छातापुर/सुपौल/बिहार : छातापुर प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न पंचायतों के छठ घाटों पर लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा का समापन बुधवार की सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य के साथ हुआ ।
इस दौरान हजारों लोगों, विशेषकर महिलाओं ने ठंड की परवाह किए बगैर नदियों में डुबकी लगाई और उगते सूर्य की प्रार्थना की।
एक सप्ताह पहले से ही इस त्योहार की तैयारियां शुरु हो गई थी। कहीं कहीं तालाब न होने के कारण लोगों ने पानी एकत्र कर अस्थायी तालाब बना कर पूजा की। लोक आस्था का महापर्व छठ के तीसरे दिन मंगलवार को डूबते सूर्य को अर्घ्य देने, बुधवार की सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य के लिए नदी के तट पर, कुछ स्थानों पर बनाये गये तालाबों और नहरों में हजारों की संख्या में भक्त इकट्ठा हुए।
प्रखंड मुख्यायल पंचायत सहित नरहैया, रामपुर, चुन्नी, घीवाहा, डहरिया, चकला, लालपुर, गीधरपट्टी कालोनी, माधोपुर, जीवछपुर, लालगंज, खूंटी, हरिहरपुर, महमदगंज आदि गांव में धूमधाम से डूबते एवं सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही यह त्योहार शुरू हुआ।
यह हिन्दुस्तानी संस्कृति को प्रदर्शित करता है और यह बताता है कि सिर्फ उगते सूर्य की नहीं डूबते सूर्य को भी हम नमस्कार करते हैं।
चार दिवसीय पूजा में पहला दिन रविवार को नहाय खाय, सोमवार को खरना पर श्रद्धालुओं ने पूरा दिन उपवास रख कर भगवान सूर्य की पूजा की ।
व्रत रखने वालों ने दूध और गुड़ से बनी खीर का प्रसाद सिर्फ एक बार खाया । तीसरे दिन पूरा दिन उपवास रखने के बाद व्रती श्रद्धालुओं ने शाम को डूबते सूर्य को पहला अर्घ्य दिया। बुधवार को सभी व्रती महिलाएं तड़के सुबह उगते हुए सूरज को दूसरा अर्घ्य दिया । इसके बाद घाट पर छठ माता को प्रणाम कर उनसे संतान रक्षा का वरदान मांगा । अर्घ्य देने बाद घर लौटकर सभी में प्रसाद बांट कर फिर व्रती खुद भी प्रसाद खाकर व्रत खोलता है।
यहाँ बता दें कि छठ पूजा का त्यौहार पहले केवल बिहार, उत्तर प्रदेश और उड़ीसा में ही मनाया जाता था। धीरे-धीरे सारे भारत वर्ष में इस त्यौहार का महत्व बढ़ता गया और लोगों को इस त्यौहार के प्रति लोगों की आस्था पड़ती गई और आज यह त्योहार बिहार के साथ उड़ीसा, कोलकाता, उत्तर प्रदेश सहित पंजाब हरियाणा के साथ विश्व भर मैं मनाया जाता है।
इस त्यौहार का महत्व इस लिहाज से और बड़ जाता है कि इस त्यौहार से पहले परिवार के मुख्य सदस्य अपने बच्चों की सुख समृद्धि के लिए चार दिन का उपवास रखते है।
इस मौके पर मंडल मीडिया प्रभारी रामटहल भगत, मुखिया प्रतिनिधी संजीव कुमार भगत, व्यापर मंडल अध्यक्ष गौरी शंकर भगत, युवा कमिटी अध्यक्ष मकसूद मसन, डहरिया सरपंच अरुण कुमार मंडल, विनोद यादव, अभिलाष कुमार, युवा नेता बिमल झा, कृष्णा मिश्रा उर्फ कन्हैया, राजा सिंह बाबू , श्याम कुमार, अंबेदकर कुमार सिंह, मो अजीम, मो नवीन आदि लोग मौजूद थे । वहीं बीडीओ अजीत कुमार सिंह, सीओ सुमीत कुमार सिंह, छातापुर थानाध्यक्ष अनमोल कुमार ने कई घाटो पर जाकर निगरानी कर रहे थे । शुरक्षा का पुख्ता इंतजाम देखा गया ।