मुरलीगंज/मधेपुरा/बिहार : मुरलीगंज केपी काॅलेज में बीएनएमयू द्वारा संचालित बीसीए की परीक्षा के चौथे दिन गुरूवार को विक्षकों पर दुर्यव्यवहार एवं तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप लगाकर आक्रोशित छात्रों ने जोरदार हंगामा करते हुए लगभग आधे घंटे तक परीक्षा बाधित कर दिया। साथ ही बैंच डेक्स को भी क्षति पहुंचाने का प्रयास किया।
इस दौरान छात्रों एवं विक्षकों के बीच हाथापाई भी हो गयी। हंगामे को देख दो छात्रा हताश होकर बेहोश हो गयी। जिसे सहयोगी छात्राओं द्वारा होश में लाया गया। हंगामा कर रहे छात्रों का कहना था कि विक्षकों द्वारा दुर्यव्यवहार किया जाता हैं। कालेज परिसर में बैंग, मोबाईल एवं अन्य सामान रखने की कोई व्यवस्था नही हैं। जिस कारण मोबाईल ऑफ करके पाकेट में रखना पड़ता हैं। वीक्षको द्वारा वही मोबाईल निकालकर कदाचार करने के आरोप में बेवजह तंग करते हुए घंटो कापी छीनकर रख लिया जाता हैं। ऐसी स्थिति में हमलोग परीक्षा नही दे पायेंगे।
हलांकि कुछ विक्षक एवं कालेज कर्मीयों द्वारा आक्रोशित छात्रों को परीक्षा में छूट देने की बात कहकर हंगामा को शांत करवाते हुए परीक्षा संचालित किया गया।
बता दे कि केपी कालेज परीक्षा केंद्र पर करीब 10:50 बजे कमरा नंबर 11 से छात्रों का हंगामा शुरू हुआ। इसके बाद सभी कमरों मे छात्र उग्र होकर हंगामा करते कमरे से बाहर निकल आये थे। परीक्षा केंद्र पर आघा घंटा तक छात्रों का जोड़दार हंगामा चलता रहा। काफी मशक्कत के बाद परीक्षा पुनः संचालित करवाया गया।
सूचना मिलने पर एएसआई राकेश सिंह दल बल के साथ परीक्षा केंद्र पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि परीक्षा विभाग को हंगामा करने वाले छात्रों को निष्कासित करना चाहिए। हलांकि पुलिस के पहुंचने से पहले हंगामा शांत हो गया था। वही इस दौरान एक विक्षक ने अपनी कमी को छुपाने के लिए खबर संकलन कर रहे पत्रकारों के साथ उलझते हुए दुर्यव्यवहार किया। बताया गया कि केंद्राधीक्षक सह प्रभारी प्राचार्य कालेज से अनुपस्थित थे।
वही परीक्षा नियंत्रक डॉ मो. अली अहमद मंसूरी ने कहा कि परीक्षा हाल में मोबाईल ले जाने और खुलेआम कदाचार नही होने की वजह से छात्रो ने हंगामा किया हैं।
बता दे कि मंगलवार को बीएनएमयू के प्रति कुलपति डाक्टर फारूक अली ने परीक्षा का निरीक्षण किया था। इस दौरान उन्होंने कुछ छात्रों के पास से मोबाईल बरामद किया था। जिसपर उन्होंने विक्षको से स्पष्टीकरण पूछा हैं। उन्होंने विक्षकों को कदाचारमुक्त परीक्षा संचालित कराने का सख्त निर्देश दिया था। जिससे छात्र आक्रोशित थे।
वही केंद्राधीक्षक सह प्रभारी प्राचार्य डाक्टर राजीव सिन्हा ने बताया कि विक्षक एवं छात्रों के बीच कनफ्यूजन होने की वजह से हंगामा हुआ। पुनः तुरंत बाद हंगामा शांत कराते हुए परीक्षा संचालित किया गया। मुझे दो कालेजों का प्रभार हैं। जिस कारण दोनो कालेजों में एक दिन छोड़ एक दिन समय देना पड़ता हैं। पत्रकारों के साथ हुए दुर्यव्यवहार के संबंध में पूछे जाने पर बताया कि मेरे अनुपस्थिति में विक्षकों द्वारा दुर्यव्यवहार के लिए क्षमा चाहता हूं।