पटना : इत्तेहाद कॉन्फ्रेंस एकता सम्मेलन में देश की एकता व अखंडता को बरकरार रखने का लिया गया संकल्प

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देश मे नफरत का माहौल बनाया जा रहा है, ऐसी शक्तियों के खिलाफ मिलजुलकर लड़ने की जरूरत है- दलित मुस्लिम एकता मंच, बिहार 

इत्तेहाद कॉन्फ्रेंस एकता सम्मेलन पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित हुआ  सम्मेलन के माध्यम से दलित मुस्लिमों के हितों को ध्यान में रखते हुए कुछ प्रस्ताव रखे गए

टीआरटी डेस्क

पटना/बिहार : देश की आजादी में हिन्दू, मुस्लिम, सिख ईसाई सभी ने बराबर का हिस्सा लिया है।  हमारा संविधान विश्व के सर्वश्रेष्ठ संविधान की श्रेणी में आता है जिसमें धार्मिक स्वतंत्रता, भाषा की स्वतंत्रता, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और अपने अधिकारों एवं कर्तव्य की प्राप्ति की स्वतंत्रता बगैर किसी भेदभाव के प्रदान की गई है, किंतु हमारा देश आज  काफी नाजुक दौर से गुजर रहा है। देश में जातिवाद, संप्रदायिकतवाद, छुआछूत के नाम पर वोट की प्राप्ति के लिए हमारी एकता को छिन्न भिन्न किया जा रहा है। ऐसी संप्रदायिक शक्तियों से मिलकर लड़ने की जरूरत है।  उक्त बातें दलित मुस्लिम एकता मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष हाजी अलीम अंसारी ने “इत्तेहाद कॉन्फ्रेंस एकता सम्मेलन” को संबोधित करते हुए कहीं।

दलित मुस्लिम एकता मंच बिहार के बैनर तले इस सम्मेलन को देश के विभिन्न स्थानों से आये मुख्य अतिथियों व वक्ताओं ने संबोधित किया। पटना स्थित श्री कृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित कॉफ्रेंस को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि दलित मुस्लिम एकता कायम कर सशक्त रूप से अपनी आवाज को बुलंद करने का वक्त आ गया है ताकि संविधान की सुरक्षा के साथ साथ लोकतांत्रिक व्यवस्था को बचाया जा सके। आज जरूरत है कि देश मे पनप रही साम्प्रदायिक शक्तियों की नापाक कोशिशों को नाकाम किया जाय। आज देश मे राजनीतिक पार्टियां विकास के मुद्दों को नजरअंदाज कर साम्प्रदायिक माहौल बनाकर, नफरत के जहर फैलाकर वोट की राजनीति कर रही है और अपनी गद्दी को बचाने की कोशिश कर रही है। महंगाई बेरोजगारी के मुद्दे को गौण कर गाय, मंदिर मस्जिद आदि जैसे मुद्दे सामने लाकर आम जनता को गुमराह किया जा रहा है। ऐसी शक्तियों को मुंहतोड़ जवाब देने की जरूरत है।  इस सम्मेलन के माध्यम से  आह्वान किया गया कि भारत हमारा है, और इस पर कभी कोई आंच नहीं आने दिया जाएगा। “भारत के तीन कप्तान -दलित, पिछड़ा और मुसलमान” के नारे के साथ मुल्क की एकता व  अखंडता को अक्षुण्ण रखने की बात दुहराई गयी।

इस मौके पर कुछ प्रस्ताव रखे गए जो निम्न हैं:-

(1)  बिना किसी भेदभाव के देश की एकता बरकरार रखने का प्रयास करना

(2) तांती बुनकरों की तर्ज पर मुस्लिम बुनकरों को भी एससी का लाभ मिले

(3) अति पिछड़ा और मुसलमानों को आबादी के अनुसार राजनीतिक हिस्सेदारी दिलाने का प्रयास

(4) दलित मुस्लिम एकता मंच शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार आदि के लिए जागरूकता अभियान चलाएगी।

(5) दलित मुस्लिम के बच्चे बच्चियों जो मैट्रिक, इंटर व स्नातक पास हैं, उनका सर्वे करना और समुचित लाभ दिलवाने के प्रयास करना।

(6) अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लिए राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे  योजनाओं का लाभ बेरोजगार युवक युवतियों को दिलाने का प्रयास करना।

सम्मेलन को अवकाश प्राप्त IAS एवं अम्बेडकर मिशन के अध्यक्ष बुद्धा शरण हंस, मौलाना अताउर्रहमान, दलित मुस्लिम एकता मंच के संरक्षक मो०उस्मान आदि भी ने संबोधित किया, इस “इत्तेहाद कॉन्फ्रेंस एकता सम्मेलन” में बिहार के सभी जिलों से भारी तादाद में लोगों ने हिस्सा लिया।


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