खबर का असर : खबर पब्लिश होते ही प्रशासन हरकत में, शराब पीने और पिटाई के आरोप में जेलर गिरफ्तार, डीएम के निर्देश पर जांच टीम गठित 

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प्रिंस कुमार मिठ्ठू
संवाददाता
बिहारीगंज, मधेपुरा

उदाकिशुनगंज/मधेपुरा/बिहार : उदाकिशुनगंज जेल में कार्यरत महिला कक्षपाल सावित्री साव के साथ रविवार की देर रात शराब पीकर मारपीट करना जेल उपाधीक्षक भोला प्रसाद को मंहगा पड़ गया, आज सुबह यह मामला मंजरआम पर आते ही इस घटनाक्रम की खबर    “द रिपब्लिकन टाइम्स” के Youtube Channel (http://www.youtube.com/c/TheRepublicanTimes) पर प्रमुखता के साथ पब्लिश की गई। खबर पब्लिश होते ही जिला जिलाधिकारी नव दीप शुक्ला ने मामले को गंभीरतापूर्वक संज्ञान में लेते हुए एसडीएम एसजेड हसन को एक जाँच टीम गठित कर पुरे मामले की हर बिंदु पर जांचकर कर कारवाई करने का निर्देश दिया।

जिसके बाद आरोपी जेल उपाधीक्षक भोला प्रसाद को हिरासत में लेते हुए उनका मेडिकल करवाया गया जिसमें डॉक्टर द्वारा शराब पीने की पुष्टि की गई जिसके बाद पीड़ित महिला पुलिसकर्मी के आवेदन के आलोक प्राथमिकी दर्ज करते हुए जेल उपाधीक्षक भोला प्रसाद को गिरफ्तार कर लिया गया ।

क्या है पूरा मामला

इस घटना से गुस्साए जेल में तैनात महिला और पुरुष पुलिसकर्मियों ने सोमवार के अहले सुबह उप कारा के मेन गेट के सामने जेल उपाधीक्षक के इस रवैये के खिलाफ जमकर बवाल काटा। जेल गेट के पास एकत्रित होकर पुलिसकर्मियों ने हंगामा किया। वहीं आरोपी कारा उपाधीक्षक पर कार्रवाई की मांग की। पुलिसकर्मियों की टीम ने एसडीएम एसजेड हसन से मिलकर आवेदन सौंपा। जिसमें कार्रवाई का आग्रह किया। जिलाधिकारी के निर्देश पर एसडीएम ने उदाकिशुनगंज के अंचलाधिकारी विजय कुमार राय और थानाध्यक्ष जेके सिंह के नेतृत्व में शराब मामले की जांच के लिए टीम गठित की। मेडिकल जांच में कारा उपाधीक्षक के शराब पीने की पुष्टि हुई है।

वहीं डीएम नवदीप शुक्ला ने मामले को गंभीरता से लेते हुए उदाकिशुनगंज एसडीएम एसजेड हसन, एसडीपीओ सीपी यादव और उत्पाद अधीक्षक अमृता प्रीतम के नेतृत्व जांच टीम गठित की। टीम पूरे मामले की जांच कर रही है। फिलहाल कारा उपाधीक्षक पर शराब पीने और महिला कक्षपाल के साथ मारपीट करने के आरोप में दो अलग – अलग प्राथमिकी दर्ज की है। पुलिस ने आरोपित कारा उपाधीक्षक को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस द्वारा बताया कि मामले में गिरफ्तार कारा उपाधीक्षक को जेल भेजा जाएगा।

आरोपी उपाधीक्षक ने इस घटनाक्रम को बताया साजिश

 इस घटना के बारे में कारा उपाधीक्षक भोला प्रसाद शर्मा का कहना है कि महिला कक्षपाल सावित्री साव डियूटी के समय मोबाइल से बात कर रही थी। डियूटी के समय पास में मोबाइल रखना जेल नियम के विरुद्ध है। महिला कक्षपाल को उसी समय डियूटी से हटा दिया गया। उसके बाद जेल के कुछ कर्मियों ने उन पर राजनैतिक साजिश रचकर गलत आरोप लगाया।

जबकि महिला कक्षपाल सावित्री ने बताया कि वह वाच टावर संख्या एक पर 12 बजे रात्रि से सुबह तीन बजे तक की डियूटी में थे। करीब साढे 12 बजे कारा उपाधीक्षक अचानक उसके पास आए और गाली गलोज देते हुए मारपीट करना शुरू कर दिए। कारा उपाधीक्षक ने उसके साथ अभद्रता की। इस घटना को कई पुरुष और महिला पुलिसकर्मियों ने देखा। कुछ पुलिस वालो ने बीच बचाव किया। उसके बाद कारा उपाधीक्षक शांत हुए। उन्होंने मोबाइल पास में रखने की बात से इनकार की।  वहीँ कक्षपाल रोशन कुमार ने बताया कि मेरा ड्यूटी जेल गेट पर था। रात करीब 1:00 बजे के आसपास महिला कक्ष पाल आई उन्होंने कहा गेट खोलिए, मैंने गेट खोल दिया। मैंने पूछा क्या बात है तो महिला कक्षपाल बताई कि जेलर साहब जांच में आ रहे हैं। करीब 10 मिनट के बाद जेलर साहब हाथ में एक मोबाइल लेकर लिपिक राहुल कुमार शर्मा के साथ आए और महिला कक्ष पाल को अभद्र गाली देते हुए मोबाइल को जमीन पर पटक दिए और उसे पैरों से कुचल दिया और उसके बाद गर्दन पर हाथ देकर मारपीट करने लगा। साथ में आए लिपिक राहुल कुमार शर्मा ने जेलर का हाथ पकड़ और बीच बचाव कर समझा-बुझाकर वापस लेकर चले गए, जाते-जाते जेलर आदेश देते गए कि रात भर इसे जेल के अंदर ही बिठाकर रखना।

इस बात को लेकर पुलिस कर्मी कारा उपाधीक्षक के खिलाफ हो उठे। सोमवार की अहले सुबह पुलिसकर्मियों ने हंगामा शुरू किया। जेल के बाहर घंटो बवाल होता रहा। पुलिस कर्मी आरोपी जेलर के विरुद्ध कार्रवाई की मांग कर रहे थे। पुलिसकर्मियों ने घटना की सूचना संघीय नेताओं के अलावा वरीय अधिकारी को दूरभाष पर दी। पुलिसकर्मियों की टीम एसडीएम आवास जाकर कार्रवाई के लिए आवेदन दिया। एसडीएम ने सीओ के नेतृत्व में जांच टीम गठित की। जांच में शराब पीने की पुष्टि हुई। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा. डीके सिन्हा ने बताया कि कारा उपाधीक्षक के शरीर में 149. 01 एल्कोहल की मात्रा पाई गई।

बहरहाल इस घटना के पीछे असल कारण क्या है यह तो जान पूरी होने के बाद ही सामने आएगा, लेकिन जेलर का शराब पीने की पुष्टि और महिला पुलिसकर्मी के साथ गलत व्यवहार अपने-आप में जेल उपाक्षक पर कई संगीन सवाल खड़े कर दिये हैं।


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