मधेपुरा : एक वर्ष की सेवा पूरी कर चुके असिस्टेंट प्रोफेसर की होगी सेवासंपुष्ट, विश्वविद्यालय ने माँगा सीसीआर

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अमित कुमार
उप संपादक

मधेपुरा/बिहार : बीएनएमयू में एक वर्ष की सेवा पूरी कर चुके असिस्टेंट प्रोफेसर की सेवा शीघ्र संपुष्ट की जाएगी। इसके लिए विधिवत प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। इसी कड़ी में कुलसचिव कर्नल नीरज कुमार ने विश्वविद्यालय का प्रत्रांक जीएस (एसवाईएनडी. सीओएमपी.-422/19, दिनांक-18.3.19 जारी किया है। इसमें सभी प्रधानाचार्यों एवं विभागाध्यक्षों अनुरोध किया गया है कि 28 जनवरी, 2019 तक एक वर्ष पूरा कर चुके नवनियुक्त असिस्टेंट प्रोफेसरों का सीसीआर एवं सेवासंपुष्टि प्रस्ताव पंद्रह दिनों के अंदर कुलसचिव कार्यालय में जमा कराएं।

पत्र में यह बताया गया है कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी), नई दिल्ली द्वारा नवनियुक्त असिस्टेंट प्रोफेसरों की परीक्षीयमान अवधि एक वर्ष की गई है। विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में शिक्षकों एवं अन्य अकादमिक स्टाफों की न्यूनतम योग्यता संबंधी यूजीसी नियमावली-2018 की कंडिका 11.1 में इसका स्पष्ट उल्लेख है। इस बावत भारत सरकार का गजट-271, 18 जुलाई, 2018 को प्रकाशित हुआ है।

तदुपरांत बी. एन. मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा में भी नवनियुक्त असिस्टेंट प्रोफेसरों ने परीक्षीयमान अवधि एक वर्ष करने हेतु आवेदन दिया था।

सिंडीकेट में हो चुका है निर्णय
विश्वविद्यालय अभिषद् की पाँच नवंबर, 2018 की बैठक में भी यह मामला उठा। उसमें इस मामले में तथ्यों का संकलन कर समुचित कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया। पुनः, 27 जनवरी, 2019 को विश्वविद्यालय द्वारा जारी अनुपालन प्रतिवेदन में कहा गया कि विश्वविद्यालय द्वारा इस मामले में कार्रवाई की जा रही है।

जनसंपर्क पदाधिकारी ने कुलपति को दिया आवेदन
इस कार्रवाई को गति प्रदान करने हेतु नवनियुक्त असिस्टेंट प्रोफेसर (दर्शनशास्त्र) सह जनसंपर्क पदाधिकारी डाॅ. सुधांशु शेखर ने गत 8 मार्च को कुलपति डाॅ. अवध किशोर राय को एक आवेदन दिया है। आवेदन में परीक्षीयमान अवधि एक वर्ष करने का निर्णय लेने हेतु विश्वविद्यालय सिंडीकेट और कुलपति के प्रति आभार व्यक्त किया था। साथ ही पूरी प्रक्रिया को यथाशीघ्र पूरा करने की माँग की थी।

मिलेगी कई सुविधाएँ
जनसंपर्क पदाधिकारी ने बताया कि सेवासंपुष्टि होने से नवनियुक्त असिस्टेंट प्रोफेसरों को कई सुविधाएँ प्राप्त हो सकेंगी। उन्हें विभिन्न अवकाशों का समुचित लाभ मिल सकेगा। साथ ही वे शोध-निदेशक भी बन सकेंगे। इससे विश्वविद्यालय में पी-एच. डी. नामांकन हेतु सीट भी बढेगी और अधिकाधिक विद्यार्थियों को अवसर मिल पाएगा। मालूम हो कि यूजीसी के नियमानुसार असिस्टेंट प्रोफेसर एक साथ चार शोधार्थियों को शोध करा सकते हैं।

कुलपति ने कहा
कुलपति ने कहा कि वे सभी शिक्षकों, कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों की समस्याओं का समाधान करने हेतु प्रतिबद्ध हैं।उन्होंने मई 2017 में कुलपति के रूप में योगदान दिया था। उस समय यहाँ बीपीएससी से चयनित दर्शनशास्त्र एवं अंग्रेजी के असिस्टेंट प्रोफेसर अपनी नियुक्ति हेतु प्रतीक्षारत थे। हमने महज चार दिनों के अंदर उनकी नियुक्ति का पत्र जारी किया। आगे अन्य विषयों में भी शिक्षकों की अविलंब नियुक्ति की गई। हम शीघ्र ही एक वर्ष सेवा पूरी कर चुके असिस्टेंट प्रोफेसरों की सेवासंपुष्टि की जाएगी। उन्होंने सभी प्रधानाचार्यों एवं विभागाध्यक्षों को निदेश दिया है कि इस कार्य को प्राथमिकता दें।


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