मधेपुरा : सरकार अगर हमारी 10 सूत्री मांगों को नहीं मानेगी तो लोकसभा चुनाव में दबेगा नोटा- जीविका कैडर संघ

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अमित कुमार
उप संपादक

मधेपुरा/बिहार : शुक्रवार को बिहार प्रदेश जीविका कैडर संघ के जिला इकाई द्वारा अपनी मांगों को लेकर शहर में रैली निकाली गई। यह रैली मधेपुरा महाविद्यालय के प्रांगण से निकल कर पश्चिमी बाईपास होकर शहर की मुख्य मार्ग होते हुए जिला मुख्यालय स्थित कला भवन के समक्ष पहुंचकर धरना में तब्दील हो गई।. इस दौरान संघ सदस्यों ने जमकर सरकार विरोधी नारे लगाए।

मौके पर उपस्थित बिहार प्रदेश जीविका कैडर संघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप कुमार सिंह ने कहा कि जीविका महिला सशक्तिकरण के लिए बिहार सरकार की एक परियोजना है। जिससे बिहार की करोड़ों महिलाएं जुड़ी हुई है, जो विभिन्न सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। मानव श्रृंखला, वित्तीय साक्षरता, शराबबंदी, मनरेगा सर्वेक्षण, विद्यालय निरीक्षण, स्वच्छता और शौचालय निर्माण योजना जैसी कई उदाहरण है। इसके बावजूद सरकार हम लोगों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है, सरकार जीविका को सिर्फ वोट बैंक के रूप में दिखती है और यूज़ करती है। लेकिन अब यह सब चलने वाला नहीं है। सरकार अगर हमारी 10 सूत्री मांगों को नहीं मानती है तो जीविका से जुड़े करोड़ों जमीन स्तर के कार्यकर्ताओं और जीविका दीदियों आगामी लोकसभा चुनाव में नोटा दवाएगी।

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वहीं संघ के प्रदेश महासचिव विवेक कुमार ने कहा कि सरकार को चाहिए कि संघ की मांगों पर गंभीरता पूर्वक विचार करें नहीं तो सरकार अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहें। किसी भी कीमत पर जीविका कैडरों और दीदियों का शोषण नहीं होने देंगे। मधेपुरा जिलाध्यक्ष कविता कुमारी ने कहा कि जीविका सिर्फ कहने को रह गई है। महिला सशक्तिकरण की परियोजना में लूट – खसोट, शोषण और प्रताड़ना चल रहा है। सरकार को हमारी जायज मांगों के साथ साथ में इन सब मुद्दों पर भी पहल करनी होगी।

 अपनी मांगों से अवगत कराते हुए संघ ने कहा कि कैडरों को जीविका की ओर से नियुक्ति पत्र, पहचान पत्र और निर्धारित ड्रेस मिले, मानदेय कंट्रीब्यूशन सिस्टम पर अविलंब रोक लगाई जाए, मानदेय का भुगतान नियमित और बैंक खाते में हो, काम से हटाने की धमकी पर रोक लगे और धमकी देने वालों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए, प्रखंड स्तर पर काम करने वाले कैडर का मानदेय 18 हजार, संकुल स्तर पर 15 हजार, ग्राम संगठन स्तर पर 13 हजार, स्वयं सहायता समूह स्तर पर 12 हजार रुपए प्रतिमाह हो और सरकार इन सबों की नौकरी कम से कम 60 वर्ष तक तय करें, सभी कैडरों को क्षेत्र भ्रमण के लिए प्रखंड स्तर पर चार हजार, संकुल स्तर पर तीन हजार, ग्राम संगठन स्तर पर दो हजार, स्वयं सहायता समूह स्तर पर एक हजार रुपया यात्रा भत्ता मिले, सभी अध्यक्ष सचिव और कोषाध्यक्ष को संकुल स्तर पर पांच सौ, ग्राम संगठन अख्तर पर तीन सौ, स्वयं सहायता समूह स्तर पर दो सौ रुपये बैठक भत्ता मिले,  स्वयं सहायता समूह को आईसीएफ और आरएफ के रूप में मिलने वाली राशि एक लाख हो, परियोजना में 3 साल पूरा करने वाले कैडरों के लिए स्टाफ के रूप में पदोन्नति की व्यवस्था हो, सभी कैडरों को सामाजिक सुरक्षा का लाभ, अवकाश, महिला कैडरों को विशेष अवकाश, मातृत्व अवकाश, डेढ़ लाख मेडिक्लेम एवं पांच लाख का हेल्थ क्लेम मिले।

 इस मौके पर प्रदेश उपाध्यक्ष मनोज यादव, प्रदेश कोषाध्यक्ष चंदन कुमार, खगड़िया जिला अध्यक्ष प्रवीण कुमार, जिला महासचिव सुमन कुमार, जिला कोषाध्यक्ष वशिष्ठ कुमार, सहरसा जिला अध्यक्ष पिंटू कुमार, शोभा देवी, पिंकी देवी, मधु देवी, चंदा देवी, नीतू कुमारी सहित हजारों कैडर एवं दीदीयां शामिल थी।

 धरना के बाद संघ के प्रतिनिधियों ने मांग पत्र जिला पदाधिकारी को सौंपा।


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