मधेपुरा : भूपेन्द्र बाबू की विचारधारा आज भी बीएनएमयू में खुशबु की तरह मौजूद है- कुलपति

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अमित कुमार
उप संपादक

मधेपुरा/बिहार : भूपेन्द्र नारायण मंडल का जीवन हमारे लिए आदर्श है. वे समाज के लिए ही जीए और समाज के लिए ही मरे। इसलिए वे मनीषी हैं, क्योंकि वही मनुष्य महान होता है, जो मानवता के प्रति समर्पित होता है।

उक्त बातें शुक्रवार को विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित भूपेन्द्र नारायण मंडल जयंती समारोह की अध्यक्षता करते हुए बीएनएमयू कुलपति प्रो डा अवध किशोर राय ने कही। कुलपति ने कहा कि भूपेन्द्र बाबू समाजवादी विचारधारा के स्तंभ थे। उनकी विचारधारा आज भी इस विश्वविद्यालय में खुशबु की तरह मौजूद है। हमें गर्व है कि इस विश्वविद्यालय का नामकरण भूपेन्द्र बाबू के नाम पर किया गया है। कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय परिसर में भूपेन्द्र बाबू की प्रतिमा हमारी प्रेरणास्रोत है। इसे देखकर हमारे अंदर यह भाव जगता है कि हम इनके पदचिह्नों पर चलें।

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शिक्षा की मशाल जलाने में अग्रणी भूमिका
कुलपति ने कहा कि भूपेन्द्र बाबू ने कोसी में शिक्षा की मशाल जलाने में अग्रणी भूमिका निभाई। वे यह मानते थे कि शिक्षा के माध्यम से ही हम मानव जीवन को ऊपर उठा सकते हैं और समाजवाद के सपनों को साकार किया जा सकता है।

प्रति कुलपति प्रो डा फारूक अली ने कहा कि हम महापुरुषों के आदर्शों को अपने जीवन में अपनाएं। यही उनके प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी। डीएसडबल्यू डा शिवमुनि यादव ने कहा कि आज भारतीय राजनीति में समाजवादी विचारधारा ही प्रबल है। कुलसचिव कर्नल नीरज कुमार ने कहा कि समाजवाद ही भारतीय राजनीति का केन्द्र है। अन्य विचारधाराएं आएंंगी और जाएंंगी, लेकिन समाजवाद हमेशा कायम रहेगा। साहित्यिकार डाभूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी ने कहा कि भूपेन्द्र बाबू डा राममनोहर लोहिया के अत्यंत करीबी थे।

इस अवसर पर वित्त परामर्शी सुरेश चंद्र दास, सिंडीकेट सदस्य डा परमानंद यादव, सिनेटर डा नरेश कुमार, शिक्षक नेता डा अशोक कुमार, उप कुलसचिव अकादमिक डा एमआई रहमान, पीआरओ डा सुधांशु शेखर, शैलेन्द्र कुमार, डा आरसीमंडल, डा रीता सिंह आदि उपस्थित थे।

कार्यक्रम का संचालन पृथ्वीराज यदुवंशी ने किया, धन्यवाद ज्ञापन विकास पदाधिकारी डा ललन प्रसाद अद्री ने की। कार्यक्रम की शुरुआत में कुलपति और सभी उपस्थित लोगों ने भूपेन्द्र बाबू की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। कार्यक्रम के अंत में सबों को विश्वविद्यालय का वार्षिक प्लानर बांटा गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक वर्षों तक चलने वाले रजत जयंती समारोह की विधिवत घोषणा की।


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