध की धमनियों में तरुण रक्त का प्रवाह खोल उठा और रावण को ललकार दिया। वह अपने चोचों से मार मार कर रावण को बेहोश कर दिया। लेकिन जब रावण को होश आया तो उसने जटायु के पंख को काट दिया। खून से लथपथ जटायु जी धरती पर गिरे। परोपकार में कदम आगे बढ़ाने का परिणाम यह हुआ कि लोगों का प्राण काल के सामने निकलता है लेकिन जटायु जी का प्राण काल के सामने नहीं बल्कि कौशल्या के लाल की गोद में निकला और भगवान ने जटायु जी को सारुप्य मुक्ति प्रदान किया और जटायु जी का अंतिम संस्कार भगवान श्री राम जी ने स्वयं अपने हाथों से संपन्न किया।

यज्ञाधिवेशन के अंतिम दौर में मधुबन होली उत्सव मनाया गया। जिसमें श्रद्धालुओं ने उत्तर प्रदेश झांसी से आई साध्वी राधा भक्ति भारती संग जमकर गुलाल उड़ाए। इसके बाद युवाओं और महिलाओं ने एक दूसरे के गुलाल लगाकर होली खेली। एक और जहां युवा साध्वी राधा के भक्ति धुनों पर गुलाल उड़ाकर जमकर होली खेल रहे थे। वहीं दूसरी ओर महिलाओं ने राधा के साथ गुलाल की होली खेली तथा राधा के भक्ति भजन “मधुवन में उरे रे गुलाल” “आज मधुबन में होरी है रे रसिया” पर झुम उठे श्रद्धालु। मधुवन में ब्रज के होली में साध्वी राधा के भक्ति भजनों पर उनके साथ जमकर महिलाओं और युवाओं ने नृत्य किया। जैसे ही राधा के साथ मधुवन में होली प्रारंभ हुई तो वह ब्रज की यादों को ताजा कर रही थी। पूरा गाँव का माहौल ब्रज मय हो गया। साध्वी भारती ने अपने भजन “देख लो मेरे दिल के नगीने में, श्रीराम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में” गाकर श्रद्धालुओं का दिल जीत लिया अंत में उन्होंने अपने भजन “बुला करके मुझको भैया भुला तो ना दोगे, हंसा करके मुझको रुला तो ना दोगे, बरसता यहां आंखों से सितारा, रही गर जिंदगी तो मिलूंगी दोबारा” पर लोगों को भावुक कर दिया।

अंतरराष्ट्रीय मानस प्रवक्ता राम बालक दास जी महाराज ने कहा कि दुनिया के रंगमंच पर चल रहे लीला का कुशल कारीगर हैं प्रभु श्री राम। आयोजन कर्ता क्षेत्रीय मंत्री राम लखन दास, मुंगेर की मानस प्रवक्ता सीमा वर्मा, रामानंद मिश्रा, कोषाध्यक्ष बिजेंद्र मेहता, उपाध्यक्ष सत्यनारायण मेहता ने भी अपने भजनों और पर वचनों से श्रोताओं का भरपूर आत्म रंजन किया। युवा शक्ति कमेटी के सभी सदस्य व्यवस्थाएं बनाए रखने में सक्रिय भूमिका निभा रहे थे।


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