मधेपुरा : बिहारीगंज- बनमनखी रेलखंड पर आमान परिवर्तन कार्य-तीन साल बाद भी अधूरा, यात्रियों को उठानी पड़ती है परेशानी, व्यापार पर गहरा असर

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प्रिंस कुमार मिठ्ठू
संवाददाता
बिहारीगंज, मधेपुरा

बिहारीगंज/मधेपुरा/बिहार : कार्य की धीमी प्रगति से आम लोगों में आक्रोश व्याप्त है तथा यात्रियों को काफी कठिनाइयों उठानी पड़ रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि रेलवे प्रशासन व ठेकेदार की उदासीनता के कारण ही इस रेलखंड का कार्य अब तक पूरा नहीं हो पा सका है। क्षेत्र के लोग आस लगाए हुए थे कि जल्द ही बनमनखी तक रेल सेवा चालू हो जाएगा लेकिन यह उम्मीद फिलहाल पूरी होती नजर नहीं आ रही है।

 विभागीय अधिकारियों के अनुसार 31 मार्च 2018 तक इस रेलखंड पर रेल सेवा चालू करने का दावा किया गया था। ज्ञात हो कि जनवरी 2016 में ही रेलवे ने मीटर गेज लाइन को बंद कर बड़ी रेल लाइन बनाने का निर्णय लिया था। 27 किलोमीटर के कार्य की गति धीमी होने के कारण निर्माण कार्य आज भी अधूरा पड़ा है।

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बिहारीगंज रेलवे स्टेशन खंडहर में तब्दील

इस रेलखंड पर परिचालन बंद होने के कारण बिहारीगंज रेलवे स्टेशन खंडहर में तब्दील हो चुका है। इसका असर ठेला और रिक्शा चलाने वाले तथा मजदूर वर्ग के लोगों पर पड़ा है। बिहारीगंज एवं सीमावर्ती इलाके के व्यापारियों के व्यापार पर खासा असर भी पड़ा है। बिहारीगंज रेलवे गोदाम भिखारियों का अड्डा बन चुका है।

यात्रियों को करना पड़ रहा है परेशानियों का सामना
रेल परिचालन बंद होने के कारण यात्रियों को बस से सफर करना पड़ रहा है। कुछ यात्रियों ने बताया कि 27 किलोमीटर की दूरी तय करने में 3 से 4 घण्टे लग जाते हैं और किराया भी ज्यादा लगता है। ट्रेन से जहां 20 रुपये लगते थे अब बस या अन्य सवारीगाड़ी से जाने पर 80 रुपये लग जाते हैं।

रेलवे अधिकारियों के अनुसार 2019 में आमान परिवर्तन का कार्य पूरा कर लिया जाएगा। क्षेत्र के लोग इसी आस में हैं कि जल्द रेल परिचालन शुरू हो।


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