मधेपुरा/बिहार : भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के आ अनमोल रत्न भगत, राजगुरु, सुखदेव की शहादत दिवस और डॉ राम मनोहर लोहिया की जयंती के मौके पर बिजली बोर्ड के समीप एआईवाईएफ कार्यालय में उनकी तस्वीर पर माल्यार्पण कर उन्हें याद किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संगठन के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य शम्भु क्रांति ने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन में गरम दल के सबसे बड़े नाम शहीदे आजम भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव की शहादत से युवाओं मे राष्ट्रप्रेम ने जहां उफान लिया, वहीं डॉ राम मनोहर लोहिया आजादी के आंदोलन में अहम भूमिका निभाने के साथ भारतीय राजनीति के बिंदास और बेबाक छवि के रूप में जाने गए।
एआईवाईएफ के जिला सचिव सौरव कुमार ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि आजादी के सात दशक बाद भी उनके सपने का देश नहीं बन पाना दुखद है। खासकर हर विकास की चाभी शिक्षा के स्तर के प्रति सरकारों की उदासीनता विचारणीय है। आज के दौर में जाति – धर्म, मन्दिर – मस्जिद की राजनीति दुखद होने के साथ-साथ ऐसे राष्ट्र भक्तों के सपनों पर चोट है, इसका मूल कारण योग्य लोगों का राजनीति से दूर होना और मंथन कर निदान की पहल नहीं करना है। उन्होंने कहा कि अमर शहीदों की कुर्बानी से ही भारत आजाद हुआ और देश यहां तक पहुंचा । वर्तमान छात्र युवा की जिम्मेदारी है कि उनके सपनों को साकार करने का प्रण लें। जिला सचिव सौरव ने कहा कि एआईवाईएफ लगातार अपने अमर विभूतियों को याद कर उनके विचारों को समाज के हर वर्ग तक पहुंचाने का काम करता है। महापुरुषों के सपनों का समाज व देश बनाना एआईवाईएफ का संकल्प और उद्देश्य है। भारत हर क्षेत्र में शिखर पर हो इसके लिए हर स्तर पर संघर्ष जारी है।
इस अवसर पर राजा, दिलखुश, गुड्डू, रामकृष्ण, अमन, विक्रम, सुमित, बिरेंद्र आदि मौजूद रहे।
नियाज अहमद उर्फ महताब